छात्र संघ ने फाइनल ईयर की परीक्षा रद्द कराने को लेकर एवं कालेजों की 6 माह की फीस माफी के लिए केन्द्रीय सरकार,विश्वविद्याल अनुदान आयोग से अनुरोध किया अशोक कुमार कौशिक नारनौल । आज राजकीय महाविद्यालय नारनौल के छात्र संघ अध्यक्ष शुभम कौशिक ने विश्वविद्याल अनुदान आयोग से फाइनल ईयर के छात्रों को बिना परीक्षा के पास करने तथा सभी स्कूल-कॉलेजों की 6 माह की फीस माफ करने की मांग की हैं। शुभम कौशिक ने कहा कि हाल ही में यूजीसी ने फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं कराने को लेकर के गाइडलाइन जारी की हैं जिसमें पूरे देश के फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं करवाना अनिवार्य बताया गया हैं जबकि यूजीसी की ही गाइडलाइन पर हरियाणा समेत कई प्रदेश परीक्षा ना कराने का फैसला ले चुके थे। कौशिक ने कहा कि कोरोना महामारी का प्रकोप आये दिन बढ़ता जा रहा हैं, जहाँ हमारा देश 7वें नंबर पर हुआ करता था आज तीसरे नंबर पर आ चुका हैं और ना ही अभी तक कोई दवाई बन पाई हैं। ऐसे घातक समय में छात्रों की परीक्षाएं लेने का फैसला लिया है जबकि ना तो लोकसभा सत्र बुलाया जा रहा हैं और ना ही किसी प्रदेश में विधानसभा सत्र बुलाये जा रहे हैं। ऐसे में परीक्षाएं कराना छात्रों को मौत में मुँह में धकेलना हैं। वहीं शुभम कौशिक ने छात्रों की दूसरी समस्या के बारे में कहा कि आज भाजपा सरकार प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों की मनमानी को चुपचाप बैठकर देख रही हैं। कोरोना महामारी के कारण पूरे देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा हैं, लोगों को अपना जीवनयापन करने में भी परेशानी आ रही है तो ऐसे में फीस कहाँ से भरेंगे? शुभम कौशिक ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा की दोगली नीति आज देश के युवाओं को पता चल चुकी है। इनकी कहनी और कथनी में जमीन आसमान का अंतर दिख रहा हैं। उन्होंने अपनी दोनों मांगो पर जोर देते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी को ध्यान में रखते हुए केंद्र की भाजपा सरकार को छात्रहितों में फैसला लेना चाहिए और फाइनल ईयर के छात्रों को बिना परीक्षा लिए पास कर देना चाहिए। इसके साथ ही सभी स्कूल-कॉलेजों की 6 माह की फीस माफ कर देनी चाहिए। Post navigation बार काउंसिल का ऑनलाईन वोटिंग का निर्णय, लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन करने वाला होगाः मनीष वशिष्ठ रुपयों से भरा खोया पर्स धीरज शर्मा ने लौटाया तो सभी ने कहा ईमानदारी अभी जिंदा है