मंगलवार को होगी 20000 करोड़ की परियोजनाओं की शुरुआत.
सुबे में सावन का मंगल होगा भाजपा के लिए मंगलकारी.
सड़क परियोजना को बड़ौदा उपचुनाव से  जोड़ा जा रहा

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । इंद्र को वर्षा अर्थात बरसात का देवता कहा गया है । सावन का महीना चल रहा है और इस सुहाने सावन के माह में ही बरौदा उपचुनाव को लेकर भी विभिन्न राजनीतिक दल मानसूनी बादलों की तरह गरज रहे हैं । इन सबके बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह मिलकर मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी की मेहरबानी से सुबे में सड़क परियोजनाओं के लिए 20000 करोड रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए एक प्रकार से सभी विपक्षी दलों पर बरसेंगे ।

कोई भी गांव हो , शहर हो , नगर हो , महानगर हो यर देश हो । वहां के विकास और सुविधाओं का आकलन इन सभी को जोड़ने वाले सड़क मार्गों से ही किया जाता है । ऐसा विशेषज्ञों का अपना आकलन रहा है , यदि सड़क मार्ग बिल्कुल सही बाधारहित है तो यह मान लिया जाता है कि विकास का पहिया बिना किसी बाधा के दौड़ रहा है । इस बात में कोई शक शुभा नहीं होना चाहिए कि जब से केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी-दो सरकार आई है , पहले कार्यकाल की तरह ही दूसरे कार्यकाल में भी इस सरकार का सही मायने में सड़क परिवहन व्यवस्था को दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले में लाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है । अब इसी कड़ी में मंगलवार को हरियाणा में 20000 करोड रुपए की विभिन्न सड़क मार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास दिल्ली से ही केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा किया जाएगा ।

इधर बरोदा उपचुनाव सिर पर आ चुके हैं । बरोदा उपचुनाव को सत्तासीन भाजपा सहित विपक्ष ने अपनी अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है । वैसे भी यह राजनीतिक परंपरा चली आ रही है कि जहां कहीं भी सत्तासीन पार्टी की सरकार हो उपचुनाव में उसी पार्टी की विजय तय माना जाता है । अपवाद स्वरूप सत्तासीन पार्टी के प्रत्याशी के हारने के मामले भी मिल सकते हैं , लेकिन फिर भी यह तय मानकर चला जाता है कि जो भी पार्टी सत्तासीन है उपचुनाव में उस पार्टी का ही उम्मीदवार विजयी होगा ।

बरौदा में वैसे अभी तक कमल नहीं खेल सका है और ऐसा लगता है कि सावन माह के दौरान 20000 करोड़ की बरसात करके बीजेपी बऱौदा उपचुनाव में कमल खिलाने के लिए अपना सड़क का जाल ऐसा बिछाना चाहती है कि इस सड़क के जाल में सभी विपक्षी दलों की राजनीति और रणनीति कहीं ना कहीं उलझ कर रह जाए । भीतर खाने विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया भी सुनने को मिल रही है कि बरोदा उप चुनाव से पहले बीजेपी के द्वारा इस प्रकार से भारी भरकम करोड़ों रुपए की परियोजनाओं को आरंभ करना कहीं ना कहीं बरोदा उपचुनाव में संभावित पराजय का भी बने डर का एहसास करा रहा है । बहर हाल यह तो भविष्य के गर्भ में है कि बरोदा उपचुनाव में कौन किस पार्टी का उम्मीदवार होगा और वहां की जनता किस मुद्दे पर किस पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन करो से विजयी बनाएगी फिर भी यह बात कहने में कोई गुरेज नहीं की सत्तासीन पार्टी के उम्मीदवार को ही सबसे अधिक मजबूत और संभावित विजेता माना जाता आ रहा है ।

इस पूरे प्रकरण में सबसे महत्वपूर्ण दक्षिणी हरियाणा ही है । यहां राव नरबीर सिंह जो कि सूबे की भाजना-1 सरकार में पीडब्न्यूडी मं़त्री रहे, उनके और राव इंद्रजीत सिंह के बीच राजनीतिक 36 का आंकड़ा किसी से भी अन्जान नहीं रहा है। दक्षिणी हरियाणा में अभी भी सड़क मार्ग और सड़क मार्ग के अन्य राज्यों प्रदेशों की कनेक्टिविटी का अभाव महसूस किया जा रहा है, इस लंबे चैड़े प्रोजेक्ट के अंदर इसी बात का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है कि जो 20000 करोड रुपए की विभिन्न सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है । इस परियोजनाओं की सड़कें , राजमार्ग , राज्य मार्ग दिल्ली-गुड़गांव से होते हुए सीधे चंडीगढ़ तक पहुंच रहे हैं । गौर किया जाए तो 20,000 को रुपए की सड़क परिवहन योजना में दिल्ली से निकलते ही गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी-नारनौल-इस्माईलाबाद हाईवे भी शामिल है । रेवाड़ी जिला वैसे भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का अपना घरेलू जिला ही है , इसके साथ ही आगे देखा जाए तो इसी परियोजना में भिवाड़ी-अलवर बायपास रेवाड़ी-नारनौल नेशनल हाईवे अटेली और नारनौल बाईपास , महेंद्रगढ़-चरखी दादरी से चंडीगढ़ तक ग्रीन हाईवे पर योजना भी शामिल है ।

अब बात करते हैं राव इंद्रजीत सिंह के राजनीतिक गढ़ पटौदी की , तो मंगलवार को केंद्रीय मंत्री गडकरी के द्वारा करीब 15 सो करोड़ रुपए परियोजनाओं में राष्ट्रीय राजमार्ग 352 जोकि गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी तक है, इसका भी शिलान्यास किया जाना है । इसके साथ ही रेवाड़ी-नारनौल-राष्ट्रीय राजमार्ग जिसमें की अटेली बाईपास ,नारनौल बाईपास शामिल है और इसकी लागत ढाई हजार करोड रुपए बताई गई है।

इसके बनने के बाद यह सड़क मार्ग सीधे राजस्थान से जुड़ जाएगा और नारनौल-रेवाड़ी के लोगों को सहूलियत मिलेगी । पटौदी में भी करीब 8 किलोमीटर का बाईपास का शिलान्यास किया जाना है । पटौदी बाईपास की मांग करीब 6 वर्ष पुरानी है , बीती योजना में 5 अप्रैल 2016 को मुख्यमंत्री के द्वारा पटौदी में पहली बार आगमन पर डंके की चोट पर ऐलान किया गया था कि 31 दिसंबर 2016 तक पटौदी का बाईपास बन जाएगा । बहर हाल बेशक से देर हुई हो लेकिन किसी मंत्री -नेंता को श्रेय नही देकर यहां यह कहना उचित होगा कि भाजपा ने अपनी रणनीति और लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए ही पटौदी बाईपास को भी बनाने में इस बार कोई बाधा आड़े नहीं आने दी है ।

इसी कड़ी में महेंद्रगढ़ से चरखी दादरी, भिवानी-रोहतक-सोनीपत और कुरुक्षेत्र होते हुए चंडीगढ़ तक जाने वाले एक्सेस कंट्रोल ग्रीन फील्ड हाईवे का भी शिलान्यास किया जाना है । इस परियोजना पर करीब 9000 खर्च किए जाने हैं।  सिक्स लेन के बनने वाले इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण 8 चरणों में होगा।  जिसका रेवाड़ी-महेंद्रगढ़-चरखी दादरी-भिवानी के क्षेत्रों को यह लाभ होगा कि वह इस मार्ग से सीधे बिना किसी बाधा के चंडीगढ़ तक आवागमन कर सकेंगे । यह तो बात रही सावन माह में इंद्र के प्रतीकात्मक नाम वाले राव इंद्रजीत सिंह की तो  नितिन गडकरी दोनों ही मंगलवार को 20000 करोड रुपए की एक प्रकार से बरसात करते हुए पूरे प्रदेश में सड़क परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए माहौल उपलब्ध करवा देंगे । दूसरी ओर विपक्ष भी पीछे नहीं है और 20000 करोड रुपएयोजनाओं को लेकर सीधे-सीधे बरोदा उप चुनाव से पहले आप अपरोक्ष रूप से राजनीतिक लाभ उठाने के भी आरोप लगाने आरंभ किए जा चुके हैं ।

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