गुरूग्राम, 13 जुलाई। नगर निगम गुरूग्राम एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छर जनित बीमारियों(वीबीडी) की रोकथाम के लिए सभी स्तरों पर कार्यरत है। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम गुरूग्राम के कर्मचारी घर-घर जाकर कूलरों, टंकियों, हौदियों व टायर आदि को चैक करके लार्वा के ठहराव वाले स्थानों की सफाई करने तथा मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए नागरिकों को जागरूक कर रहे हैं। अभी तक 382760 घरों का सर्वे किया जा चुका है तथा 90 घरों को नोटिस दिए गए हैं।   

गुरूग्राम के सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव तथा नगर निगम गुरूग्राम के मैडीकल ऑफिसर डा. आशीष सिंगला ने सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि डेंगू व मलेरिया की रोकथाम हेतु सक्रिय रूप से कार्य करें तथा अपने-अपने क्षेत्र में फीवर मास सर्वे व सामुदायिक बैठक तथा लारवीसाइड में लारवानाशक तेल का प्रयोग करते हुए मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि नगर निगम गुरूग्राम और स्वास्थ्य विभाग गुरूग्राम के संयुक्त प्रयासों से पिछले वर्ष डेंगू के 22 व मलेरिया के 15 केस रिपोर्ट हुए थे, जो कि पिछले वर्षों से काफी कम थे। जिले में 49 फोगिंग मशीन उपलब्ध हैं तथा 171 कर्मचारियों को 4 जोन बीट प्रोग्राम के आधार पर बांटा गया है। नगर निगम गुरूग्राम द्वारा जीआईएस लैब के माध्यम से सभी हॉटस्पॉट की निगरानी की जाएगी।

उन्होंने बताया कि पानी ठहरेगा जहां-मच्छर पनपेगा वहां को ध्यान में रखते हुए प्रति सप्ताह हर रविवार को ड्राई डे मनाएं, जिससे कि मच्छर प्रजनन का चक्र रोका जा सके। जिला में एक गमबुजिया फिश हेचरी वजीराबाद में बनाई जा चुकी है तथा एक पटौदी में बनाई जाएगी, जो कि मच्छर के लार्वा को खाती है। इसके साथ सिविल सर्जन द्वारा सभी प्राईवेट अस्पतालों एवं लैब को निर्देशित किया गया है कि वे डेंगू की जांच हेतु 600 रूपए से ज्यादा ना लें। यदि इस बारे में कोई शिकायत पाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।   

उन्होंने डेंगू बुखार के लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अचानक तेज बुखार बुखार आना, सिर के आगे वाले हिस्से, आंखों के पिछले हिस्से तथा शरीर के जोड़ों में जोर से दर्द होना, भूख ना लगना, जी मितलाना व उल्टी आना तथा छह्वाती व ऊपर के हिस्से में दानों का निकलना डेंगू बुखार के लक्षण हैं। इसी प्रकार ठंड लगकर बुधवार आना, आंखों के पिछले हिस्से व जोड़ों मं दर्द आदि मलेरिया के लक्षण है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के लक्षण होने पर तुरंत जांच करवाकर पूर्ण उपचार करवाएं।

कुछ महत्वपूर्ण जानकारी :

 डेंगू एडीज मच्छर के काटने से फैलता है तथा मलेरिया मादा एनोफलीज के काटने से होता है। मच्छर कूलर, पानी के सभी बर्तनों, फूलदार, टंकिंयों, पशु-पक्षियों के पानी पीने के बर्तनों, हौदी आदि में अंडे देते हैं व पनपते हैं। डेंगू एक प्रकार का वायरल बुखार है, जो किसी भी आयु के व्यक्ति को संक्रमित मच्छर के काटने से हो सकता है। इसलिए मच्छरदानी का प्रयोग करें या पूरी बाजू के कपड़े पहनें। कूलर टायरों, पानी के बर्तनों, टंकी आदि में पानी एकत्रित ना होने दें व सप्ताह में इन्हें एक बार अवश्य खाली करें तथा सुखाकर दुबारा से ताजा पानी भरें। ठहरे हुए पानी में मिट्टी का तेल या काले तेल का छिडक़ाव करें, इससे मच्छर का लार्वा समाप्त हो जाएगा। बुखार होने पर डाक्टर की सलाह अवश्य लें, स्वयं ईलाज ना करें तथा एस्प्रीन/डिस्प्रीन/इबुप्रोफेन/डिक्लोफेनाक का प्रयोग कदापि ना करें।

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