-कमलेश भारतीय आजकल क्रिकेट मैच तो हो नहीं रहे । आईपीएल भी नहीं हो रहा और कोरोना ने सीरियल्ज के नये एपीसोड भी बनाने नहीं दिए । ऐसे में मनोरंजन और रोमांच का जिम्मा राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने उठाया है । यदि कहा जाये कि सबसे रोमांचक राजस्थान सरकार गिराने या बचाने का मुकाबला है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी । सरकार बचाने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगे हैं जी जान से और इतना भी भूल गये कि सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री हैं , उन्हें नोटिस न थमाया जाये पर अब तो जो होना था , हो चुका । तीर कमान से निकल चुका और सचिन इतने आहत और घायल हुए कि सरकार गिराने चल पड़े । कांग्रेस हाईकमान को चेतावनी देते कपिल सिब्बल ने कहा कि तब कार्यवाही करोगे जब घोड़े अस्पताल से बाहर भाग चुके होंगे और पलट कर भाजपा नेता ने कहा कि घोड़े वहीं भागते हैं जहां हरियाली होती है । वाह । क्या नहले पे दहला है । यह भी भाजपा कह रही है कि कांग्रेस का अपना घर ठीक नहीं और दोष हम पर लगाया जा रहा है । हम कौन सरकार गिराने वाले ? सच है । कांग्रेस की सरकार कांग्रेस वाले ही गिराते हैं । किसी दूसरे की जरेरत ही नहीं पड़ती । भाजपा तो सिर्फ सहारा लगाती है या आश्रय देती है । इस बार तो सीधे सीधे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की टक्कर है । सचिन ने कह भी दिया दिल्ली बैठे बैठे कि राजस्थान सरकार अल्पमत में है । मेरे पास तीस विधायकों का समर्थन है और जो नहीं कहा वह यह कि भाजपा के सम्पर्क में हूं । इसीलिए सोशल मीडिया पर यह चुटीली बात आ रही है कि कांग्रेस के विधायक कोरोना पाॅजिटिव पाये गये और उनका इलाज डाॅ अमित शाह की देखरेख में हो रहा है । अभी इन कांग्रेस विधायकों को आइसोलेट किया गया है । जैसे ही ये ठीक होंगे इन्हें राजस्थान विधानसभा में परेड के लिए ले जाया जायेगा । अशोक गहलोत अपनी कोशिशों में लगे हैं पर नम्बर गेम कहां से जुटायेंगे ? बहुत कठिन है डगर सरकार की । भाजपा कब से राजस्थान को भगवा रंग में रंगने को तैयार थी और सचिन पायलट की उपेक्षा करने से सरकार संकट में आ गयी । यह भी बात निकल रही है कि सचिन को अध्यक्ष पद से भी हटाये जाने की चाल चली जाने वाली थी । यह कह कर कि एक व्यक्ति और दो पद कैसे ? इस तरह सचिन समय रहते चौकन्ने हो गये और अशोक गहलोत ने अपने ही उपमुख्यमंत्री को सरकार अस्थिर करने वाला घोषित कर दिया और सचिन इसे साबित करने चल पड़े । अब कांग्रेस के तीन तीन नेता रणदीप सुरजेवाला सहित ऑपरेशन डैमेज कंट्रोल के लिए जयपुर पहुंचे हैं पर लगता है कि ऑपरेशन में सफलता मिलनी संदिग्ध है । देर हो चुकी । देर न हो जाये कहीं देर न हो जाये । पर देर तो हो चुकी । कांग्रेस की हाई कमान बहुत देर बाद जागती है तब तक विरोधी अपनी चाल चल चुके होते हैं । जल्द फैसला न करना और समय रहते संकट को न पहचाना बहुत महंगा पड़ रहा है कांग्रेस को । युवा नेताओं की उपेक्षा करना भी ऐसी ही भूल है । गोवा में ऐसे ही सरकार बनाने से चूके थे । फिर हरियाणवी में कहते हैं न कि बुआ जाऊं जाऊं करे थी , फूफा लेण आ गया । तो सचिन तो कुछ समय से जाऊं जाऊं के मूड में थे और आखिर भाजपा लेने आ गयी । अब कांग्रेस एक और बड़े राज्य से सत्ता गंवा सकती है । Post navigation पायलट ज्यादा मजबूत है सिंधिया के मुकाबले पूरी पढ़ाई अभिभावक करवाए और फीस वसूले स्कूल