संस्कृत विषय में सभी को पास करें या परीक्षा ले शिक्षा बोर्ड: आचार्य विनय मिश्र

भिवानी/शशी कौशिक  

हरियाणा बोर्ड द्वारा घोषित दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम संस्कृत के छात्रों के साथ घोर अन्याय किया गया है। हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा संस्कृत के विषय में जो फॉर्मूला अपनाया गया वह गलत है, क्योंकि संस्कृत की तुलना इंग्लिश और गणित से नहीं हो सकती है या तो हरियाणा शिक्षा बोर्ड मैट्रिक में संस्कृत के सभी छात्रों को पास घोषित करें या फिर उनकी परीक्षा ले। यह मांग प्रमुख शिक्षाविद आचार्य विनय मिश्र ने हरियाणा सरकार को प्रेषित एक पत्र मे की।

उन्होंने कहा कि पूर्व के परिणामों की अपेक्षा इस सत्र में संस्कृत भाषा के अध्यापकों और छात्रों को काफी नुकसान दिखाई दे रहा है। संभवत: हर सत्र में 100 प्रतिशत  रिजल्ट आता था परंतु इस सत्र में ऐसा कुछ नहीं हुआ इसके पीछे बोर्ड के द्वारा सभी विषयों (जिनकी परीक्षा नहीं हुई) में अंक देने के लिए जो फार्मूला अपनाया है। वह संस्कृत के लिए घातक सिद्ध हुआ। संस्कृत आचार्य प्रेम सिंह शास्त्री ने कहा कि इस बार केवल चार विषयों की ही परीक्षा हुई थी हरियाणा सरकार व बोर्ड इन चार विषयों का परिणाम घोषित करता या संस्कृत में भी सभी को पास करता। हरियाणा में सभी संस्कृत के छात्रों ने अपनी पूरी तैयारी कर रखी थी तथा संस्कृत विषय में सभी के बहुत अच्छे अंक आते हैं। अधिकतम अंक वाले विषयों के थ्योरी के अंक जोडक़र जो प्रतिशत आता है। वह प्रतिशत हमें 80 में से और विज्ञान को 60 में से मिला।  प्रतिशत के इस फार्मूले के अनुसार हमें कहीं पर एक कहीं पर दो हो सकता है इससे ज्यादा का हानि हुई हो।

इस  संदर्भ मे महत्त्वपूर्ण ये है कि एक तो हमें रिजल्ट 100 प्रतिशत नहीं मिले । दूसरा हमारे कुछ छात्र फेल भी हुए। क्योंकि अधिकतम अंकों वाले तीन विषयों में यदि कोई विद्यार्थी 3 से भाग देने पर पास अंक अर्जित नही करता है तो वह संस्कृत में भी पास नही हो सका। जो हमारे लिए बड़ी हानि का कारण बना।

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