हांसी , 11 जुलाई। मनमोहन शर्मा 

सिविल सर्जन डॉ. रत्ना भारती ने कहा कि कोरोना के संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मीडिया कर्मियों को बयान देने के लिए केवल डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. जया गोयल को ही अधीकृत किया गया है। उनके अलावा किसी अन्य कर्मचारी या अधिकारी द्वारा बयान देने को गैर जिम्मेदाराना मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सिविल सर्जन डॉ. रत्ना भारती ने बताया कि दो दिन पूर्व मीडिया के कुछ हिस्सों में भ्रामक व तथ्यहीन समाचारों का प्रकाशन व प्रसारण हुआ। इससे आमजन में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। 

इस मामले की सिविल सर्जन की अध्यक्षता में बनी कमेटी द्वारा जांच की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मीडिया कर्मियों को अधिकारिक सूचनाएं देने के लिए डिप्टी सिविल सर्जन एवं कोविड नोडल ऑफिसर डॉ. जया गोयल जनसंपर्क अधिकारी के रूप में अधीकृत हैं। महामारी अधिनियम में भी जिला उपायुक्त, सिविल सर्जन अथवा उनके द्वारा नामित व्यक्ति ही अधिकारिक रूप से सूचनाएं जारी कर सकता है।

 उन्होंने बताया कि दो दिन पहले भ्रामक समाचारों का प्रसारण करने वाले दो व्यक्तियों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई के लिए एसएचओ को लिखा गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संबंध में सही व तथ्यपरक जानकारी ही प्रकाशित व प्रसारित होनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग का कोई अधिकारी-कर्मचारी या सोशल मीडिया संचालक केवल ख्याति प्राप्त करने के लिए सनसनी के रूप में समाचार न डालें। इससे जनता में भय का माहौल पैदा होता है और यह महामारी अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। कोरोना महामारी से हम सबको मिलकर लडऩा है और इसे हराने में हर व्यक्ति को अपनी-अपनी भूमिका निभानी चाहिए। किसी भी व्यक्ति को पॉजिटिव मरीज लिखने से पहले मीडिया को अधीकृत किए गए अधिकारी से ही तसदीक करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि किस मरीज को कोविड अस्पताल, आइसोलेशन सेंटर, क्वारेंटाइन सेंटर या गृह एकांतवास के लिए रेफर करना है, यह निर्धारण उस मरीज की मेडिकल हिस्ट्री, उसकी कॉन्टेक्ट हिस्टी, लक्षणों, परिस्थितियों व आयु के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को करना होता है। इसका निर्धारण स्वास्थ्य विभाग गाइडलाइंस के अनुसार करता है और किसी भी व्यक्ति को इसे चुनौती देने का अधिकार नहीं है।

 सिविल सर्जन ने बताया कि जिला में मंडल आयुक्त विनय सिंह व उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग मिलकर कोरोना को हराने के लिए पूरी मेहनत से लगे हुए हैं। अब तक जिला में कुल 422 कोरोना संक्रमित पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। इनमें से 219 मरीज कोरोना मुक्त होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं जबकि 196 एक्टिव केस हैं जिनका उपचार किया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि निर्धारित समयावधि पूरी होने के साथ ही जिला में अब तक 66 कंटेनमेंट जोन समाप्त किए जा चुके हैं।

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