नारनौल, (रामचंद्र सैनी): नगर परिषद नारनौल की नई हदबंदी में शामिल हुए गांव ढाणी किरारोद अफगान को नप में शामिल ना करने की मांग को लेकर गांव के वर्तमान सरपंच आशीष कुमार के नेतृत्व में ग्रामीणों ने डीसी को एक ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री के नाम लिखे ज्ञापन को सरपंच के अलावा पंच बलवंत सैनी, सुरेंद्र सैनी एडवोकेट, संदीप व मदन आदि लोगों ने डीसी को सौंपा तथा गांव की वास्तुस्थिति के बारे में अवगत करवाया।

गांव के सरपंच व उपरोक्त लोगों ने बताया कि उनका गांव ढाणी किरारोद अफगान नारनौल नगर परिषद की सीमा से काफी दूर है। गांव और नप की सीमा के बीच नहर तथा बाइपास मार्ग पड़ता है। गांव में वर्तमान में ग्रामीण फीडर से बिजली व पेयजल सप्लाई  नहीं है। इन सबके बावजूद उनके गांव को नगर परिषद नारनौल में शामिल किया जा रहा है। इन लोगों ने बताया कि जबकि इसके ठीक विपरीत नप की सीमा के साथ लगते गांव रघुनाथपुरा को नगर परिषद से बाहर कर दिया गया है।  सरपंच ने बताया कि रघुनाथपुरा गांव नारनौल से सटा हुआ है। इस गांव में नारनौल सिटी फीडर की बिजली सप्लाई है, नगर परिषद की नंदी गौशाला इसी गांव में है, नगर परिषद का मीट मार्केट इस गांव की पहाडियों पर है। इतना ही नहीं इसी गांव रघुनाथपुरा के बिल्कुल सटकर नगर परिषद की सैंकडो एकड जमीन भी है। इतना कुछ होते हुए भी रघुनाथपुरा गांव को नगर परिषद में शामिल नहंी किया गया जबकि उनका गांव रघुनाथपुरा के मुकाबले ज्यादा दूरी पर स्थित है और रघुनाथपुरा की भांति किसी भी दृष्टिï से नगर परिषद से सम्बंध नहीं रखता है, फिर भी उनके गांव को नगर परिषद में शामिल कर दिया गया है।

सरपंच ने बताया कि इन सभी बातों को देखते हुए यदि ढाणी किरारोद अफगान को नगर परिषद में शामिल कर दिया गया तो इस गांव का विकास कार्य रूक जाएगा, क्योंकि वर्तमान स्थिति को देखते हुए नगर परिषद द्वारा उतना विकास कार्य करवाना संभव नहीं है जो उनके गांव की पंचायत स्तर पर देखरेख  में हो रहे हैं। ज्ञापन पर गांव के अनेक गणमान्य लोगों ने हस्ताक्षर करके सीएम से उनके गांव को नगर परिषद में शामिल न करने की मांग की है।

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