गुरूग्राम, 30 जून। गुरूग्राम के उपायुक्त अमित खत्री के निर्देशानुसार गुरूग्राम शहर मे आज से उन 8 जोन में सघन टेस्टिंग तथा ट्रेसिंग अभियान शुरू किया गया है जिनमे कोरोना पाॅजीटिव केसों की संख्या ज्यादा है। इस अभियान के तहत आज इन क्षेत्रों में 11 अलग-अलग स्थानों पर रैपिड एंटीजन टैस्ट किए गए और कोविड संक्रमण के आशंकित व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच की गई। सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव ने बताया कि इन क्षेत्रों में जिन लोगों को कोविड के लक्षण अपने अंदर दिखाई दे रहे हैं वे अपना टैस्ट निःशुल्क करवाने के लिए एंटीजन टेस्टिंग सैंटर में पहुंचे । इन सैंटरो पर आज से टेस्ट शुरू कर दिए गए हैं। ऐसे लोगों की स्वास्थ्य जांच को लेकर क्षेत्रवार टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों ने आज अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर कोविड संदिग्ध मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की। आज पहले दिन लगभग 977 कोरोना संदिग्ध मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की गई जिनमें से 68 व्यक्तियों की टैस्ट रिपोर्ट पाॅजीटिव आई है। उन्होंने बताया कि यह अभियान 14 जुलाई तक चलाया जाएगा जिसके तिथिवार शैड्यूल तैयार किया गया है। इस शैडयूल की प्रतियां हर एंटीजन टेस्टिंग सैंटर के बाहर चस्पा की गई है ताकि लोगों को पता चल सके। निर्धारित शैड्यूल अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों में टीमों का गठन किया गया है। इसके अलावा, कैंप में अन्य प्रकार के मरीजों के लिए एक डाॅक्टर की ओपीडी के लिए भी ड्यूटी लगाई गई है। आज गुरूग्राम में 7 टीमें बड़े प्रकोप वाले क्षेत्रों में एंटीजन टेस्टिंग के लिए लगाई गई थी और इनके अलावा शहर के अन्य क्षेत्रों में 4 टीमंे अलग से लगाई गई । इस प्रकार आज से 11 स्थानो ंपर इन टीमों ने कैंप लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच की। उन्होंने बताया कि जिला के जिन 7 बड़े प्रकोप वाले क्षेत्रांे में आज कैंप लगाए गए उनमें डूंडाहेड़ा सब सैंटर, कम्युनिटी सैंटर सुखराली, राम नगर धर्मशाला, न्यू काॅलोनी छोटी धर्मशाला, राजकीय विद्यालय शिवाजी नगर,हीरानगर धर्मशाला, सदमाता मंदिर शामिल है। जिला की जिन चार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में ये कैंप लगाए गए उनमें वजीराबाद, चैमा, खांडसा तथा राजीव नगर शामिल हैं। इनमें एक डीईओ के अलावा, एक-एक डाॅक्टर, 2 एमबीबीएस स्टूडेंटस, एक नर्सिंग स्टूडेंट तथा एक सुपरवाइजरी इंचार्ज तथा एक-एक लैब टैक्नीशियन (एलटी) नियुक्त किया गया है।सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए अब जिला प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर रूपरेखा तैयार की गई है। जिला प्रशासन द्वारा जहां अब तक रोजाना 350 से 400 कोरोना संदिग्ध लोगों की सैपलिंग की जा रही थी वहीं अब रोजाना क्षेत्रवार 1100 लोगों की सैंपलिंग का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान करने तथा कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए विस्तृत प्रबंधन प्लान तैयार किया गया है। इस प्रबंधन प्लान के अनुसार चिन्हित किए गए क्षेत्रों में अनावश्यक आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान सभी लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए सघन टेस्टिंग तथा ट्रेसिंग अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाएगा कि सामाजिक आर्थिक गतिविधियों पर कम से कम प्रतिकूल प्रभाव पड़े । इन क्षेत्रों मे औद्योगिक गतिविधियां चलाने की अनुमति होगी जिनमें श्रमिकों के ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। Post navigation राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य की अध्यक्षता में आयोजित बैठक डीज़ल, पैट्रोल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी किए जाने के खिलाफ मोदी सरकार का पुतला फूंका एसयूसीआई ने