चंडीगढ़, 26 जून । ग्रामीण सफाई कर्मचारियों कि मांगों का जब तक सम्मानजनक तरीके से निपटारा नहीं किया जाता, तब तक प्रदेश के 11 हजार सफाई कर्मी अपना आंदोलन जारी रखेंगे। उक्त धोषणा शुक्रवार को पंचायत एवम् विकास विभाग के निदेशक सुशील शारवान के साथ बैठक में बातचीत के दौरान ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा, सीटू के प्रतिनिधिमंडल ने की। प्रतिनिधिमंडल में यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष देवीराम, महासचिव विनोद कुमार, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार व सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान शामिल थे। सेक्टर 28 के हरियाणा पंचायत भवन में आयोजित इस वार्ता में विभाग की ओर से विभाग निदेशक सुशील शारवान, उप निदेशक उत्तम ढालिया उपस्थित थे। यूनियन नेताओं ने बताया कि सरकार कोरोना के खिलाफ फ्रंटलाइन पर काम कर रहे कर्मियों के सम्मान में तालियां व तालियां बजाने व बंती बंद कर दीये चलाने का ढोंग कर रही है। सच्चाई यह है कि सफाई के महत्वपूर्ण काम में लगे ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को उनके हाल पर मरने ले लिए छोड़ा जा रहा है। न सुरक्षा उपक्रम हैं और न ही आर्थिक मदद। सरकार ने कहा था कि कोरोना वारियर्स को दोगुना वेतन मिलेगा। जबकि हालत यह है कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को शहरी ठेका कर्मचारियों से भी 2500 रूपए कम वेतन मिल रहा है। इसको भी सरकार शहरी सफाई कर्मचारियों के बराबर 15000 रुपए मासिक करने को तैयार नहीं है, जबकि 7वें वेतन आयोग में आज केंद्रीय ठेका कर्मचारियों को भी 24000 वेतन मिल रहा। कोरोना काल में इस काम कि जितनी गंभीरता है, उसके अनुरूप कर्मियों को स्थाई करने की जरूरत है। Post navigation 60 प्रतिशत से कम लाइन लॉस वाले 1000 गांवों में नही लगेगा बिजली कट सरकारी विभागों का निजी करण बन्द कर, पुरानी पैंशन बहाल करे सरकार