चंडीगढ़। हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोझ्वेज कर्मचारी युनियन हरियाणा ने सरकारी विभागों के निजीकरण की प्रक्रिया बढ़ाने एवं छटनी करने पर राज्य सरकार की तीव्र आलोचना की है। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह धनखड़, महासचिव पहल सिंह तंवर, वरिष्ठ उप प्रधान औम प्रकाश ग्रेवाल तथा प्रदेश प्रवक्ता जय पाल चौहान ने केन्द्र व राज्य सरकार की कर्मचारी व जन विरोधी नीतियों की भर्त्सना करते हुए, केन्द्र सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र के बझ्े विभागों को पूँजी पतियों को सौपने का आरोप लगाया वही दूसरी तरफ हरियाणा की वर्तमान रा’य सरकार को भी कटघरे में खड़ा करते हुए सरकार से प्रश्न किया कि सरकार ने चुनाव से पुर्व अपने घोषणा पत्र में विभागों का निजी करण, नौकरी से निकालना जैसे वायदे किये थे,यदि नहीं तो फिर पीटीआई ,नगरपालिका, स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों को क्यों सिकोझ जा रहा है ।

उपमहासचिव फूल कुमार कंबोज,  दीपक बल्हारा, प्रवक्ता उधम सिंह यादव ने अभी हाल ही में बिजली विभाग के पांच फीडरो को निजी हाथों में देना पूर्ण रूप से जन विरोधी करार दिया क्योंकि इससे भविष्य में जनता को एक तरफ जहां बिजली महंगी उपलब्ध होगी, वही दूसरी तरफ इस विभाग में कार्य कर रहे हजारों कर्मचारियों का रोजगार भी प्रभावित होगा ।

  कर्मचारी नेताओं ने पुरानी पैंशन बहाली का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि अब सरकार के पास भी उचित अवसर है कि कोरोना के कारण कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए एन पी एस के पैसे को शेयर बाजार से प्राप्त करके महामारी के रोकथाम एवं रा’य के विकास में उपयोग करे बदले में 2006 से लगे हुए कर्मचारियों की पुरानी पैंशन बहाल करें ।उन्होंने कहा कि सरकार परिवहन, बिजली, स्वास्थ्य, जनस्वास्थय, शिक्षा, आबकारी एवं कराधान तथा अन्य सभी विभागों में आवश्यकता अनुसार नये पद स्रजित करे तथा महामारी में कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रहे प्रत्येक कर्मचारी की नौकरी को सुरक्षित रखे वरना सरकार को कर्मचारी वर्ग के तीखे आक्रोश का सामना करना पझ्ेगा।जिस का ट्रेलर तीन जुलाई को रा’य व राष्टÑ स्तर पर देखने को मिलेगा।

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