चार माह पहले दुबलाना गांव में घर की छत पर मिली थी 2 वर्ष के रितविक की डैड बाडी ।-परिवार में ही मामी ने ही गला दबाकर की हत्या ।-हत्या से फौजी बाप सदमे में छुट्टी काट कर नही गया ड्यूटी पर । अशोक कुमार कौशिक नारनौल। करीब 4 महीने पहले गांव दुबलाना में 2 वर्ष के रीतविक की हत्या की गुत्थी थाना सदर नारनौल ने सुलझाते हुए रितविक की रिश्ते में लगी मामी नीतू पत्नी रविन्द्र को आखिर पुलिस ने गला दबाकर हत्या के जुर्म में गिरफ्तार किया। उसे न्यायलय में पेश किया गया। न्यायलय ने आरोपी मामी को नसीबपुर जेल भेज दिया है ।पुलिस से मिली जानकारी अनुसार करीब 4 महीने पहले 2 वर्ष के रितविक उर्फ भेरू अपने नाना जगदीश प्रसाद के घर आया हुआ था। गत 28 फरवरी को उन्ही के पड़ोस में रहने वाले सतबीर के मकान की छत पर डैड बॉडी मिली थी। रितविक के परिजनो ने जिला रेवाडी़ के गांव उच्चा में दाह संस्कार कर दिया । पर बच्चा कैसे मरा इसकी पहेली बनी हुई थी। रितविक की माँ मौनू उर्फ माया ने अपनी भाभी नीतू पर शक जताया था, पर आनन फानन में उस समय किसी ने उसकी बात पर ध्यान नही दिया। यह बात किसी के गले नहीं उतर रही थी कि रितविक कैसे मरा। रितविक के नाना जगदीश ने गत 3 मार्च को थाना सदर में एक दरख़ास्त दी कि और शक जताया कि उनके दोहते को किसी ने हत्या की है। वह अपने आप नही मरा है। सारा मामला पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में लाया गया तो पुलिस अधीक्षक ने तुरन्त हत्या का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए और जांच अधिकारी को मामले की गहराई से जाँच करके सच्चाई सामने लाने की हिदायत दी । पुलिस ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट की निगरानी में उसी दिन दिनांक 3 मार्च को गांव उच्चा जिला रिवाड़ी पहुंच कर रितविक की डैड बॉडी को जमीन से निकलवाया। पुलिस ने नारनौल हॉस्पिटल में डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा बच्चे का पोस्टमार्टम कराया गया । इस गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस फिर से इसकी जांच में जुट गई थाना सदर प्रबंधक सन्तोष कुमार ने घटना स्थल का अनेक बार निरीक्षण किया। जांच के दौरान पाया कि जिस छत पर बच्चे की डेड बॉडी मिली हैं उस समय छत के रास्ते में ताला लगा हुआ था। अब सवाल यह पैदा हो गया कि आखिर बच्चा छत पर आया कैसे? पुलिस का शक बढ़ता गया कि बच्चे की हत्या हुई हैं। मधुबन व रोहतक सुनारिया से पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में साफ हो गया कि बच्चे की गला दबाकर हत्या की गई हैं। बच्चे की मामी को लड़का नही था और वह अक्सर तांत्रिक के चक्कर मे पड़ी रहती है। रितविक की माँ यानी अपनी ननद मौनू उर्फ माया से वह ज्यादा खुश नहीं थी। बस इसी शक पर पुलिस ने नीतू से सख्ती से पूछताछ की तो मामी नीतू ने आखिर पुलिस के सामने बच्चे की गला दबाकर हत्या करने की बात कबूल कर ली। उसे गिरफ्तार करके न्यायलय में पेश किया गया। उसे न्यायालय के आदेश से नसीबपुर जेल भेजा गया । लड़के की चाह में कई हत्या आरोपी नीतू ने पूछताछ में बताया कि फिलहाल उसको एक लड़की है। वह रितविक की सगी मामी नही है नजदीक परिवार रिश्ते में मामी लगती हैं। पहले भी उसके तीन लडकिया हुई थी जो बाद में मर गई । वह अपनी ननद से ईष्या रखती थी कि मुझे लडकिया है और ननद को लड़का है। हत्या वाले दिन रितविक आरोपी नीतू की लड़की के साथ खेलता हुआ घर मे आ गया तो नीतू ने लड़की को बाहर भगा दिया और रितविक की गला दबाकर हत्या कर दी। बाद में अपनी घर की छत से 5 घर छोड़ कर उसकी डैड बॉडी छत पर डाल दी । आखिर कार पुलिस ने यह गुत्थी सुलझा ली। रितविक की माँ गाँव उच्चा में ब्याही हुई हैं व उसके 2 बच्चे हैं एक लड़की दूसरा मरने वाला रितविक। इस बच्चे का पिता सुधीर फौज में नौकरी करता हैं। रितविक अपने नाना जगदीश प्रसाद के घर गया हुआ था। गत 28 फरवरी को रितविक घर से बाहर खेल रहा था जो काफी देर तक घर पर नही आया तो सभी घर वाले ढूंढने निकले। हल्ला मरने पर गांव के अन्य व्यक्ति भी ढूंढने लगे कि बच्चा कहा गया जो कुछ घण्टे बाद बच्चे की सतबीर के मकान की छ्त पर मृत शरीर मिला । बच्चे के मौत की खबर से आज भी सदमे में हे फौजी नही गया ड्यूटी पर रितविक के पिता सुधीर फौज में नौकरी करता हैं। सुधीर को अपने लड़के की मौत की खबर मिली तो वह 4 मार्च को छुट्टी लेकर आ गया। तब से वह सदमे में है और छुट्टी खत्म होने के बाद भी वह अभी तक नौकरी पर नही गया हैं। वह इंसाफ के लिए थाना के चक्कर लगाता रहा जिसको अब यह सन्तोष हुआ है कि उसके बच्चे की हत्यारिन को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है Post navigation छात्र संघ की मुहिम लाई रंग, फाइनल ईयर, री-अपीयर और डिस्टेंड एजुकेशन के छात्रों को बिना परीक्षा लिए पास करने के आदेश जारी किये :शुभम उपायुक्त और एसडीएम के निरीक्षण के बाद सब्जी मण्डी में खुदरा सब्जी दुकान खुलने का रास्ता साफ