खेतों की पैमाईस को लेकर किसानों में भारी रोष

लोकल कमिशन को भेज फिर से पैमाइस कराई जाएगी.
आरोप कि खुर्रमपुर गांव की ओर 20 फीट पैमाइस गलत

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 पटौदी के साथ के इलाके फर्रुखनगर व खुर्रमपुर की सीमा क्षेत्र में 23 मई 2020 को लोकल कमीशन रिटार्यड कानूनगों द्वारा सम्बंधित पटवारी, लम्बरदार और ग्रामीणों की मौजूदगी में कराई गई खेतों की पैमाईस को लेकर किसानों में भारी रोष व्याप्त है। सही पैमाईस की मांग को लेकर दर्जन भर किसान नायब तहसीलदार रणसिंह गौदारा से मिले और दौबारा से फर्रुखनगर व खुर्रमपुर की सीमा को दर्शाने वाले पत्थर को आधार मानकर पैमाईस करने की अपील की।

नायब तहसीलदार ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि डीजीपीएस मशीन द्वारा की गई पैमाइस में कोई कमी रह गई है तो लोकल कमिशन को भेज कर दौबारा से पैमाइस करा दी जाएगी। सीमा क्षेत्र या खेत की पैमाइस को लेकर किसी प्रकार का कोई विवाद पैदा न हो इसके लिए पहले से ही गाडे गए सीमा पत्थरों को आधार मान कर मौके पर रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी।

खुर्रमुपुर निवासी माईचंद, दयाराम, रामपाल, पवन कुमार, रमेश, सुरेश उदयवीर, रगबीर सिंह आदि ने बताया कि फर्रुखनगर में एक पैमाइस डीजीपीएस मशीन द्वारा दिने पुत्र हुकम सिंह निवासी वजीराबाद जिला गुरुग्राम ने लोकल कमीशन रिटार्यड कानूनगो आस मौहम्मद से 23 मई 2020 को कराई थी। लेकिन फर्रुखनगर व खुर्रमपुर के बीच सीमा सूचक पत्थर नही मिलने के कारण उक्त पैमाइस सैल फार्म से पत्थर को आधार मान कर कराई गई। लोकल कमीशन द्वारा दी गई रिर्पोट के आधार पर दिनेश ने उनके खेत में 12 से 15 फीट अंदर आ गया और खुर्रमपुर की सीम में 20 फूट अपनी जमीन छोड दी।

दिनेश ने फर्रुखनगर व खुर्रमपुर के बीच उगी हुई घासफंस व मिटटी के ढेर को हटाया तो वहा एक पुख्ता बुर्जी निकली जो सरकार द्वारा खेतों की पैमाइस के लिए गाडी गई थी। लोकल कमीशन द्वारा की गई पैमाइस को देखा जाये तो खुर्रमपुर गांव की और 20 फीट पैमाइस गलत की गई। इस मामले की सूचना व मौका मुआयना सरपंच विनोद कुमार, लम्बरदार विजय भी निकले हुए पक्के सबूत बुर्जी को देख चूके है।

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