– नगर निगम गुरूग्राम की सीएंडडी वेस्ट मैनेजमैंट ब्रांच ने शुरू की सख्त कार्रवाई– अब तक 3 भवनों को किया जा चुका है सील, जबकि सीएंडडी वेस्ट नियमों की पालना नहीं करने पर 85 लोगों के लिए गए हैं चालान– सीएंडडी वेस्ट नियमों की अवहेलना पर किए गए चालानों में से 49 व्यक्तियों ने वसूल किए गए लगभग 12 लाख रूपए– निर्माण एवं तोडफ़ोड़ संबंधी गतिविधियां करने वाले सीएंडडी वेस्ट एसेसमैंट के लिए नगर निगम से कर रहे हैं संपर्क– घर से सीएंडडी वेस्ट उठान के लिए नगर निगम गुरूग्राम द्वारा अधिकृत एजेंसियों की लें सेवाएं गुरूग्राम, 24 जून। निर्माण एवं तोडफ़ोड़ गतिविधियों से उत्पन्न होने वाले कचरे अर्थात मलबे का सही ढ़ंग से निपटान करने करने पर अब नगर निगम गुरूग्राम द्वारा निर्माणाधीन भवनों को सील करने की कार्रवाई भी की जा रही है। इसके तहत डीएफएफ फेज-1 क्षेत्र में अब तक तीन भवनों को सील किया जा चुका है। नगर निगम गुरूग्राम की सीएंडडी वेस्ट मैनेजमैंट ब्रांच द्वारा गत दो माह में 3 भवनों को सील करने के साथ ही अनाधिकृत रूप से मलबा डालने के मामले में 85 लोगों के चालान किए गए हैं तथा उनके वाहनों को जब्त करवाया गया है। इनमें से 49 व्यक्तियों से लगभग 12 लाख रूपए की वसूली भी की जा चुकी है। नगर निगम गुरूग्राम की सख्ती का परिणाम यह है कि अब निर्माण एवं तोडफ़ोड़ गतिविधियां करने वाले व्यक्ति अपने यहां उत्पन्न होने वाले मलबे का एसेसमैंट करवाने के लिए नगर निगम से संपर्क कर रहे हैं। एसेसमैंट के बाद नगर निगम गुरूग्राम द्वारा अधिकृत की गई एजेंसियां नगर निगम गुरूग्राम द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार मलबे को घर से उठाकर मलबा प्रबंधन संयंत्र तक पहुंचा रही हैं। नगर निगम गुरूग्राम द्वारा भवन निर्माण एवं तोडफ़ोड़ करने वाले नागरिकों से कहा गया है कि वे शहर को साफ रखने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं। मलबे को केवल अधिकृत एजेंसी के माध्यम से ही उठवाएं। मलबा उठान के लिए मोबाइल नंबर 8607058320 तथा 7005674475 पर संपर्क करें। नगर निगम गुरूग्राम द्वारा इस कार्य के लिए दो एजेंसियों को पहले से ही एम्पैनल किया हुआ है। एजेंसी की अधिकृत गाडिय़ां आपके घर से मलबा उठाएंगी। इसकी एवज में आपको नगर निगम गुरूग्राम द्वारा निर्धारित की गई दरों के अनुसार भुगतान करना होगा। उल्लेखनीय है कि हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 292(2) के तहत अवैध रूप से मलबा डालने वाले अनाधिकृत वाहन/डंपर जब्त करके धारा 188, 269, 278 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 की धारा 290 एवं 336 तथा वायु(प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम-1981 की धारा 15(1) और (2) के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। इनके तहत कारावास और भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। Post navigation गृह प्रवेश के दौरान दिलाया संकल्प, नए घर में नहीं लाएंगे चीनी सामान कोरोना से ठीक हो चुके संगठन के कार्यकर्ता ने पेश की मिशाल ,अब मिल रही दुआएं। टिंकू कुमार वर्मा