शहीद हुए भारतीय सैनिकों के सम्मान में की गई नारेबाजी.
चीनी सेना पर बोला हमला धोखाधड़ी चीन के खून में बसी

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 अहीरवाल को सैनिकों की खान कहा जाता है । स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर कारगिल युद्ध  और इसके बाद भी अहीरवाल के जांबाज सैनिकों ने सभी युद्धों के अंदर दुश्मन सैनिकों के दांत खट्टे कर के अपने रण कौशल और शारीरिक ताकत का दुनिया को परिचय कराया है । अहीरवाल के ही पटौदी इलाके को भी सैनिकों की खान कहा जाता है । कारगिल युद्ध के दौरान पटौदी क्षेत्र से 8 सैनिकों ने अपना बलिदान देकर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था । इस बात पर आज भी पटौदी इलाके के साथ-साथ हरियाणा को भी गर्व है ।

हाल ही में लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के द्वारा की गई कायराना और हिंसक झड़प के दौरान शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों की शहादत को नमन करते हुए पटौदी के पूर्व सैनिकों के द्वारा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला पटौदी चैराहे पर उनका गया । इससे पहले चीन के राष्ट्रपति के पुतले को जूतों की माला पहना कर उसका बाजार में जुलूस भी निकाला । इसके बाद में अपने साथी  सैनिकों के साथ चीन के सैनिकों के द्वारा की गई बर्बरता को देखते हुए इलाके के पूर्व सैनिकों का गुस्सा फूट पड़ा ।

इस मौके पर कर्नल रोशन लाल , टेसवा के जिला अध्यक्ष कैप्टन कवर सिंह , सुनील दुजानिया , कैप्टन कर्मवीर , सूबेदार सूरत सिंह यादव , सूबेदार देशराज , देवेंद्र , अनिल कुमार , रामनिवास , ज्ञान प्रकाश , सतबीर , जितेंद्र चैहान , पूर्व सैनिक संघ के जिला अध्यक्ष कैप्टन कवर सिंह सहित अन्य सैनिक भी शामिल रहे ।

पूर्व सैनिकों ने इस बात के लिए पीएम मोदी भारतीय सेना के जांबाज सैनिकों सहित तीनों सेनाओं के सेना अध्यक्षों की भी प्रशंसा की की त्वरित कार्रवाई करते हुए भारतीय सैनिकों ने चीन के 40 से अधिक सैनिकों को मौत के घाट उतार कर इस बात का एहसास करा दिया कि बिना हथियार के भी भारतीय सैनिक आज भी दुश्मन सैनिकों कोउनके अंतिम पहुंच अंतिम अंजाम तक पहुंचाने का माद्दा रखते हैं । पूर्व सैनिकों ने साफ-साफ कहा कि पीएम मोदी , भारत सरकार , भारतीय सेना जब भी आदेश करेगी वह आज भी भारत में चीन की सीमा के साथ साथ अन्य किसी भी सीमा पर दुश्मन देश के सैनिकों के साथ युद्ध करने के लिए 24 घंटे तैयार हैं । इंतजार रहेगा केवल सरकार के एक आदेश अथवा इशारे का , इसके बाद वह दुश्मन देश को और उसके दुश्मन सैनिकों को वह सबक सिखाने का मादा आज भी रखते हैं । कि भविष्य में अन्य कोई भी देश और उसके सैनिक भारतीय सीमा पर नाहक अतिक्रमण करके भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला करके जानी नुकसान पहुंचाने की हिम्मत नहीं कर सकेगा ।

सैनिकों के द्वारा भारत माता की जय, साथी सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे,  वंदे मातरम जैसे नारे लगाकर भारतीय सैनिकों का मनोबल बढ़ाने का काम किया ।

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