यह है मुम्बई मेरी जान
तू देख बबुआ,,,

-कमलेश भारतीय,

हां । यह मुम्बई ही है । यहां कितने लोग सपने लेकर आते हैं और सपने पूरे करने के लिए नौशाद, धर्मेंद्र और मनोज कुमार की तरह फुटपाथ पर भी सोते हैं । कहते हैं जब नौशाद सफल हो गये तो सिनेमा हाल की गैलरी से उसी फुटपाथ को ताक रहे थे । कहां से कहां तक का सफर तय किया इन लोगों ने । सुशांत पटना से आया और सीरियल पवित्र रिश्ता से पहचान बनाने के बाद धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी व छिछोरे तक पहुंचा लेकिन फिर किसी माफिया ने उसे लील लिया , ऐसी चर्चा चहुंओर हो रही है । माफिया के नाम भी सोशल मीडिया पर आ रहे हैं और इनमें सलमान खान और करण जौहर के नाम प्रमुख तौर पर लिए जा रहे हैं और ऐसे आठ लोगों पर केस भी दर्ज करवाया गया है । बिहार में तो सलमान और करण जौहर की फिल्मों के बहिष्कार की घोषणा भी सोशल मीडिया पर की जा रही है । हालांकि इन बहिष्कारों का कोई फर्क नहीं पड़ता । संजय लीला भंसाली की पद्मावत के लिए क्या क्या घोषणायें नहीं हुईं ? फिर भी फिल्म हिट साबित हुई । इधर सलमान खान अपने फैंस को इसके पचड़े में न पड़ने की सलाह दे रहे हैं ।

अब गायक सोनू सूद ने फिल्मी दुनिया के म्यूजिक माफिया की बात उठा दी है और सीधे सीधे गुलशन कुमार के बेटे भूषण कुमार पर ऐसा माफिया चलाने वालों में शामिल होने की बात कही है । पलट कर धमकी भी दी है कि भूषण कुमार तुमने गलत आदमी से पंगा ले लिया । तुम्हें मरीना कुंवर से किसने बचाया ? तुम्हे अबू सलेम से किसने बचाया ? बताओ । सही है न कि माफिया तो है और माफिया डाॅन इसे चला रहे हैं । ये तो मोहरे हैं इनके । कभी कविता कृष्णमूर्ति के डाॅन की महफिल में गाने के वीडियो वायरल होते थे । कितने गायक , कितने कलाकार डाॅन की महफिलों की शान बढ़ाने जाते थे । असली माफिया तो वही था और वही है । उसका नाम कभी डाॅन तो कभी अबू सलेम हो जाता है ।

इसी अबू सलेम को डाॅन ने फिल्मों की टैरेटरी और टैरर सौंप रखा था । इसी टैरर में मोनिका बेदी अबू सलेम को प्यार करने लगी और उसे फिल्मों में लेने के आदेश होने लगे । कितने कलाकारों का जीवन माफिया की मुट्ठी में बंद रहा होगा । अब मोनिका बेदी वापस और अबू सलेम जेल में । डाॅन पाकिस्तान में लेकिन माफिया राज कायम । यह बात साबित हो रही है । सोनू सूद की बातों से । कंगना रानौत की बातों से । अभिनव कश्यप की बातों से । कभी एक ऐसा लेख भी पढ़ा था कि चूंकि यह माफिया मुस्लिम डाॅन के हाथ में है इसलिए हिंदू नायकों को न लेने या बढ़ाने की हिदायतों के बाद ही प्रोड्यूसर को पैसा दिया जाता है ।

हालांकि यह धर्रमनिरपेक्ष देश है । यहां इस तरह की बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता । यदि ऐसा होता तो पंजाब से आए रामानंद सागर , चेतन आनंद और चोपड़ा ब्रदर्स सफल न हो पाते । राजकपूर और धर्मेंद्र के परिवार भी फलफूल न पाते । अक्षय कुमार कहीं न होते । पर माफिया अपना काम कर रहा है । यह भी सच्चाई है । ऐसे माफिया निरंतर नयी प्रतिभाओं को दबा रहे हैं । ऐसी भी चर्चा है कि करण जौहर ने ही सफल चंद्रचूड़ सिंह का करियर खत्म किया क्योंकि करण की एक फिल्म में उसने रोल करने से मना कर दिया था ।

एक सफल अभिनेता चुपचाप फिल्मी दुनिया से दूर हो गया । और कितने कलाकार इस माफिया का विरोध करने सामने आ रहे हैं । कंगना रानौत ने करण जौहर और राकेश रोशन परिवार को कठघरे में खड़ा किया था कुछ साल पहले । तब भी इस परिवारवाद की खूब चर्चा हुई लेकिन ये लोग ज़रा नहीं बदले । अब सुशांत इनकी चालों का शिकार बना । सात में से छह फिल्में छीन ली गयीं । प्रेमिकाएं छोड़ती चली गयी और वह एक निराश व्यक्ति में बदलता चला गया । फिर से गुरुदत्त की फिल्म प्यासा के गाने का जिक्र करूंगा :
यह दुनिया अगर मिल भी जाये
तो क्या है ,,,,,?