सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है, लेकिन श्रद्धालुओं को शामिल होने की इजाजत नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि यह जगन्नाथ मंदिर मैनेजमेंट ट्रस्ट और ओडिशा सरकार की जिम्मेदारी होगी। साथ ही कहा कि पुरी के अलावा ओडिशा में कहीं और यात्रा नहीं निकाली जाएगी। केंद्र सरकार ने याचिका दायर कर कहा था कि श्रद्धालुओं को शामिल किए बिना यात्रा निकाली जा सकती है। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रथयात्रा करोड़ों लोगों की आस्था का मामला है। भगवान जगन्नाथ कल बाहर नहीं आ पाए तो फिर 12 साल तक नहीं निकल पाएंगे, क्योंकि रथयात्रा की यही परंपरा है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एक दिन का कर्फ्यू लगाकर यात्रा निकाली जा सकती है। ओडिशा सरकार ने भी इसका समर्थन किया था कि कुछ शर्तों के साथ आयोजन हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को ही यात्रा पर रोक लगा दी थी, लेकिन कोर्ट के फैसले के खिलाफ 6 रिव्यू पिटीशन आ गईं। याचिकाओं में अपील की गई कि रथयात्रा को बदले रूप में निकालने की परमिशन देने पर विचार किया जाए। पुरी शहर को टोटल शटडाउन कर और जिले में बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगाकर यात्रा निकालने का प्रस्ताव दिया गया। Post navigation भक्ति की शक्ति से सूर्यग्रहण के दुष्प्रभावों की समाप्ति: पंडित अमरचंद कांवड़ यात्रा पर हरिद्वार आए तो 14 दिन क्वारनटीन, खर्च भी खुद उठाना होगा, नहीं मिलेगा जल