पोस्टमार्टम हाउस प्रबंधन की लापरवाही के चलते हत्या के मामले में पोस्टमार्टम के लिए आए शव को किसी दूसरे व्यक्ति का शव समझकर नगर निगम के हवाले कर दिया गया, जिन्होंने कोरोना पॉजिटिव समझ कर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया.

फरीदाबाद. सिविल अस्पताल की मोर्चरी से मृतक का शव गायब हो गया. पोस्टमार्टम कराने आए परिजनों के कहने पर जब शव को ढूंढा गया तो पता चला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते कोरोना पॉजिटिव समझकर कर मृतक का अंतिम संस्कार दिया गया. मामला फरीदाबाद का है जहां पोस्टमार्टम हाउस प्रबंधन की लापरवाही के चलते हत्या के मामले में पोस्टमार्टम के लिए आए शव को किसी दूसरे व्यक्ति का शव समझकर नगर निगम के हवाले कर दिया गया, जिन्होंने कोरोना पॉजिटिव समझ कर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया.  मोर्चरी में सोनू खान के शव की तलाश करने के बाद भी जब पता नहीं चला तो परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. मृतक के परिजनों के जमकर हंगामे के बाद फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर जांच की बात कह रही है. जिस युवक का शव गायब हुआ उसकी शुक्रवार रात को हत्या हुई थी.

परिजनों के मुताबिक  सुबह जब वह पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के लिए मोर्चरी पर पहुंचे तो उन्हें शव मोर्चरी में नहीं मिला. शव नहीं मिलने के बाद परिजनों ने इसकी सूचना अस्पताल के डॉक्टरों को दी जिसके बाद डॉक्टर मोर्चरी पर पहुंचे तो शव वहां से गायब था. अस्पताल की मोर्चरी से शव के गायब होने के बाद मौके पर खड़ी भीड़ के गुस्से से बचने के लिए अस्पताल के डॉक्टर भी मौके से गायब हो गए.

मृतक परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

परिजनों का आरोप है कि इस शव के गायब होने में पुलिस और अस्पताल प्रशासन दोनों की लापरवाही है. यदि पुलिस सही समय पर पोस्टमार्टम की कार्यवाही करते तो बॉडी मोर्चरी से गायब नहीं होती. क्योंकि उनके सामने ही एक एम्बुलेंस में कोरोना के शव को दाह संस्कार के लिए ले जाया गया और जब वह अपने परिचित के शव को देखने के लिए पहुंचे तो शव मोर्चरी में नहीं था.  जिसके बाद उन्होंने तुरंत कोरोना पॉजिटिव शव के दाह संस्कार को रोकने के लिए कहा और कहा कि उसका एक फोटो ही उनके वाट्सएप पर सेंड करा दो ताकि वह उसकी शिनाख्त कर पाएं. लेकिन अस्पताल के डॉक्टर ने कोई सुनवाई नहीं कि जिसके चलते उनके परिचित के शव का कोविड 19 के तहत दाह संस्कार कर दिया गया.

मोर्चरी बाहरी व्यक्ति काम करता पाया गया

वहीं इस शव के गायब होने के मामले में अस्पताल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है जब हमने मोर्चरी में पोस्टमार्टम करने वाले कर्मचारियों से बात की तो पाया कि बिना किसी सरकारी अनुमति के एक शराबी व्यक्ति शवों के पोस्टमार्टम के लिए रखा गया था. जब हमने उससे बात की तो उसने बताया की वह यहां पर साफ सफाई का काम करता है. उसे इस मोर्चरी में काम करने वाले कर्मचारी दो चार सौ रुपये देते है. अस्पताल की मोर्चरी में एक बाहरी व्यक्ति बिना किसी सरकारी अनुमति के काम करता हुआ पाया गया.

जांच में जुटी पुलिस

वहीं जब इस मामले में ACP जयबीर राठी से बात की से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच की जा रही है. जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उसके खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी. वहीं इस मामले पर मौके पर पहुंचे कांग्रेस के नेता बलजीत कौशिक ने इसे सरकार और प्रशाशन की लापरवाही बताते हुए जमकर कोसा.

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