कोरोना मरीजों के इलाज में होम्योपैथी दवाओं के परीक्षण की तैयारी की जा रही है। दवाओं के परीक्षण के लिए तिथि घोषित नहीं की गई है। केंद्रीय होम्योपैथी शोध संस्थान के वैज्ञानिक इस कार्य से जुड़ेंगे। संस्था के डॉक्टर संवेदनशील स्थानों पर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए होम्योपैथी की दवाएं देंगे।

कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान किसी भी मरीज को सिर्फ होम्योपैथी की दवाएं नहीं दी जाएंगी, बल्कि एलोपैथी की दवाओं के साथ ही होम्योपैथी सहायक दवा के रूप में काम करेगी। इस परीक्षण के दौरान मरीजों को दो समूह में रखा जाएगा। एक में ऐसे मरीज होंगे जो सिर्फ एलोपैथी की दवा लेंगे। दूसरे समूह में एलोपैथी और होम्योपैथी दोनों की दवा लेने वाले मरीज होंगे। इसके बाद दोनों समूह के मरीजों के स्वस्थ होने की स्थिति का आकलन किया जाएगा।

परिणाम के आधार पर होम्यापैथी की दवाओं का उपयोग भविष्य में इस बीमारी के इलाज के लिए किया जा सकेगा। नोएडा सेक्टर-24 स्थित होम्योपैथी शोध संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. मोहन सिंह ने बताया कि हमने इस परीक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग से अनुमति मांगी है। भविष्य में इसकी अनुमति मिलने की उम्मीद है। स्वास्थ्य विभाग ने अभी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा देने की अनुमति दी है। कोरोना प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र में जाकर दवाएं दी जाएंगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि इलाज के लिए भविष्य में होम्यापैथी की मदद ली जा सकती है। सहायक दवा के रूप में इसका उपयोग हो सकता है।

होम्योपैथी शोध संस्थान के अनुसार, जिले के कोरोना प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में होम्योपैथी की दवा घर-घर दी जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग होम्योपैथी शोध संस्थान की मदद ले रहा है। नोएडा के सेक्टर-5, 6, 7, 8, 9, 10, की झुग्गी, बरौला, हरौला, मामूरा, गिझौड़ में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा बांटी जाएगी। ग्रेटर नोएडा के ग्रामीण क्षेत्र में भी दवाएं दी जाएंगी।

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