सोहना! बाबू सिंगला. प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में भर्ती एवं पदोन्नति के नियमों में संशोधन का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है इस फैसले से लगभग 20 लाख युवाओं के लिपिक, स्टैनोग्राफर और स्टनोटाईपिस्ट बनने के सपनों को ग्रहण लग जाएगा। ये बात आज हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने प्रैस को जारी अपने ब्यान में प्रदेशभर नौकरियों में भर्ती एवं पदोन्नति के नियमों में संशोधन के फैसले की आलोचना करते हुए कही।

बुवानीवाला ने कहा कि इसके अतिरिक्त रिस्टोरर के पद पर तैनात दसवीं पास कर्मचारी भी स्टैनो और लिपिक के पद पर पदोन्नति पाने से वंचित रह जाएंगे। इस गलत निर्णय से न केवल सेवारत कर्मचारियों की उम्मीद पर ताला लग जाएगा अपितु उन लाखों नवयुवकों के उज्जवल भविष्य को कुचलने का प्रयास किया है, जो रोजगार हासिल करने की उम्मीद में पलकें बिछाए बैठे हुए हैं। बुवानीवाला ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि क्या यह कदम उन अभिभावकों  के साथ अन्याय नहीं होगा, जो अपनी विवशता, मजबूरी और गरीबी के कारण अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में असमर्थ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस युवा विरोधी फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों से शिक्षा ग्रहण करने वाले अधिकतर बच्चे प्रभावित होंगे। इन गरीब अभिभावकों के बच्चों को इसकी सजा क्यों दी जा रही है, इसका कोई औचित्य नहीं है।

कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि इस युवा विरोधी फैसले को तुरंत वापिस ले कर उन युवाओं के सपनों को पंख लगा कर उडऩे अवसर प्रदान करे, जो प्रतिभा होते हुए भी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण उच्च शिक्षा ग्रहण करने के मंसूबों पर पानी फिर गया। उन्होंने इस फैसले के खिलाफ उन सभी विपक्षी पार्टियों और  सत्ताधारी भाजपा के नेताओं से भी अनुरोध किया है कि वे युवाओं के भविष्य को धूमिल होने से बचाने के लिए एकजुट होकर इस फैसले का विरोध करें। उन्होंने कहा कि योग्यता तो बाद में भी नौकरी लगने के पश्चात भी बढाई जा सकती है। ऐसे अनेकों उदाहरण हमारे सामने है। उन्होंने कई आईएएस और एचसीएस अधिकारियों को देखा है जिन्होंने अपनी योग्यता में इजाफा किया है। यह उसकी दृढ इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है|

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