कहा: सरकार विज्ञापन नीति पर विचार कर न्याय संगत बनाए

भिवानी।  जर्नलिस्ट क्लब भिवानी ने सरकार से अखबारों को विज्ञापन देने की पॉलिसी पर पुनर्विचार कर न्याय संगत बनाने की मांग की है। क्लब के प्रधान ईश्वर धामु ने कहा है कि वर्तमान में जिस तरह से सरकारी विज्ञापन दिए जा रहे हैं, उससे लधु एवं मध्यम श्रेणी के समाचारपत्रों को बंद होने का खतरा होने लगा है। वर्तमान में केवल डेढ़ दर्जन अखबारों को ही विज्ञापन दिए जा रहे हैं। जबकि मध्यम श्रेणी के समाचारपत्रों के अस्तित्व व वर्चस्व को नक्कारा नहीं जा सकता। परन्तु प्रदेश का लोक सम्पर्क विभाग इन अखबारों को मानता ही नहीं है। परन्तु जब किसी खबर का प्रचार करना होता है तो इन्ही अखबारों को फोन करके खबरें लगवाई जाती है।

धामु  ने कहा कि बिना बजट बढाए केवल नीति में थोड़ा परिवर्तन कर मध्यम श्रेणी के अखबारों को बचाया जा सकता है। लेकिन अधिकारी ऐसा नहीं होने दे रहे हैं। विज्ञापन प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को हरियाणा के अखबारों केे हालातों का लगता है ज्ञान ही नहीं है?

यंहा तक  कि अधिकारी और मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़़ लोग अखबारों के संंगठनों के प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री से मिलने का समय ही नहीं देने देते। सरकार के विशेष प्रचार अभियान के दौरान भी इन अखबारों से भेदभाव किया जाता है। क्लब प्रधान ने कहा कि कोरोना के संवेदनशील समय में एक ओर सरकार सभी क्षेत्रों को उबारने के लिए पैकेज दे रही है। परन्तु अखबारों की ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि जर्नलिस्ट क्लब इस बारे में कई बार मांग कर चुका है। धामु ने कहा कि अब हर पार्टी का नेता किसानों की बात उठा रहा है पर किसानों की आवाज को मुखरित करने वाले अखबारों की कोई बात नहीं कर रहा है।

जर्नलिस्ट क्लब भिवानी सत्ता पक्ष सहित सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं को ज्ञापन पत्र भेज कर लधु और मध्यम श्रेणी के अखबारों को आर्थिक पैकेज देने की मांग का समर्थन करने की मांग करेगा। उन्होने कहा कि सभी पार्टियों के नेता अखबारों का शोषण करते हैं। जब बात समर्थन की आती है तो चुपी साध लेते हैं। इसके अलावा क्लब मुख्यमंत्री से इसी मुद्दे पर मुलाकात का समय भी मांगेगा।

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