सर्वे कर रहे कोरोना यौद्धाओं को नही दिए गए सुरक्षा किट : सुनीता वर्मा

-जान जोखिम में डाल फील्ड में उतरे कर्मचारी
-जांच हुई तो निकलेगा बड़ा घोटाला

अशोक कुमार कौशिक

नारनौल। कांग्रेस नेत्री व वार्ड 9 से जिला परिषद सदस्य सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में इस बात को लेकर आक्रोश जताया कि अटेली व कनीना क्षेत्र में शिक्षक, आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर तथा विभिन्न अन्य विभागों के जो कर्मचारी ऑनलाइन सर्वे का काम कर रहे हैं उन्हें कोई सुरक्षा किट नही दिए गए। उन्होंने शिक्षा विभाग और सरकार की ये घोर लापरवाही बताते हुए कहा कि बैगर हथियारों के इन कोरोना यौद्धाओं को इस वैश्विक महामारी के युद्ध के मैदान में उतार दिया गया जिसके परिणाम घातक होंगें।

कांग्रेस नेत्री ने बताया कि उनके द्वारा ली गई जानकारी में ये बात सामने आई कि इस विषय को लेकर अध्यापक संघ के विरोध जताने के बावजूद विभाग या प्रदेश की बीजेपी सरकार ने किसी भी सर्वेयर को इस सुरक्षा किट के रूप में मास्क, दस्ताने, साबुन व सैनेटाइजर की किट नही दी गई सभी कर्मचारियों को रामभरोसे छोड़ दिया गया।

पूर्व उपजिला प्रमुख रही वर्मा ने इसे एक बड़ा घोटाला बताते हुए सरकार से इसकी जांच कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग यदि इन कोरोना यौद्धाओं को ये सुरक्षा किट उपलब्ध कराने में असमर्थ है तो वो हमें बताएं, इन कोरोना सैनिकों के सम्मान में ये सामान इन्हें हम उपलब्ध कराएंगे, क्योंकि इस संकट के दौर में भी राष्ट्रसेवा खातिर इनके द्वारा किये जा रहे योगदान का हम सम्मान करते हैं।

जिला पार्षद ने सरकार को संवेदनहीन बताते हुए उसकी दोषपूर्ण नीतियों की भी आलोचना की, उन्होंने कहा कि ये सरकार इस महामारी में कर्मचारियों द्वारा दिये जा रहे योगदान में भी द्वेषभावना कर रही है। वास्तव में सरकार केवल पुलिस, सफाई कर्मी व डॉक्टर्स को ही कोरोना यौद्धा के रूप में मानती है किसी अन्य कर्मचारी को नही जबकि सभी क्वारेंटाइन सेंटरों पर शिक्षकों की ड्यूटियां लगाई गई हैं। प्रदेश की बीजेपी सरकार को अपनी इस भेदभावपूर्ण नीति को बदलना होगा।प्रेस के नाम जारी पत्र में वर्मा ने इस सरकार से आग्रह भी किया कि इन कर्मचारियों को टेस्टिंग किट न समझा जाये इन के परिवार की चिंताओं की फिक्र करना सरकार का नैतिक दायित्व बनता है।

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