प्राचार्य के खिलाफ जांच में अनियमितता मिलने पर भी पांच माह से कोई कार्रवाई नहीं

-निदेशक को दिसंबर में भेजी गई अनियमिता की जांच रिपोर्ट के बाद भी प्राचार्य पद पर दे रहे हैं सेवा

नारनौल,(रामचंद्र सैनी): गांव डेरोली अहीर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य कंवर सिंह के खिलाफ उप जिला शिक्षा अधिकारी सहित चार अधिकारियों द्वारा की गई जांच में अनियमितता मिलने के बाद भी प्राचार्य आज भी अपने पद पर सेवा दे रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जिला शिक्षा अधिकारी सुनीलदत्त उक्त जांच रिपोर्ट 18 दिसंबर 2019 को निदेशक सेकेंडरी शिक्षा हरियाणा को भेज चुके हैं, लेकिन आज साढे पांच माह बीत जाने के बाद भी उक्त प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। इसको लेकर शिकायतकर्ता रामनिवास का कहना है कि वह अब इस मामले में अदालत का सहारा लेगा।

बता दें कि गांव मंडलाना के रामनिवास पुत्र ब्रह्मदत ने डेरोली अहीर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य कंवर सिंह के खिलाफ शिकायत की थी, कि इन्होंने गांव सिहमा के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्राचार्य रहते हुए भारी अनियमितता बरती है। रामनिवास ने अपनी शिकायत में छह बिंदुओं पर शिकायत की थी। जिनमें 15 कमरों को डिमोलिश करने एवं तीन कमरों को बनाने में अनियमितता बरतने, स्क्रेप मैटरियल बेचकर गबन करने, लोहे की तिजोरी एवं जरनेटर कबाड में बेचकर गबन करने, पीटीए फंड का गलत प्रयोग करने, लाखों रुपये की गलत निकासी करके प्रयोग करने तथा भूंगारका गांव के स्कूल मे बतौर डीडीओ गलत चेक काट करके भुगतान करना शामिल था।

रामनिवास की उपरोक्त शिकायत पर विभाग के उच्चाधिकारियों ने उप जिला शिक्षा अधिकारी विजेंद्र सिंह के नेतृत्व में इंद्रपाल जेई, बलवंत जेई तथा जगबीर डागर लेखाकार की एक जांच कमेटी गठित की थी। चार अधिकारियों की इस जांच कमेटी ने 16 दिसंबर 2019 को जिला शिक्षा अधिकारी को अपनी उक्त सभी 6 बिंदुओं की जांच रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी सुनीलदत्त को सौंप दी थी।

जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपी इस जांच में जांच कमेटी ने बिंदुवार लिखा है कि जुलाई 2019 में विभाग की तरफ से करीब 18 लाख रुपये की जो ग्रांट आई थी उससे तीन कमरों का निर्माण करना था और 15 कमरों तथा गल्र्स एवं बॉयज के एक-एक शौचालय को तोडने की स्वीकृति प्राप्त हुई थी। सिहमा के तत्कालीन प्राचार्य कंवर सिंह ने केवल तीन कमरे तोड़े और बनवाये। इतना ही नहीं इन कमरों के निर्माण करने से पहले विभागीय नियमानुसार एक कमेटी का गठन करना होता है लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं किया गया। किसी तकनीकी व्यक्ति को कमेटी में शामिल नहीं किया गया, इस तरह यहां विभागीय नियमों की पूरी तरह अनदेखी हुई। जांच कमेटी ने यह भी लिखा है कि कमरों के निर्माण में सरकारी हिदायतों व नियमों का भी पालन नहीं किया गया और ना ही उपयोगिता प्रमाण पत्र पर किसी अधिकारी या संबंधित कमेटी के हस्ताक्षर किए गए हैं।

इसी प्रकार जांच कमेटी ने दूसरे बिंदु की जांच में सिहमा स्कूल के वर्तमान प्राचार्य सुधीर यादव का लिखित जवाब भी जांच में शामिल किया है ,जिसमें कहा गया है कि वर्तमान में स्कूल में ना तो कोई तिजोरी और ना ही जरनेटर है। जांच कमेटी ने शिकायतकर्ता के सभी बिंदुओं की जांच करते हुए जांच कमेटी ने लिखा है कि कंवर सिंह प्राचार्य ने किसी भी स्तर पर विभागीय नियमों का पालन नहीं किया है और सरकारी पैसे का दुरुपयोग करने बारे स्वयं को दोषी बनाया है। प्राचार्य कंवर सिंह के खिलाफ चार अधिकारियों की जांच टीम ने तीन पेज की अपनी जांच जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपे आज पूरे साढ़े पांच माह बीत चुके हैं, लेनिक उन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

क्या कहते है डीईओ:-

इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी सुनीलदत्त का कहना है कि सिहमा स्कूल के तत्कालीन प्राचार्य वर्तमान मे डेरोली अहीर में कार्यरत है। जांच कमेटी की रिपोर्ट उन्होंने दो दिन बाद ही विभाग के डायरेक्टर को भेज दी थी। इस मामले में जैसे ही उनके पास कोई आदेश आएंगे कार्रवाई कर दी जाएगी।

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