एम्स निर्माण में देरी सरकार की मंशा पर बड़ा सवाल:

इनेलो प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट रजवन्त डहीनवाल ने दक्षिणी हरियाणा के मनेठी बनने वाले एम्स निर्माण में हो रही देरी को लेकर सरकार ओर इलाके के प्रतिनिधित्व पर सवाल उठाया और कहा कि इस 4 जुलाई 2015 को एम्स की घोषणा हुई थी इतने साल बीत जाने के बाद भी मनेठी में एम्स के निर्माण कार्य तो दूर जमीन का अधिग्रहण नही किया गया तो ये कमी सरकार के साथ साथ इलाके के कमजोर प्रतिनिधित्व की भी है इसके साथ ही दक्षिणी हरियाणा की जनता के साथ बड़ा धोखा भी है जो चुनावों में एम्स निर्माण की बात कहकर उनकी वोट बटोरने काम किया था। अगर उनकी मंशा सही है तो दक्षिणी हरियाणा के सभी सांसदों व विधायकों को मनेठी में बनने वाले एम्स को लेकर एकमत होना चाहिए इसके साथ ही सरकार पर दबाब बनाकर जल्दी से निर्माण कार्य चालू करवाना चाहिए! एम्स निर्माण में देरी कमजोर प्रतिनिधित्व का नतीजा है !चुने सांसदों व विधायको का दायित्व बनता है कि वो अपने इलाके में कैसे भी कर के विकास कार्य करवाये !

इनेलो प्रवक्ता ने सरकार से सवाल किया कि स्वेच्छा से किसानों ने एम्स के लिए सरकारी पोर्टल पर लगभग 193 एकड़ जमीन देने के बाद भी सरकार व प्रशासन इस मामले को लेकर सोये हुए है !ये सोचने का विषय है!

रजवन्त डहीनवाल ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के द्वारा आई वैश्विक महामारी के इलाज के लिए उच्च स्तर के मेडिकल संस्थानों की आज और भी ज्यादा जरूरत है! ऐसी स्थिति में मनेठी एम्स के निर्माण में जितनी देरी होगी वह हरियाणा व नजदीक लगते राजस्थान प्रदेश के लिए उतनी ही हानिकारक स्थिति होगी

इनेलो प्रवक्ता ने केंद्र सरकार व हरियाणा सरकार से आग्रह किया कि वो वोट बैंक की राजनीति करने बजाय दक्षिणी हरियाणा के मनेठी में एम्स निर्माण जल्दी से कराए व इलाके की जनता के सामने अपनी मंशा स्पष्ट करे व इलाके की भोली भाली जनता को गुमराह न करे क्योंकि आज अगर इस इलाके में एम्स होता तो यहाँ के लोगो को इलाज के लिए दूर नही जाना पड़ता !

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