8 जून 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा में गेहूं, सरसों, चने की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही खरीद को अघोषित रूप से बंद करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार से पूछा क्या सरकार ने अपनी घोषणा के अनुसार किसान की रबी फसलों का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद लिया है? और यदि नहीं खरीदा तो क्या एक-एक दाना खरीदने का दावा मात्र एक जुमला था! विद्रोही ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा प्रदेश में कितने किसानों ने 2019-20 की रबी फसल के रूप में अपने-अपने खेतों में गेहूं, चना, सरसों फसल बोई थी1 और इनमें कितने किसानों की फसलें सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी है, इसका विस्तृत ब्यौरा दें1 वास्तविकता यह है किसानों के रबी फसलों का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदने की बात तो बहुत दूर की कौड़ी है सरकार ने मुश्किल से 30 प्रतिशत किसानों की फसलें ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदकर लगभग 70 प्रतिशत किसानों को अनाज व्यापारियों के रहमो-करम पर छोड़ दिया1 विद्रोही ने कहा सरसों फसल की न्यूनतम समर्थन खरीद में भारी घोटाला हुआ है और यह सामने भी आ चुका है1 वहीं गेहूं, चने की फसल की खरीद में भी घोटाला हुआ है1 कोविड-19 संकट का फायदा उठाकर संघी अनाज व्यापारियों से मिलीभगत करके सरकार ने किसानों की बजाय बिचौलियों के सरसों, गेहूं, चना खरीदकर किसानों के साथ धोखाधड़ी की है1 यदि सरकार रबी फसल खरीद की निष्पक्ष स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाए तो एक बड़ा घोटाला सामने आएगा1 वही सवाल उठता है कि जिन किसानों को गेहूं , सरसों, चना अभी तक सरकार ने नहीं खरीदा उनके साथ अन्याय क्यो? विद्रोही ने कहा न्यूनतम समर्थन मूल्य का तो ही अर्थ होता है कि कोई भी फसल उत्पादन सरकार द्वारा घोषित एमएसपी से कम भाव पर किसानों की न बिके1 जहां-जहां किसानों को जिस फसल का न्यूनतम समर्थन नहीं मिल रहा उसकी जवाबदेही किसकी है? विद्रोही ने आरोप लगाया मुख्यमंत्री का रबी फसल का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का दावा जमीनी धरातल पर एक जुमला साबित हुआ है1 Post navigation मोदी -2 सरकार ! मनोहर-जेजेपी सरकार, कोरोना : जनता को उपलब्धि ? थप्पड़ कांड: सोनाली फोगाट का दावा, उनके पास मार्केट कमेटी सचिव का ऑडियो, जिसे सुन लोग उसे मारेंगे जूते