-सरकार की इतनी ही नेकनीयत है तो नारनौल – महेंद्रगढ़ को अलग अलग जिला बनाये अशोक कुमार कौशिक नारनौल। ‘हरियाणा सरकार से अनुरोध है कि क्षेत्रवाद की आग लगा कर हमारे जिले के भाईचारे को ना तोड़ा जाए, क्योंकि केवल नाम बदलने से कोई क्रांतिकारी बदलाव नही होना औऱ न ही कोई विकास कार्यों की नदियां बहनी हैं, हाँ ! हमारे यहां का आपसी सद्भावना का माहौल जरूर खराब होगा…इसलिए हम सबकुछ यथावत रखने के पक्षधर हैं क्योंकि हम नही चाहते कि हमारा आपसी भाईचारा प्रभावित हो’ उक्त उदगार कॉन्ग्रेस नेत्री व वार्ड 9 से जिला पार्षद सुनीता वर्मा ने कही। गौरतलब है कि दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों व दिन भर सोशल मीडिया पर चली अटकलों ने क्षेत्र की राजनीति में इस खबर ने हलचल मचा दी कि जिला महेंद्रगढ़ का नाम बदलकर नारनौल रखा जा रहा है। इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कॉन्ग्रेस नेत्री ने कहा कि वर्तमान बीजेपी सरकार का तनिक भी ध्यान विकास कार्यों की तरफ नही है, और ना ही इसको लेकर उसके पास कोई ठोस रणनीति है इसलिए वो अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए ऐसे कार्य करती है जिससे जनता आपस मे ही उलझ जाए और लोगों का ध्यान मूल समस्याओं से हट जाए, सरकार ऐतिहासिक धरोहरों का या तो नाम बदल रही है या उन्हें बेच रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की इतनी ही नेकनीयत है तो वो नारनौल व महेंद्रगढ़ को अलग अलग जिला घोषित करके उनमें विकास कार्य कराए, लेकिन हम जानते हैं कि सरकार ऐसा नही करेगी। जिला परिषद सदस्य वर्मा ने कहा कि 1966 में पंजाब से अलग होकर बने हरियाणा प्रदेश में जब केवल 6जिले थे तब उनमें महेंद्रगढ़ भी एक जिला था और इस जिले को ये नाम ऐसे ही नही मिला था इसकी ऐतिहासिक धरोहरों एवं इसके अमिट इतिहास के कारण इसे ये नाम मिला है…इसलिए हम पूरे जिले के निवासी ये नही चाहेंगे कि इतिहास से छेड़छाड़ करके हमारे आपसी भाईचारे में क्षेत्रवाद के नाम पर आपसी नफरत का जहर घोला जाए। वर्मा ने कहा कि बीजेपी सरकार होश में आये और अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करे, क्योंकि हम सब जिलावासी इस मामले में एकजुट हैं। सरकार की कुत्सित मंशा को हम सफल नही होने देंगें। Post navigation वेतन सरकार से, काम सुपरवाइज़र के घर प्रकृति की रक्षा के लिए पेड़ पौधे लगाना बहुत जरूरी:ओमप्रकाश यादव