5 जून 2020 .  स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा भाजपा सरकार से आग्रह किया कि केंद्र सरकार के निर्देशों अनुसार एक जुलाई से स्कूल-कॉलेज खोलने का निर्णय करने से पहले प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों से इस मुद्दों पर व्यापक चर्चा करके ही सरकार कोई अंतिम फैसला करें1

विद्रोही ने कहा कि बच्चों के भविष्य के लिए जितना जरूरी स्कूलों को फिर से खोलना है उतना ही जरूरी मासूम बच्चों को कोविड संक्रमण से बचाना भी जरूरी है1 इस संदर्भ में हरियाणा के शिक्षा मंत्री का दावा है कि सरकार ने स्कूल खोलने के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया है1 सवाल उठता है जब सरकार विपक्ष, अभिभावकों, स्वतंत्र-निष्पक्ष विशेषज्ञों से सलाह किए बिना ही केवल संघी विशेषज्ञों, सरकार भक्त निजी स्कूल संचालकों के नाम से संघीयों से ही चर्चा करके स्कूल खोलने का कथित ब्लू प्रिंट तैयार किया है तो ऐसे ब्लू प्रिंट का औचित्य समझ से परे है1

विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस व विपक्षी दल कोविड संकट में हरियाणा सरकार से सहयोग करते आ रहे हैं1 पर सरकार विपक्ष से सहयोग की बजाय समर्पण चाहती है1 जो लोकतंत्र में संभव नहीं है1 एनसीआर क्षेत्र मे जिस तरह कोविड पोजेटिव संक्रमण मामले तेजी से बढ रहे हैं1 उसके चलते फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत जैसे क्षेत्रों के स्कूलों में अपने बच्चों को पढने भेजने में अभिभावकों की झिझक वाजिब है1 सरकार की बच्चों के भविष्य खातिर उनके शिक्षा के प्रति चिंता होना तो स्वभाविक है1 पर पढ़ाई के नाम पर बच्चों की सुरक्षा से भी समझौता नहीं किया जा सकता1

  विद्रोही ने कहा कि हरियाणा में चार तरह के श्रेणीं के स्कूल है1 एक तरफ वे बड़े निजी स्कूल है जिनका आधारभूत ढांचा मजबूत है1 वहीं दूसरी श्रेणी के वे निजी स्कूल है जो शहरों, गांवों तक फैले हैं पर कोविड-19 बचाव के अनुसार उनके पास भी सोशल डिस्टेंसिंग का प्रर्याप्त स्थान नहीं है1 तीसरी श्रेणी के वे निजी स्कूल है जो गांव, शहरों, कस्बों में फैले हैं, जिनमें अधिकांश गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं1 और ऐसे स्कूलों के पास उनके छात्रों की संख्या के अनुपात में न तो पर्याप्त शिक्षा का आधारभूत ढांचा है और वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का तो प्रश्न ही नहीं उठता1 वही चौथी श्रेणी के शहरों, गांवों में फैले सरकारी स्कूल है1 जिनकी स्थिति व आधारभूत ढांचा काफी कमजोर है1

 विद्रोही ने कहा कि ऐसी स्थिति में सभी स्कूलों के लिए एक समान नीति बनाना उचित नही है1 सबसे बड़ी समस्या बच्चों के लिए स्कूल ट्रांसपोर्ट की है1 निजी स्कूलों के पास अपनी निजी बसें तो है पर बड़े निजी स्कूलों को छोडक़र अन्य निजी स्कूलों की बसों में सोसल डिस्टेंसिंग का पालन दूर की कौड़ी है1 वहीं सरकारी व अधिकांश निजी स्कूलों के पास खुद के वाहन नहीं है 1 उनके बच्चे किस तरह सरकारी व निजी बसों, टैम्पो, जीपों, थ्री व्हीलर में लदकर रोज आते-जाते हैं, यह हरियाणा का हर व्यक्ति जानता है1 इसलिए स्कूल खोलने से पहले स्कूलों के बच्चों को कोविड संक्रमण से बचाने ट्रांसपोर्ट का पुरा प्रबंध सरकार को करना होगा1

वहीं विद्रोही ने कहा एक साथ सभी बच्चों को एक कक्षा में एक बार मे एक साथ कुछ निजी स्कूलों व सरकारी स्कूलों को छोडक़र कहीं भी पढ़ाया ही नहीं जा सकता1 इसलिए हर कक्षा के छात्रों को आड-इवन आधार पर बुलाना अनिवार्य है1 वहीं स्कूलों में कोविड संकट बचाव के सभी पुख्ता प्रबंध करने होंगे1 और हर स्कूल में स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित विजिटिंग करके उनके बचाव प्रबंधन की समीक्षा करनी होगी1

 विद्रोही ने कहा एक जुलाई से प्राइमरी स्कूलों को किसी भी हालत में न खोला जाए1 छठी से बारहवीं कक्षा के अनुभवों को आधार पर ही प्राइमरी स्कूल कब खोले जाए यह तय हो1 सरकार को स्कूलो को खोलने का कोई भी प्रयोग करने से पहले स्वतंत्र, निष्पक्ष विशेषज्ञों, अभिभावकों व विपक्षी दलों से व्यापक चर्चा करके उनके सुझावों को भी समावेश करके आखिरी योजना बनानी चाहिए1 ताकि कोविड संक्रमण से बच्चों को बचाने का हर संभव प्रयास हो सके1

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