-गोल्फ कोर्स रोड पर आइरियो बिल्डर विक्ट्री वैली सोसायटी के बुरे हाल
-आज तक फ्लैट्स में बिजली के कनेक्शन नहीं, जनरेटर से बिजली सप्लाई
-गुरुग्राम में 51 मंजिला सबसे ऊंची बिल्डिंग है यहां पर

गुरुग्राम। बड़े-बड़े सपने दिखाकर अपने प्रोजेक्ट बेचकर बिल्डर लोगों को बाद में ठेंगा दिखा देते हैं। उन्हें सुविधाओं से महरूम किया जाता है। गुरुग्राम में बहुत सी ऐसी सोसायटी हैं, जहां पर लोग बिल्डर्स की वायदाखिलाफी से परेशान हैं। ऐसी ही एक सोसायटी है गोल्फ कोर्स रोड पर आईरियो बिल्डर की विक्ट्री वैली। यहां 2.50 करोड़ से लेकर 3.50 करोड़ तक में फ्लैट खरीदे गए हैं। अपने जीवन की इतनी बड़ी पूंजी घर पर खर्च करने के बाद भी लोग दुखी हैं।

गुरुग्राम को इस सोसायटी के लोगों ने इक_े होकर आईरियो बिल्डर के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। लोगों ने बिल्डर पर वायदाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 2 साल पहले लोगों ने यहां पर अपने फ्लैट्स में शिफ्ट किया था। कंपलीशन के लिए बिल्डर को प्रोविजनल सर्टिफिकेट दिया गया था। बाकी काम साथ-साथ पूरे करने को कहा गया था।

यहां प्रदर्शन कर रहे रिटायर्ड ब्रिगेडियर एसके सरीन, सूरत, सौरभ जैन, गौरव जैन, आनंद पेटिया, विनय जायसवाल, रश्मि ग्रोवर, श्वेता, मन्नु कालरा आदि ने बताया कि गुरुग्राम की सबसे ऊंचे यहां पर 51 मंजिला टावर हैं। एक टावर में एक ही लिफ्ट है। लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए एक लिफ्ट में सिर्फ 4 व्यक्ति ही आ-जा सकते हैं। अगर किसी की तबियत खराब हो जाए या कोई इमरजेंसी हो जाए तो यहां पर व्यक्ति की जान ही जा सकती है। क्योंकि एक लिफ्ट से 51वीं मंजिल से नीचे आना आसान नहीं है। लिफ्ट अगर बिजी है तो सीढिय़ों से उतरना किसी भी सूरत में संभव नहीं।

इसके अलावा यहां पर बिजली के कनेक्शन नहीं हैं। कंस्ट्रक्शन के समय का यहां एक टैम्प्रेरी कनेक्शन है। यहां पूरी सोसायटी में जनरेटर से ही बिजली सप्लाई की जा रही है। इससे बाधा आती रहती हैं। जनरेटर से बिजली में यहां 2500-5000 रुपए प्रति फ्लैट खर्चा अलग से लिया जाता है। बिजली का कनेक्शन लेने के लिए साढ़े छह करोड़ रुपए खर्च होने हैं। फ्लैट का कब्जा देते समय सभी से करीब 20 करोड़ रुपए की राशि इन कार्यों के लिए ली गई थी, जिसे बिल्डर ने कहीं और खर्च कर दिया है। पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। टैंकर्स द्वारा पानी यहां पर स्टोर किया जाता है और फिर ऊपर टंकियों में चढ़ाया जाता है। कहने को तो यहां पर आरडब्ल्यूए भी है, लेकिन उसमें कोई भी यहां का रेजीडेंट नहीं है। सभी बिल्डर के लोग हैं। वे उसी के इशारे पर चलते हैं।

यहां के निवासियों ने बताया कि इन सभी समस्याओं को लेकर गुरुवार को कंपनी के प्रोजेक्ट हेड संजय को ज्ञापन दिया गया। साथ ही पुलिस और हरेरा में भी शिकायत दी गई है। लोगों का कहना है कि यहां करोड़ों के फ्लैट उन्होंने सुख-सुविधाओं के लिए खरीदे थे, लेकिन यहां तो समस्याएं ही समस्याएं हैं

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