-नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन की शिकायत पर दिए काम रुकवाने और कब्जा तुड़वाने के आदेश -जिला उपायुक्त को स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन सहित कई अन्य लोगों ने भी दी थी शिकायत भिवानी, 02 जून। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने मंगलवार को शहर के दिनोद गेट क्षेत्र स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम में शामलात भूमि की कब्जे वाली जगह पर निर्माण को तुड़वाए जाने के आदेश दिए हैं। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने पत्र जारी करते हुए भवन निरीक्षक व नगर अभियंता, कार्यकारी अभियंता सहित अन्य अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर भवन निर्माण में मानकों की जांच कर नक्शा जांच करने के भी आदेश दिए हैं। उन्होंने पत्र में यह भी स्पष्ट हिदायतें दी हैं कि अगर निर्माण के दौरान अधिकारियों को कोई भी अनियमितता मिलती है तो फिर तुरंत काम रुकवाकर सील करने की कार्रवाई अमल में लाई जाए। शहर के दिनोद गेट क्षेत्र स्थित अंचल मेटरनिटी नर्सिंग होम के निर्माणाधीन भवन में शामलात भूमि कब्जाने सहित भवन निर्माण नियमों को ताक पर रखकर अस्पताल भवन निर्माण के आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत नगर परिषद अधिकारियों व जिला उपायुक्त को दी गई थी। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि संगठन के समक्ष अस्पताल भवन के निर्माण में अनियमितताओं की सूचनाएं मिली थी। जिसके बाद संगठन ने आरटीआई के जरिए काफी रिकार्ड जुटाया। जिसमें अंचल मेटरनिटी होम निर्माण में शामलात भूमि पर कब्जा किए जाने की बातें भी सामने आई थी। इसी मामले में नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन भवानी प्रताप ने भी उपायुक्त व नगर परिषद अधिकारियों को शिकायत दी थी। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि जिस जगह अस्पताल भवन का निर्माण चल रहा है। उसी के पास पैट्रोल पंप भी बना हुआ है। नियमों के अनुसार किसी भी अस्पताल के पास पैट्रोल पंप की दूरी सौ मीटर दायरे से दूर होनी चाहिए। इसके अलावा अस्पताल भवन का नक्शा भी नगर परिषद से अस्पताल के नाम से मंजूर नहीं है। जहां पर भवन निर्माण किया हुआ है। उसमें अधिकांश जमीन शामलात यानी धर्मशाला के नाम आज भी रिकार्ड में खड़ी है। नगर परिषद कार्यालय में भी 1990 से 1999 तक धर्मशाला के नाम चली आ रही है। इसके बाद फर्जी तरीके से असेसमेंट के सहारे मिलीभगत कर फर्जी तौर पर भूमि की रजिस्ट्री कराई गई। जबकि धर्मशाला की जमीन खरीद और बिक्री दायरे से भी बाहर थी। जिसके आरटीआई के जरिए दस्तावेज भी संगठन ने पहले ही जुटाए थे। इसके अलावा अस्पताल भवन निर्माण के मानकों की भी अनदेखी की गई और नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से निर्माण कार्य जारी रखा गया। नगर परिषद द्वारा पहले भी कई बार नोटिस जारी किए गए, जिनका आज तक कोई जवाब नहींं दियाग या। बृजपाल सिंह ने कहा कि मंगलवार को इंद्रपाल की शिकायत पर एसडीएम कार्यालय मेें भी जांच के दौरान आरोपी पक्ष उपस्थित नहीं हुआ। इस शिकायत में उसकी शिकायत का भी हवाला दिया गया था। एसडीएम के समक्ष शिकायतकर्ता की तरफ से काफी तथ्य रखे गए, जिससे की अस्पताल भवन के अवैध निर्माण को जल्द से जल्द बंद कराकर इसे सील किए जाने की मांग की गई। उन्होंने बताया कि नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी के पत्र में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मौके पर पहुंचकर भवन निर्माण से जुड़े नियमों और नक्शा की जांच कर चल रहे निर्माण में शामलात भूमि की पड़ताल करें और यदि मौके पर भवन निर्माण नियमानुसार नहीं पाया जाता है तो उस भवन निर्माण कार्य को रोककर तुरंत प्रभाव से सील करने की कार्रवाई अमल में लाई जाए। Post navigation प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में अनेकों जनकल्याणकारी और महत्वाकांक्षी योजनाएं लागू : रीतिक वधवा कोरोना संकट को लेकर दानदाताओं ने जरूरतमंद लोगों की हर संभव सहायता की है : प्रो. रामबिलास शर्मा