कोविड 19 से प्रतिरक्षा बूस्टर निवारक शिविर का आयोजन.
डाक्टर जयिता चैधरी और विक्रम चैहान के द्वारा वितरण.
जाटौली के महाराणा प्रताप भवन में कैंप का आयोजन

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी है कि व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक शक्ति मजबूत हो और इस दिशा में आयुर्वेदिक औषधियां काफी कारगर सिद्ध हो रही हैं। आयुष विभाग द्वारा पटौदी के जाटौली क्षेत्र में महाराणा प्रताप सामुदायिक भवन में विशेष रूप से 60 से अधिक के वरिष्ठ नागरिकों कों डाक्टर जयिता चैधरी और हेलीमंडी पालिका वाइस चेयरमैन विक्रांत विक्की चैहान के द्वारा आरस अल्ब 30 वितरित की गई है। इस मौके पर कैंप को सफल बनाने सहित दवा के लिए आने वाले लोगों को सोशल डिस्टेंस बनाये रखने , मास्क लगाने के लिए हेलीमंडी पालिका व स्वास्थ्य विभाग के रोहित चैहान, अतिम कुमार, आशु सैनी, ओमबीर, बबीता, मालती सहित अन्य के द्वारा प्रेरित और जागरूक भी किया गया।  यहां पर विभिन्न आयु वर्ग के तकरीबन 450 लोगों  को दवाई दी गई।

पालिका हेलीमंडी के वाइस चेयरमैन विक्रांत चैहान ने कहा कि विश्व स्तर पर कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने के पश्चात् किए गए अध्ययन में यह सामने आया है कि वायरस का प्रभाव उस व्यक्ति पर कम होता है जिसके शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति मजबूत होती है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए हरियाणा प्रदेश में आयुष विभाग के माध्यम से रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा देने का अभियान शुरू किया गया है। अभियान के तहत अब यह दवा शहरी क्षेत्रो के साथ-साथ देहात के इलाकों में भी प्रदान की जा रही है।

उन्होंने कहा मानव शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पूरा दिन गर्म पानी पिएं। प्रतिदिन आधा घंटा योगासन, प्राणायाम व ध्यान करें। हल्दी, जीरा, धनिया एवं लहसुन आदि मसालों का नियमित रूप से भोजन में प्रयोग करें।  दूध के साथ च्यवनप्राश रोजाना ले सकते हैं। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ व मुनक्का से बनी हर्बल चाय या काढ़ा दिन में दो बार ले सकते हैं। इसमें स्वादानुसार नींबू का रस या गुड़ मिलाया जा सकता है। एक गिलास दूध को गर्म करके आधा चम्मच हल्दी का चूर्ण दिन में एक या दो बार ले सकते है। तिल या नारियल तेल को मुंह में लेकर तीन मिनट तक घुमाकर कुल्ले की तरह थूक दें। बाद में गर्म पानी से कुल्ला कर लें। इनके अतिरिक्त खांसी या गले में खराश होने पर दिन में कम से कम एक बार पुदीने के पत्ते या अजवायन डालकर पानी की भाप लें। लौंग के चूर्ण में गुड़ या शहद मिलाकर दिन में दो से तीन बार लें। आयुष मंत्रालय अनुसार गले में खुश्की या खराश  दूर करने के लिए अजवाइन के पत्तों की भाप भी ली जा सकती है ।

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