-चंडीगढ़ से आए विभाग के मुख्य प्रशासक के दौरा करने के बाद हुई सारी कार्रवाई-प्रशासन ने सभी गोदामों पर लगाया पुलिस पहरा अशोक कुमार कौशिक नारनौल। सरसों खरीद के कथित घोटाले के मामले महेंद्रगढ़ की चारों मार्केट कमेटियों के सचिवों को सस्पेंड करने के बाद सरसों की खरीद एजेंसी हैफेड व नारनौल, नांगल चौधरी, अटेली, कनीना मंडी,करीरा, सेहलंग व दोगंड़ा अहीर खरीद केंद्रों की 18 फर्मों के खिलाफ मुकदमें भी दर्ज किये गये है। सबसे बड़ा कमाल है सरसों घोटाले के असली दोषी राजस्व विभाग और हैफेड विभाग जो खरीद एजेंसी है लेकिन उन पर ही कोई कार्रवाई नहीं की गई। कमाल की जांच है सरकार की असली फर्जीवाड़ा तो पटवारियों द्वारा जमाबंदी की जो गलत तस्दीक की है, वो असली जांच का विषय है पर उसे अनदेखा कर दिया गया। उपायुक्त द्वारा शनिवार को न्यू रेलवे रोड़ गोदाम एरिया पर छानबीन की। अब जांच की सुई हैफेड की तरफ घूम रही है। आज जिला प्रशासन ने हैफेड के सभी गोदामों पर पुलिस का पहरा बैठा दिया है ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी भविष्य में ना हो। इसी मद्देनजर उपायुक्त तथा एसडीएम ने खुद हैफेड के गोदाम और वेयर हाउस के गोदाम का स्टॉक चैक किया। जांच के दौरान स्टाक रिकार्ड सही ना मिलने 18 फर्मों के खिलाफ तथा खरीद एजेंसी द्वारा फ्लूड लगाकर रिकार्ड से छेड़छाड़ करने पर विभाग के जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी श्याम सुंदर की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिनमें नारनौल की फर्म छाजूराम नितेश कुमार, जयश्री ओवरसीज व कुतबापुर एग्रो शामिल है। नांगल चौधरी की जिन फर्मों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें अग्रवाल खाद भंडार, सागर ट्रेडर्स, दहिया ट्रेडिंग कंपनी, भागचंद जयसिंह, जय भवानी ट्रेडर्स व सरपंच ब्रदर्स शामिल है। इनके अलावा मंडी अटेली की दो व कनीना की एक फर्म मनीष ट्रेडिंग कम्पनी, दोगंड़ा अहीर खरीद केंद्र की बोहराजी ट्रेडिंग, करीरा खरीद केंद्र की दो फर्म करीरा फार्मर व डिम्पल ट्रेडिंग तथा सेहलंग खरीद केंद्र की तीन फर्म बालाजी ईन्टरप्राईजेज, शिव नरेश व डिम्पल ट्रेडिंग भी शामिल है, जिनका स्टॉक ना मिलने पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है। विभाग के उपरोक्त अधिकारी श्याम सुंदर द्वारा की गई शिकायत में कहा गया है कि विभाग के पोर्टल व मीडिया के माध्यम से पता चला कि खरीद एजेंसी हैफेड ने खरीद रजिस्टर के रिकार्ड में फ्लूड लगाकर छेड़छाड़ की तथा अंकों को बदल लिया। दर्ज करवाई एफआइआर में यह भी कहा गया है कि हेराफेरी का बोर्ड मुख्यालय स्थित बोर्ड के पोर्टल माध्यम से यह भी पता चला कि खरीद एजेंसी ने कॉलम नंबर आठ के तहत सरसों की बोली करवा ली, लेकिन बाद में जांच के डर से कॉलम नंबर नौ में दर्शाई गई। सरसों की मात्रा को अपने रिकार्ड में दर्शा दिया ताकि हेराफेरी छुप सके। बाद में यह सरसों पड़ोसी राज्य से कम दर पर मंगवाकर अपने गोदाम में सीधा भेजकर मात्रा को पूरा कर देते। विभाग के प्रवर्तन अधिकारी ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है कि इस प्रकार समय रहते जांच के दौरान यह हेराफेरी पकड़ी गई अन्यथा खरीद एजेंसी सरकार को लाखों रुपयों का चूना लगा देती। कृषि बोर्ड के अधिकारी ने इस मामले में खरीद एजेंसी, फर्मों व संबंघित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिए धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करवाया है। सबसे पहले वेरिफिकेशन करने वाला आरोपी है । इस घोटाला में नम्बर दो में फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाने वाला भी दोषी है। पर गाज गिरती है केवल मार्केट कमेटी सचिवों पर बाकी किसान तथा पटवारी को छोड़ देने से जांच की ईमानदारी जनता को कुछ हजम नही हो रही। जांच के दौरान स्टाक रिकार्ड सही ना मिलने 18 फर्मों के खिलाफ तथा खरीद एजेंसी द्वारा फ्लूड लगाकर रिकार्ड से की गई छेड़छाड़ करने पर विभाग के जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी श्याम सुंदर की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिनमें नारनौल की फर्म छाजूराम नितेश कुमार, जयश्री ओवरसीज व कुतबापुर एग्रो शामिल है। नांगल चौधरी के थानाप्रभारी राजकर के अनुसार नांगल चौधरी की जिन फर्मों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें अग्रवाल खाद भंडार, सागर ट्रेडर्स, दहिया ट्रेडिंग कंपनी, भागचंद जयसिंह, जय भवानी ट्रेडर्स व सरपंच ब्रदर्स शामिल है। इनके अलावा मंडी अटेली थाना प्रभारी सज्जन कुमार के अनुसार मंडी अटेली के दो आढ़तियों मातेश्वरी ट्रेडिंग तथा जगदीश चंद प्रकाश चंद पर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। कनीना व महेंद्रगढ़ मार्केट कमेटी के अधीन सात फर्म कनीना की एक फर्म मनीष ट्रेडिंग कम्पनी, दोगंड़ा अहीर खरीद केंद्र की बोहराजी ट्रेडिंग, करीरा खरीद केंद्र की दो फर्म करीरा फार्मर व डिम्पल ट्रेडिंग तथा सेहलंग खरीद केंद्र की तीन फर्म बालाजी ईन्टरप्राईजेज, शिव नरेश व डिम्पल ट्रेडिंग भी शामिल है, जिनका स्टॉक ना मिलने पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है। विभाग के उपरोक्त अधिकारी श्याम सुंदर द्वारा की गई शिकायत में कहा गया है कि विभाग के पोर्टल व मीडिया के माध्यम से पता चला कि खरीद एजेंसी हैफेड ने खरीद रजिस्टर के रिकार्ड में फ्लूड लगाकर छेड़छाड़ की तथा अंकों को बदल लिया। दर्ज करवाई एफआइआर में यह भी कहा गया है कि हेराफेरी का बोर्ड मुख्यालय स्थित बोर्ड के पोर्टल माध्यम से यह भी पता चला कि खरीद एजेंसी ने कॉलम नंबर आठ के तहत सरसों की बोली करवा ली, लेकिन बाद में जांच के डर से कॉलम नंबर नौ में दर्शाई गई। सरसों की मात्रा को अपने रिकार्ड में दर्शा दिया ताकि हेराफेरी छुप सके। बाद में यह सरसों पड़ोसी राज्य से कम दर पर मंगवाकर अपने गोदाम में सीधा भेजकर मात्रा को पूरा कर देते। विभाग के प्रवर्तन अधिकारी ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है कि इस प्रकार समय रहते जांच के दौरान यह हेराफेरी पकड़ी गई अन्यथा खरीद एजेंसी सरकार को लाखों रुपयों का चूना लगा देती। कृषि बोर्ड के अधिकारी ने इस मामले में खरीद एजेंसी, फर्मों व संबंघित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिए धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करवाया है। सरकार और प्रशासन से कोई यह नही बता रहा है कि पटवारी सरकारी भवन में न बैठकर दूर दूर स्थानों पर किराया के कमरे लेकर क्यों बैठते है तथा वही पर सारा रिकॉर्ड रखते है। इसके अलावा वह अपने खर्चे पर सहायक भी रखते है। यह सब कानून जायज न होकर भी सरेआम हो रहा है । Post navigation सरसों खरीद घोटाले में बडी कार्रवाई, जिला की चारों मार्केट कमेटी के सचिव सस्पेंड कैंसर व किडनी रोग से पीडीत नागरिकों को मिलेगी पेंशन