-जिला में कोरोना के कुल 36 केस-6 ठीक होने के बाद 30 केस अभी भी एक्टिव 

अशोक कुमार कौशिक

नारनौल।  जिले में आज दूसरी बार करोना 13 संक्रमित लोगों के रुप में कोरोना बम फूटा  इससे पूर्व एक सप्ताह पहले भी 10  पॉजिटिव मरीज सामने आए थे। आज जिला में  एक लिस्ट तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसमें 12 मरीजों  के नाम व मोबाइल नंबर दर्ज थे। इससे पूर्व एक सप्ताह पूर्व भी संक्रमितों की जानकारी मीडिया  में आने से पहले ही आम लोगों तक पहुंच गई थी । लिस्ट सोशल मीडिया में  वायरल होने के बाद  सामान्य अस्पताल प्रशासन पर सवालिया निशान उठना शुरू हो गया है  कि आखिर यह लिस्ट प्रशासन के नाक के नीचे से कैसे वायरल हुई। आज दोपहर बाद से ही करोना बम फटने के कयास लगाए जा रहे थे। पत्रकारों के ग्रुपों में इसका ईशारा भी किया जा रहा था। उधर सीएमओ अशोक कुमार ने ऐसी किसी लिस्ट के उनके कार्यालय से जारी होने से इंकार किया है। 

जिला में आज कोरोना वायरस के 15 नए केस आए हैं। इसके साथ ही जिला में कोरोना के कुल 36 केस हो गए हैं। इनमें से 6 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। जिला में कोरोना के 30 केस अभी भी एक्टिव है।यह जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार ने बताया कि इनमें एक केस गांव ब्राह्मणवास का है जो 19 तारीख को दिल्ली से आया था। यह बारबर है।

दूसरा केस रामबास से है। यह छात्र 23 मई को दिल्ली से आया है। तीसरा केस मौसमपुर से है। यह महिला हाउस वाइफ है और वह 22 मई को नवलगढ़ से आई है। चौथा केस गांव छापड़ा बीबीपुर से है। यह एक बिजनेसमैन है। यह 17 मई को मुंबई से आया है।

पांचवा केस गांव श्यामपुरा से है। ये कारपेंटर का काम करता है तथा वह 22 मई को जलगांव से आया है।छटा केस गांव खातीवास से है। यह 22 मई को अहमदाबाद से आया है। सातवां केस गांव जाजडियावास से है। यह 15 मई को दिल्ली से आया था।आठवां केस गांव सैदपुर से है। यह बेंगलुरु से आया है। यह सिलाई का काम करता है। नौवां केस जिले के गांव खोड से है जो पुलिस में एसपीओ है। दसवां केस चामधेडा से है जो दिल्ली पुलिस में है। यह 22 मई को आया तथा 23 मई को वापस दिल्ली जा चुका है। इस बारे में दिल्ली सरकार को सूचना दी जा चुकी है। ग्यारहवां केस ढाणी फैजाबाद से है तथा बारहवां केस आकोदा से है। ये दोनों स्वास्थ्य कर्मी हैं। 13वां और 14वां मरीज गांव नांगल नूनिया से है। वही एक मरीज महेंद्रगढ़ के आदर्श नगर से है।

सिविल सर्जन ने बताया कि कोविड-19 के लिए अब तक जिले से 2996 सैंपल भेजे गए हैं। इनमें 251 सैंपल की रिपोर्ट आनी शेष है। जिले में अब तक 8348 लोगों को उनके घरों में एकांतवास में रखा गया है।उन्होंने बताया कि जिले में लोगों की स्क्रीनिंग के लिए 5 मोबाइल टीमों ने 868 लोगों की स्क्रीनिंग की है। इनमें से 123 मरीजों को सामान्य बीमारी मिली है। जिले में 26 मई तक 59045 नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 34849 मरीजों में सामान्य बीमारी पाई गई है।

मंगलवार दिनभर सीहमा में वायरल वीडियों को लेकर रही चर्चा

सीहमा में नही कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज, वायरल वीडियों में मिला मरीज नूनी शेखपुरा का जो कि सीहमा पीएचसी के अंतर्गत आता है गांव

कोरोना पॉजिटिव की अफवाह को लेकर मंगलवार दिनभर सीहमा क्षेत्र में एक वीडियों वायरल होता रहा जिसको देखकर सीहमा क्षेत्र में दिनभर चर्चा यह चर्चा रही कि एक हरियाणा पुलिस का सिपाही कोरोना पॉजिटिव मिला है तथा उसकी पत्नी और बच्चों का भी कोरोना सैम्पल लिया गया है। वायरल वीडियों को लेकर पीएचसी सीहमा के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ जगमोहन यादव ने स्पष्ट किया कि वीडियों में दिखाई जानकारी सही नही है। उन्होंने बताया कि यह कोरोना पॉजिटिव मरीज गांव नुनी शेखपुरा का है तथा कुरुक्षेत्र पुलिस में कार्यरत है। कुछ दिन पूर्व वह अपने गांव परिवार के पास आया था और फिर ड्यूटी पर कुरुक्षेत्र लौट गया। वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि की तो सीहमा पीएचसी के अंतर्गत आने वाले गांव नुनी शेखपुरा में चिकित्सकों ने उसके परिवार जनों के सैम्पल लिये तथा कोरोना जांच के लिए लैब में भेज दिए। डॉ यादव ने बताया कि मंगलवार शाम तक सीहमा गांव में कोई कोरोना का मरीज नही मिला है। वायरल वीडियों में सीहमा की गलत जानकारी दी गई है। इससे एक सप्ताह पूर्व गांव बजाड, गुजरवास व महासर में 4 केस पाए गए । ये सभी अटेली सीएचसी के नीचे आते हैं। इसके अलावा जिले के गांव बायल, नांगल सोडा, रावता की ढाणी, भोजावास, नांगल नुनिया व खातोली जाट में 6 केस पाए गए । यह सभी नांगल चौधरी सीएचसी के अंदर आते हैं। गत दिवस भी नारनौल शहर के किला रोड एक कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। 

अटेली मण्डी के कोरोना पोजिटिव के संपर्क में आए सभी लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव 

अटेली मण्डी के वार्ड नंबर 9 में एक युवक कोरोना पोजिटिव आने के बाद वार्ड को पूरी तरह सील कर दिया गया था। युवक के संपर्क में जितने भी लोग आये थे, जिसकी संख्या करीब 16 थी। सभी 16 लोगों के सैंपल लिए गए थे। सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद अटेली मण्डी के लोगों में जान में जान आई। 

शहर से अब गांव-गांव बढ़ा कोरोना : 

जिला में आज कोरोना के 10 नए मामले सामने आए है। इन मामलों में एक नई बात यह आई है कि सभी मामले गांवों से संबंधित है। इस प्रकार जिला के कई गांवों में कोरोना ने अपनी दस्तक दे दी है। गांवों में कोरोना के मामले आने के बाद सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जगह भी अब महफूज नहीं रही है।

जो पॉजिटिव केस सामने आए है। इनमें से अधिकांश का कनेक्शन मुम्बई व दिल्ली से जुड़ा है। इनमें कुछ संक्रमित सीधे दिल्ली व मुम्बई से आए है। जबकि कुछ दिल्ली-मुम्बई से आने वाले संक्रमित मरीजों के सम्पर्क में आए है। अटेली क्षेत्र के संक्रमितों में कुछ का जुड़ाव दिल्ली पुलिस से भी है। वहीं एक गांव में पहले ही मिले पाजिटिव युवक का पिता भी अब पाजिटिव मिला है। 

महेंद्रगढ़ जिला में कोरोना आया नहीं लाया गया है। लापरवाही के कारण हम रेड जोन की ओर बढ़ रहे है। कोई चोरी छिपे जिला में आया तो किसी ने अस्पताल जाकर कोरोना सैंपल नहीं दिया। जब दिया,  तब तक देर हो चुकी थी। जिला प्रशासन भी सैंपल लेकर व्यक्ति को घर में 14 दिन एकांतवास में रहने के निर्देश देकर अपना पल्ला झाड़ रहा है। वह व्यक्ति घर पर रहने की बजाय “प्रसाद” बांट रहा है। यह लापरवाही हमें व जिला को संकट में डाल सकती है। यह 10 तो आप पहली किस्त समझे। जल्द ही दूसरी किस्त भी इसी लापरवाही की वजह से सामने आने वाली है।

जिले में एकाएक कोरोना पॉजिटिव केसों की बढी संख्या ने जिलेवासियों की निसंदेह धडकन बढा दी है। खासतौर पर जिले के ग्रामीण संभाग में जहां आज भी आपसी लोकलाज के चलते तमाम समझाईशों के बावजूद साथ उठने-बैठने की परंपरा से लोग किनारा नही कर पाए है, ऐसे में गांवों में इन केसों का मिलना ना केवल चिंताजनक है, बल्कि यह बडे खतरे का एक साफ संकेत भी है। अब समय आ गया है कि हमें पुरानी जीवनशैली और जान में से एक को चुनना है। गांवों में जो केस पाए गये है वो सब बाहर से आए हुए थे, लेकिन यहां आने के बाद निश्चित रूप से वो अपने परिवार से तो मिलते ही है और परिवारजन पडोसी से। इस प्रकार संक्रमण फैलने का खतरा कितना गुणा बढ जाता है, इसका अंदाजा लगाना सहज है।

जिन गांवों में कोरोना पॉजिटिव केस पाए गये है, उन गांवों के नागरिकों से भी यही गुजारिश है कि पैनिक ना लें, क्योंकि पैनिक लेने से यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। गांवों में जो भी व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया है स्वभाविक है कि उसके सीधा संपर्क में आने वाले व्यक्ति को भी इसकी जानकारी तो हो चुकी। अब उनको सबसे पहले बिना डरे स्वयं ही अपनी जांच करवानी चाहिए, फिर भले ही उसमें कोई लक्षण हो या ना हो। इतना ही नही उनको अभी से अपने आप को घर में भी परिवार से दूरी बना कर क्वारंटाईन होने की जरूरत है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो अब तक बहुत आंख मिचौली खेल ली करोनो से अब इससे डरना और बचना ही होगा।

अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि कोरोना संक्रमित मरीजो ने नाम पते वाली लिस्ट किसने वायरल की । केवल स्वास्थ्य विभाग के पास होती है यह डिटेल इसलिए स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर अब सवाल उठ रहे है। आखिरी कहा से और किसने की यह लिस्ट वायरल। क्या जिला प्रशासन इस पर करेगा कोई कार्यवाही।

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