-चार दिनों से सरसों का खरीद कार्य बंद फिर भी रात के अंधेरे में खरीद स्थल पर पहंुची सरसों से भरी ट्राली नारनौल, रामचंद्र सैनी जिला की मंडियों में चल रहे सरसों खरीद कार्य में कथित रूप से हुए घोटाले की गूंज किसी तरह सरकार के कानों तक पहंुची। आधीरात को दिए गए संदेष पर अगले दिन ही अलसुबह जिला प्रषासन हरकत में आ गया। प्रषासन ने जिला की तमाम मंडियों के गेट बंद करके हैफेड और आढतियों का स्टाक मिलाना षुरू कर दिया। षाम होते-होते जिला भर से करीब तीस आढतियों के लाइसेेंस रदद कर दिए गए और अनेक को नोटिस देकर जवाब मांगा गया। इसके साथ ही स्टाक मिलान होने और मंडियों मंे पडी सरसों का उठान ना होने के कारण आगामी आदेषों तक जिला की तमाम मंडियों में सरसों की खरीद भी बंद कर दी गई। जो अभी तक भी बंद ही पडी है। प्रषासन की इस सारी कार्रवाई से परचेज एजेंसियों व आढतियों में हडकंप मच गया। पांच दिनों से खरीद बंद होने से अनेक फर्माें का हैफेड के रिकार्ड अनुसार मेल ही नहीं खाया। जिसके चलते खरीद बंद होते हुए भी स्टाक पूरा करने का खेल षुरू हो गया और इधर-उधर से सरसों खरीद स्थल पर लाकर प्रषासन की गाज से बचने की जुगत षुरू हुई। रिकार्ड की पूर्ति करने के लिए खरीद बंद होते हुए भी रात के अंधेरे मे खरीद स्थल पर सरसों से लदे वाहन पहंुचने की सूचना मिली तो पुलिस प्रषासन सख्त हो गया और इसमें उसे सफलता भी मिली। 23 मई की रात को नांगल चैधरी मे सरसों से भरी एक पिकअप पुलिस के हत्थे चढी तो बीती रात रविवार को नारनौल मंडी में भी सरसों से लदी एक ट्रैक्टर-ट्राली को पुलिस ने काबू कर लिया। इसके अलावा मंडी में सरसों से भरा एक ट्रक भी पुलिस ने अपने कब्जे मंे लिया, लेकिन इस ट्रक में जो सरसों के बैग थे वो हैफेड द्वारा उपलब्ध करवाये गए बारदाने वाले थे। इसलिए इस ट्रक में भरी सरसों के बारे में यह जांच जारी थी कि यह सरसों कैसे थी। अब हैरानी की बात तो यह है कि आधी रात को पकडी गई सरसों की ट्राली थाने में पहंुच जाती है और मंडी परिसर में एक ट्रक पुलिस कब्जे में लेकर उसकी जांच षुरू कर दी जाती है तो सत्ताधारी दल के कुछ बडे नेताओं के फोन संबंधित विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के पास घनघनाने षुरू हो गए। सूत्रों के अनुसार जिन भी नेताओं ने फोन किए सभी ने कोई ना कोई दलीले देकर पकडी गए सरसों के वाहनों की छोडने की सिफारिष कर डाली। एक तरफ सरकार के आदेषों पर प्रषासन सरसों खरीद के घोटालेबाजों पर षिकंजा कसने का प्रयास कर रहा है तो दूसरी तरफ सत्ताधारी दल के कुछ नेता ही इनको बचाने के लिए फोन करते हैं। जिससे सवाल यह खडा हो गया है कि ऐसे में प्रषासन घोटालेबाजों पर कार्रवाई कैसे करेगा। पांच दिनों में भी आखिर क्यों नहीं मिल रहा है स्टाक का रिकार्डः- जिला प्रषासन ने पांच दिन पहले मंडियों में छापेमारी करके फिजिकल वैरीफिकेषन किया था। इसके बावजूद आज भी नारनौल व नांगल चैधरी में अनेक आढतियों के स्टाक का रिकार्ड परचेज एजेंसी से मेल नहीं खा रहा है, जिसके चलते ही रात के अंधेरे में राजस्थान और इधर उधर से सरसों लाकर रिकार्ड दुरूस्त करने का खेल षुरू किया गया है। आखिर क्यों लाई जा रही ह ैअब सरसोंः- बहुत से लोग इस बात से अनभिज्ञ होंगे कि आखिर खरीद बंद होते हुए भी रात के अंधेरे में सरसों के वाहन खरीद कंे्रद्र पर क्यों लाए जा रहे है। इसका सीधा और स्पश्ट कारण यह है कि घोटालेबाज किस्म के आढती परचेज एजेंसियों से सांठगांठ करके खरीद स्थल पर सरसों की खरीद दिखा देते हैं और बाद में परचेज एजेंसी के गोदामों पर जो सरसों पहंुचाई जाती है, उसका यह तक पता नहीं चलता है कि वो सरसों कहां से आई है, सरसों की क्वालिटी कैसी होती और सरकारी बैगो में सरसों के साथ-साथ क्या कुछ भरकर उनका वजन पूरा कर दिया जाता है। कुछ वर्शाें पहले प्रदेष के वेयरहाउसों में सरसों के बैगों से ईंट पत्थर के साथ मिटटी निकलने के घोटाले सामने आ चुके हैं। क्या कहते है मार्केट कमेटी चेयरमैनः- इस मामले में मार्केट कमेटी के चेयरमैन जेपी सैनी ने बताया कि उन्हें अल सुबह इस मामले की सूचना मिली तो वे तुरंत ही मंडी परिसर पहंुचे और मामले की सारी जानकारी जिला प्रषासन को दी। चेयरमैन ने बताया कि रात की घटना के बाद उन्होंने मंडी स्थल पर चैबीसों घंटों मंडी सुपरवाइजारों की डयूटी फिक्स कर दी है और उनकी जिम्मेदार तय कर दी है कि जिस भी अधिकारी और कर्मचारी की डयूटी के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई तो उसके खिलाफ सरकार को लिखा जाएग और कार्रवाई भी की जाएगी। Post navigation सरसों खरीद घोटाले को लेकर आधी रात के मैसेज के बाद अलसुबह ही हरकत में आया सारा प्रशासन नारनौल में दोबारा फूटा कोरोना बम, जिला में कोविड-19 के 15 नए केस