-मंडियों के गेट बंद करके खरीदी गई सरसों की फिजिकल वैरीफिकेशन — हैफेड के अधिकारी आठ घंटे बाद भी मौके पर नहीं लेकर गए रिकार्ड, भारी गोलमाल की संभावना

अशोक कुमार कौशिक

 नारनौल। पिछले करीब एक पखवाडे से नारनौल, नांगल चौधरी व निजामपुर में शमशान भूमि, मेडिकल कालेज और लाजिस्टक हब भूमि की जमीनों के अलावा जिनके पास जमीन तक नहीं और ऐसे लोगों द्वारा फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर सरसों बेच देने के मामले सुर्खियां बने। इसके बाद भी जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। सूत्रों के अनुसार यह मामला बुधवार की रात सरकार के कानों तक पहुंचा तो अचानक इस मामले में तीन घंटे बाद आधी रात्रि को ही जिला प्रशासन के पास कडा संदेश आया। आधी रात को आये इस मैेसेज का असर इस कदर हुआ कि अलसुबह ही जिला का पूरा प्रशासन सक्रिय हो गया है।

वीरवार को सुबह छह बजे ही नारनौल के डीसी जगदीश शर्मा, एडीसी मुनेश नागपाल, एसडीएम मनीश फोगाट और सीटीएम मनोज कुमार आदि अधिकारी नारनौल मंडी में पंहुच गए। यहां पहुंचते ही डीसी ने मंडी के सभी गेटों पर ताले लगवाकर किसी भी वाहन के आने और जाने पर पाबंदी लगाते हुए मंडी के अंदर खरीद की हुई सरसों की फिजीकल वेरीफिकेशन करने के आदेश दिए। इसके बाद जिला की तमाम मंडियों पर यह कार्रवाई शुरू करने के आदेश करके अलग-अलग अधिकारियों को नियुक्त किया गया। अल सुबह ही जिला प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद आढतियों का स्टाक मिलान शुरू किया गया । स्टाक मिलान के लिए की गई इस कार्रवाई में जिला प्रशासन ने डीसी कार्यालय से ही कर्मचारियों की डयूटी इसमें लगाई, जिससे मंडियों में हडकंप मच गया। दूसरी तरफ मंडियों के गेट बंद करने के कारण मंडियों के बाहर सरसों से लदे उन वाहनों की लंबी कतारे लग गई, जो वीरवार के शेडयूल के अनुसार खरीद केंद्रों पर अपनी सरसों बेचने के लिए लाए थे। इसके चलते प्रशासन ने भी माना कि आज की इस कार्रवाई से किसानों को परेशानी जरूर हुई है क्योंकि आज की कार्रवाई के आदेष प्रशासन के पास देर रात आये थे अन्यथा आज का शेडयूल जारी नहीं किया जाता।

आखिर हैफेड के अधिकारी क्यों नहीं पहुंचे मौके परः-

जिला प्रशासन अल सुबह ही अपनी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए मंडियों में पहुंच चुका था। फिजिकल वेरीफिकेशन की यह कार्रवाई हैफेड के रिकार्ड के बिना संभव नहीं थी, क्योंकि हैफेड परचेज एजेंसी है और आढतियों को उसी के द्वारा बारदाना दिया जाता है । इसका सारा ब्यौरा सुव्यवस्थित ढंग से रजिस्ट्रर में हैफेड को करना होता है लेकिन दोपहर दो बजे तक भी हैफेड का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। फिजिकल वेरीफेकशन के दौरान जब डीसी जगदीश शर्मा दोबारा मंडी परिसर पहुंचे तो उनके सामने भी यह मुददा रखा गया तो डीसी ने भी डीएम हैफेड को रजिस्ट्रर लेकर मंडी में उपस्थित होने के आदेश दिए।यहां तक की डीसी के जाने के बाद मौके पर उपस्थित एडीसी ने भी हैफेड डीएम को सबके सामने मोबाइल पर लताड लगाई कि जब सारा प्रशासन सुबह से यहां हैं तो वो यहां अभी तक क्यों नहीं आये हैं। इसके बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। 

हैफेड के अधिकारियों की इस लापरवाही के पीछे मंडी परिसर में यही चर्चा थी कि नारनौल हैफेड के डीएम अपने आप को प्रदेश के एक मंत्री का रिश्तेदार बताता है और किसी की परवाह नहीं करते हैं। हैफेड के अधिकारियों द्वारा रिकार्ड ना उपलब्ध करवाने के कारण एडीसी व एसडीएम अपने स्तर पर मंडी में खरीद करके रखी गई सरसों की फिजिकल वेरीफिकेशन करके चले गए।

खरीदी गई सरसों में मिलावट के आरोप भी लगेः –

खरीदी गई सरसों की फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान जब डीसी दोबारा मंडी परिसर पहुंचे तो कुछ लोगों ने खरीदी गई सरसों में मिटटी व तारामीरी मिलाकर सरकार को नुकसान पहुचाने के आरोप लगाए। इस दौरान एक बैग में कुछ मिटटी व कूडा करकट सा भी डीसी को नजर आये तो उन्होंने अपने हाथों से बैग को उडेलकर जांच की और संबंधित अधिकारियों को इस सबको गहराई से देखने के निर्देश दिए।

कनीना। जिला उपायुक्त पहूँचे कनीना अनाज मंडी में, एसडीएम पहले से ही जाँच में जुटे हुए थे। 7 व्यापारिपों के लाईसेंस सात दिन के लिए सस्पैंड
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