26 मई 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक वक्तव्य में कहा कोविड-19 संकट व लोकडाउन के इस दौर मे कांग्रेस द्वारा आमजनों की समस्याओं को उठाने व सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री, मंत्री, संत्री, संघी नेता रोज कांग्रेस को कोसते हैं और जन समस्याओं को उठाने को औछी राजनीति बताने की बेशर्मी कर रहे हैं1 विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से पूछा यदि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सरकार के कामों की पहरेदारी ने करके उसकी गलत, जनविरोधी नीतियों व भ्रष्टाचार पर सरकार पर सवाल नहीं उठाए, उसे घेरे नहीं तो क्या संघी सरकार की गलतियों, भ्रष्टाचार का गुणगान करें1 कोविड संकट में सरकार को जितना सहयोग करना चाहिए कांग्रेस उससे कहीं ज्यादा सहयोग सरकार को दे रही है1 जहा तक कोविड संकट व लोकडाउन में आम जनों, प्रवासी मजदूरों, गरीबों, जरूरतमंदों को सहायता देने का सवाल है कांग्रेस के नेता, कार्यकर्ता पहले ही दिन से सडक़ों पर निकलकर लोगों की हर संभव मदद कर रहे हैं1 जबकि भाजपाई, संघी नेता, कार्यकर्ता गरीबों, मजदूरों, जरूरतमंदों की मदद करने बजाय अपने घरों में एयर कंडीशनर में बैठकर मौज मस्ती कर रहे हैं1 और भाजपा का एक नेता तो इस संकट मे भी चंडीगढ़ में कदाचार करता पकड़ा गया1 विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस को नसीहत देने व उसकी आलोचना करने से पहले संघीयो को अपने गिरेबान में झांककर खुद के आचरण पर ध्यान देने की जरूरत है कि वे इस संकट में लोगों की मदद करने बजाय जुमलेबाजी से लोगों को ठगने व सत्ता दुरुपयोग से अपने निजी हित क्यो साध रहे हैं1 हरियाणा सरकार की हालत यह है कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, गृहमंत्री के बीच सत्ता वर्चस्व बनाने, एक दूसरे को नीचा दिखाने की इतने भारी होड़ है कि वह कमरों से निकलकर बयानों व प्रायोजित खबरों के माध्यम से रोज मीडिया की सुर्खियां बन रहे हैं1 विद्रोही ने कहा कि सरकार के प्रमुख लोग कोविड-19 जैसी महामारी में भी अपने निजी हित साधने, सत्ता दुरुपयोग से पैसा कमाने से बाज नहीं आ रहे वे किस चाल-चरित्र के लोग हैं इस पर कोई टिप्पणी करना भी बेमानी है1 इस कडक़ती गर्मी में आज भी प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस लौटने की जद्दोजहद में सडक़ों पर भूखे, प्यासे, नंगे मारे-मारे फिर रहे हैं और सरकार उनकी उचित व्यवस्था करने बजाय जुमलेबाजी और कांग्रेस की आलोचना की गंदी राजनीति में उलझी हुई है1 विद्रोही ने कहा इस संकट दौर में गरीबों को भोजन-राशन भी सामाजिक-धार्मिक संगठनों व आम लोगों ने दिया जबकि सरकार ने झूठा श्रेय ही नहीं लिया अपितु इस मद में केंद्र से मिला पैसा भी सत्ताधारी नेता व अफसर मिलकर हड़प गए1 विद्रोही ने सत्ता में बैठे संघीयो से पूछा ऐसे हालात में क्या कांग्रेस मौन रहे, सरकार की धांधलियों, जनविरोधी नीतियों पर सवाल उठाने व लोगों की मदद करके विपक्ष की भूमिका निभाने बजाय सरकारी संघी गीत गए1 Post navigation विधायकों की सुनते नहीं अधिकारी, कारण मुख्यमंत्री खट्टर तो नहीं? शिक्षा के लिए किसी के साथ भेदभाव नही होने दिया जाएगा: कंवर पाल