25 मई 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि शराब घोटाले के लिए हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार द्वारा गठित कथित एसईटी के अधिकार क्या है, उसका जांच दायरा क्या है जब यह भी अभी तक तय नहीं हुआ है तो सहज अनुमान लगा ले शराब घोटाले की जांच रिपोर्ट कैसी होगी1

विद्रोही ने कहा कि सरकार ने 31 मई तक एसईटी को शराब घोटाले में अपनी पूछताछ रिपोर्ट देने की बात कही थी उस अवधि में भी मात्र 6 दिन बचे हैं1 और अभी तक एसईटी की जांच दिशा क्या हो यह भी तय नहीं हो पाई है1 भाजपा सरकार ने एसआईटी की जगह एसईटी बनाकर पहले ही अपनी मंशा जता दी थी कि जांच के नाम पर उनकी मंशा क्या है? शराब घोटाले की जांच में गृह मंत्री और मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री के बीच व्यापक मतभेद हैं1 इनकी आपसी राजनीति न केवल जांच कार्य को प्रभावित कर रही है अपितु शराब घोटाले की व्यापकता और उससे जुड़े सत्ताधारी नेताओं को भी बचाने का काम हो रहा है1

विद्रोही ने कहा शराब घोटाला उजागर होते ही मैंने स्पष्ट रूप से कहा था हरियाणा भाजपा सरकार घोटाले की जांच निष्पक्ष कर ही नहीं सकती क्योंकि यह घोटाला सरकार के नेताओं की शह पर हुआ है1 शराब घोटाले के परदे के पीछे के सरगना अपने खिलाफ जांच क्यो होने देंगे1 इसलिए कांग्रेस की शुरू से यह मांग रही है कि इस घोटाले की स्वतंत्र-निष्पक्ष जांच पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाई जाए तभी सच सामने आ सकेगा, असली घोटाले बाजों के चेहरे बेनकाब हो सकेंगे1

विद्रोही ने कहा कोविड-19 संकट और लोकडाउन दौर में सील गोदामों व पुलिस थानों से शराब निकालकर बिना सत्ताधारियो की मिलीभगत से शराब की होम डिलीवरी संभव ही नहीं थी1

विद्रोही ने आशंका जताई पुलिस थानों में जो खराब रखी थी और जांच में थानों में जो शराब दिखाई जा रहा है वह शराब है भी या नहीं मेरे को इस पर भी शंका है1 कहीं शराब के नाम पर थानों में रखी शराब की बोतलों में रंगीन पानी तो नहीं भरा है1 जबकि इन बोतलों से असली शराब निकालकर बेची जा चुकी हो1 इस बात की भी जांच होनी चाहिए जो शराब थानों में रखी भी है वह वास्तव में शराब है शराब के नाम पर रंगीन पानी1

विद्रोही ने कहा यदि भाजपा-जजपा सरकार शराब घोटाले की जांच के प्रति जरा भी गंभीर-ईमानदार है इस घोटाले की जांच पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवाने की तूरंत घोषणा करें1