कहा- अपनी ज़िद्द छोड़े सरकार, नहीं तो प्रदेशव्यापी किसान आंदोलन के लिए रहे तैयार

·       हर प्रकार के संघर्ष में किसान के साथ खड़े हैं हम : दीपेंद्र. ·        किसानों के आक्रोश को कांग्रेसी प्रदर्शन का नाम ना दें सत्ताधारी लोग- दीपेंद्र. ·        सत्ता सहयोगी जेजेपी के दो विधायक भी खुलकर कर रहे हैं सरकार के इस फ़ैसले का विरोध- दीपेंद्र

चंडीगढ़ 25 मईः सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि या तो सरकार धान बुआई पर पाबंदी का फैसला वापस ले, नहीं तो प्रदेशव्यापी किसान आंदोलन के लिए तैयार रहे। सरकार को भाजपा या जजपा नेताओं के ज़रिए ग़लत बयानबाज़ी करवाकर किसानों को बहकाने की बजाए, अपने तानाशाही फ़ैसले के बारे में सोचना चाहिए। आज फतेहाबाद, कैथल और कुरुक्षेत्र समेत प्रदेशभर का किसान सरकार के फ़ैसले का विरोध कर रहा है। फतेहाबाद में किसानों ने अपने ट्रैक्टर सड़कों पर उतारकर और शाहबाद में भाकियू ने बड़ी पंचायत करके अपना आक्रोश ज़ाहिर किया है। सरकार को समझना चाहिए कि कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए जहां पूरा देश घरों में दुबका हुआ है, वहीं किसान 46 डिग्री तापमान में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहा है। ये सोचने वाली बात है कि वो कितना मजबूर होगा। लेकिन किसानों की गुहार सुनने की बजाए सरकार राज हट पर कायम है।

दीपेंद्र ने कहा कि ख़ुद सरकार ने 19 ब्लॉक्स की 50 फ़ीसदी ज़मीन, 26 ब्लॉक्स की पंचायती ज़मीन और 50 हॉर्स पावर से ज़्यादा की मोटर वाले किसानों पर धान बुआई की पाबंदी थोपी है। सरकार के अधिकारी इस फ़ैसले को थोपने के लिए लगातार किसानों के बीच पहुंच रहे हैं। उन्हें भी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की बैसाखी बनी जेजेपी के गुहला चीका और शाहबाद से विधायक भी इस फ़ैसले पर नाराज़गी ज़ाहिर कर चुके हैं। धान बुआई के मुद्दे पर जिस सत्ताधारी नेता ने नेता प्रतिपक्ष की उम्र को ग़लत और अपनी उम्र को सही बताया था, आज उसी मुद्दे को लेकर उन्हीं की पार्टी के विधायक सरकार का खुलकर विरोध कर रहे हैं।

राज्यसभा सांसद ने कहा कि अन्नदाता सत्तापक्ष या विपक्ष की राजनीति से ऊपर होता है। उसका समर्थन करना और उसके हक़ों के लिए आवाज़ उठाना हर नेता का फर्ज़ है। इसलिए हम अपना फर्ज़ निभा रहे हैं और किसान के हर संघर्ष में उसके साथ खड़े हैं। सरकार को भी अपनी किसान विरोधी सोच छोड़कर अपने तानाशाही फ़ैसले को वापिस लेना चाहिए। अगर उसे सच में भूजल की चिंता है तो किसानों पर बंदिशें लगाने की बजाए नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सुझावों पर अमल करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने बार-बार मांग की है कि महामारी के इस दौर में किसान को और मार मत मारो। भूजल के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान बनी प्रदेश की सबसे बड़ी परियोजना दादूपुर-नलवी वॉटर रीचार्ज कैनाल को फिर से शुरू करो। एसवाईएल के पानी को प्रदेश में लाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाओ। झील और फव्वारा पद्धति से सिंचाई को बढ़ावा दो। वैकल्पिक फसलों के लिए किसानों को जागरूक और प्रोत्साहित करो, किसान को उसका उचित मूल्य दो। लेकिन सरकार ऐसा ना करके, लॉकडाउन की बंदिशों का फायदा उठाकर किसानों के हितों से खिलवाड़ कर रही हैं।

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