भिवानी: हरियाणा के निजी स्कूलों और स्कूल शिक्षा बोर्ड के बीच पांच हजार रुपये जुर्माने को लेकर चला आ रहा गतिरोध खत्म नहीं हो रहा। जुर्माना न भरने की स्थिति में बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट रोकने की चेतावनी पर निजी स्कूल भी लामबंद हो गए हैं। स्कूल संचालकों ने दो टूक कह दिया है कि वे किसी सूरत में पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना नहीं भरेंगे। बोर्ड ने मार्च 2019 में निजी स्कूल शिक्षकों के परीक्षा ड्यूटी से अनुपस्थित रहने पर यह जुर्माना लगाया था।

बोर्ड चेयरमैन ने प्राइवेट स्कूल प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में जुर्माना माफ करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब इस जुर्माने को भरने के लिए 25 मई की तिथि निर्धारित कर दी गई है। जिससे स्कूल संचालक खफा हैं। निजी स्कूल संचालकों का एक प्रतिनिमंडल जल्दी मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री से मिलकर अपना पक्ष रखेगा। जिसमें जुर्माना माफ करने व जो स्कूल दे चुके हैं, उन्हें लौटाने की मांग की जाएगी।

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू, संरक्षक तेलुराम रामायणवाला, महासचिव राजेंद्र बाढड़ा, प्रांतीय उपप्रधान सुरेश पंघाल, एडवाइजर घनश्याम शर्मा, साधुराम जाखड़ व महाबीर यादव ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। पिछली वार्षिक परीक्षा में प्राइवेट स्कूलों के एग्जाम सेंटर 35 से 40 किमी दूर बनाए गए। पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लॉकडाउन में देने में वे असमर्थ हैं।सभी तरह की लेटेस्ट विविध एवं शैक्षणिक खबरों के लिए “हरियाणा एजुकेशनल अपडेट” फेसबुक पेज ज्वाइन करें।

उन्होंने कहा कि बोर्ड पर भी जुर्माना लगना चाहिए, क्योंकि बोर्ड ने 20 मई को दसवीं का रिजल्ट घोषित करने के एलान के बावजूद रिजल्ट नहीं निकाला है। उन्होंने कहा कि अगर कोई स्कूल संचालक लेट करता है तो जुर्माना लगा दिया जाता है और बोर्ड कोई गलती करता है तो कोई जुर्माना नहीं।

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