कोरोना वायरस तो दूर नियमों की उल्लंघना पर नहीं कार्रवाई का कोई डर
-स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने की उपायुक्त को शिकायत, शिकायत में 77 ठिकानों की सौंपी लिस्ट -भिवानी में बड़े पैमानें पर चल रहा है पीपीई किट, घरों में मॉस्क सिलाई और सैनिटाइजर बनाने का अवैध धंधा

भिवानी, 27 मई।  भिवानी के हर गली मोहल्ले में जिला प्रशासन और सरकार के मानकों एवं नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पीपीई किट, मास्क सिलाई और सैनिटाइजर बनाने का अवैध धंधा फलफूल रहा है। जिला प्रशासन एवं संबंधित विभागों के ठीक नाक तले चल रहे इस अवैध कारोबार में कुछ सफेदपोश भी जुड़े हैं। जिसकी स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के ने जिला उपायुक्त को शिकायत दी है।

शिकायत में 77 ठिकानों की लिस्ट भी दी गई हैं, जहां पर ये अवैध कारोबार बिना किसी रोकटोक के धड़ल्ले से चल रहा है। बृजपाल सिंह परमार ने अपनी शिकायत में बताया कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में संगठन की तरफ से जनहित याचिका लेकर गए थे। उस समय कोर्ट ने जनहित याचिका में जिला अधिकारियों को शिकायत देने और इससे जुड़े कई तथ्य और जुटाने के आदेश दिए थे। इन्हीं आदेशों के बाद संगठन ने इस मामले की फिर से जिला उपायुक्त को शिकायत दी है।

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि इस अवैध कारोबार से जुड़े लोग आम लोगों की जिंदगी से ही खिलवाड़ नहीं कर रहे, बल्कि चिकित्सकों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं। सबसे गंभीर बात तो यह है कि शहर में कोरोना केस सामने आ चुके हैं, जिन इलाकों में कोरोना केस आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा कंटेनमेंट जोन घोषित किया था, उनमें भी धड़ल्ले से पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर बनाए जा रहे हैं। जिससे कोरोना के संक्रमण को बढ़ावा मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि भिवानी से हरियाणा सरकार, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए नियमों को ताक पर रखकर बिना किसी अनुमति एवं परमिशन के ही पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर तैयार किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग से भी कोई एनओसी तक नहीं ली गई है। इनसे जुड़े काफी तथ्य संगठन द्वारा आरटीआई के जरिए जुटाए जा चुके हैं, जिनके सहारे फिर से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका डाली जाएगी।

बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि भिवानी में तैयार हो रहे पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइज कोरियर, डाक पार्सल व पर्सनल गाडिय़ों के माध्यम से बिना खरीद और बिक्री बिल के देशभर में भेजे जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने इनकी परमिशन भी नियमों की अनदेखी करते हुए दी है। जिला प्रशासन से ऐसा कार्य करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।

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