गौरतलब रहे कि भारत सरकार ने वर्ष 2015 में देश के 100 शहरों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त करके स्मार्ट सिटी मॉडल तैयार करने थे , ये हमारे माननीय प्रधानमंत्री का संकल्प था I अपने नागरिकों को शानदार गुणवत्ता वाला जीवन , स्वच्छ और स्थिर वातावरण और स्मार्ट संसाधनों को बढ़ावा देना व शहरों में नागरिक सुरक्षा के लिए कैमरे , पानी की प्रयाप्त आपूर्ति के लिए स्मार्ट मीटरिंग , यातायात के सुगम साधन , ड्रेनेज व बिजली लाइनों को अंडरग्राउंड करके शहरों को पोल मुक्त करना, नागरिकों के लिए उत्तम स्वास्थ्य व शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध करवाना इत्यादि कार्य भारत सरकार , राज्य सरकार व पब्लिक पार्टर्नशिप में हो रहे हैं I गुरुग्राम का नाम इन 100 शहरों की सूची से बाहर था क्योंकि इन स्मार्ट शहरों के मूलभूत मापदण्डों में गुरुग्राम खरा नहीं उतरा I हरियाणा की बीजेपी सरकार ने शहर में जीएमडीए के माध्यम से गुरुग्राम को प्रदेश के खर्चे से स्मार्ट सिटी बनाने का कार्य शुरू किया जिसमें पूरे शहर में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछा कर शहर के मुख्य चौकों को कैमरे लगाना पानी व ड्रेनेज का कार्य करना इत्यादि हैं I बिजली के तारों को हरियाणा बिजली विभाग खुद अंडरग्राउंड कर रहा है I ऑप्टिकल फाइबर केबल के कार्य को पब्लिक प्राइवेट पार्टर्नशिप का रूप देने के लिए तीन प्राइवेट कंपनियों को कार्य दिया I अनुबंध के अनुसार इन कंपनियों को हरियाणा सरकार ने रोड़ पर केबल डालने की अनुमति बिना किसी शुल्क के दी यानी प्रत्येक कंपनी को करीब 10 करोड़ रूपये की अनुमति फ्री में दे दी जिसके एवज में ये तीनों कंपनियां अपने खुद के नेटवर्क के साथ साथ एक केबल जीएमडीए के लिए डालेंगे जिसका जीएमडीए से कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा I करीब तीन वर्ष से ज्यादा समय हो चुका केवल 40 स्थानों पर कैमरे चालू हुए हैं I कैमरे उपलब्ध करवाने का काम भी बहुत महंगे रेट पर एक जापानी कंपनी को दिया गया है I यानी इस कार्य में लगे कर्मचारियों की तनख्वाह के अलावा लगभग 100 करोड़ रूपया खर्च करने के उपरांत केवल 40 कैमरे मिले हैं , ये जनता के पैसे का दुरूपयोग नहीं है तो क्या है I क्या इतने भारी खर्च से मिले इन 40 कैमरों ने गुरुग्राम को अपराध मुक्त कर दिया I भारतसारथी द्वारा फ़ोन करके इस इस खेल की जानकारी लेनी चाही तो उन्हें कुछ भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला I ये समझ में आया कि शहर स्मार्ट होगा या नहीं किसी को इसकी फ़िक्र नहीं , लेकिन उन कंपनियों को जरूर मालामाल किया जा रहा है जिनको गुरुग्राम को स्मार्ट बनाने का ठेका दिया गया है I गुरुग्राम की किस्मत रही है कि यहाँ के निवासियों के साथ हर बार कोई नया खेल होता है , कभी यहाँ सफाई का ड्रामा करने के लिए चाइनीज कंपनी को जनता की कमाई खिलाई जाती है व कभी गुरुग्राम के विकास का पैसा फरीदाबाद को दे दिया जाता है और जनता मौन रहती है I गुरुग्राम की जनता को चुने हुए सांसद , विधायक , पार्षद व मेयर से पूछना चाहिए कि आखिर किस हक़ से जनता का पैसा अनाप शनाप लुटाया जा रहा है I उन्हें मांग करनी चाहिए कि स्मार्ट सिटी के नाम पर सैंकड़ो करोड़ रूपये का दुरूपयोग बंद करें या इसके लिए कोई स्थाई व उपयुक्त समाधान दें , गुरुग्राम से इकोग्रीन को भगाएं , फरीदाबाद को दिया गया फण्ड वापिस लें I ये भी गौर करने वाली बात है कि गुरुग्राम में हो रहे गोलमाल पर विपक्षी पार्टियां भी मौन हैं , यानी हम मानें कि विपक्ष है ही नहीं , अब इक्का दुक्का भाजपा का असंतुष्ट नेता चुपके चुपके इस और मीडिया को खबर दे रहे हैं I साशन -प्रशासन की तानाशाही के आगे बोलने की हिम्मत किसी की नहीं I Post navigation जिला न्यायालय में कार्यरत न्यायधीश मास्क निःशुल्क वितरित कर रहे साइकिल पर बारह सौ किलोमीटर