गुरुग्राम। गुरुग्राम नगर निगम के भ्रष्टाचार के कारनामों को सीएम खट्टर व गृह एवं निकाय मंत्री अनिल विज भी अनदेखा कर रहे हैं। गौरतलब रहे कि हालिया 141 शहरों में कूड़ा प्रबंधन का सर्वे करके रेटिंग दी गई थी जिसमें गुरुग्राम का नाम लिस्ट में ही नहीं मिला। इस पर भाजपा व अन्य दलों के कुछ नेतागण गुरुग्राम व फरीदाबाद में कूड़ा प्रबंधन का ठेका प्राप्त चाइना की इकोग्रीन कंपनी को हटाने की मांग को एक बार फिर से बुलंद कर रहे हैं। यहाँ देखने वाली बात यह है कि भाजपा वालों की भ्रष्टाचार के खिलाफ की आवाज़ की भी सुनवाई नहीं हो रही है। इसी तरह के कुछ कारनामे और भी हैं जैसे अवैध निर्माण, टेलीकॉम टावर व सडक़ खोदकर केबल डालने के कार्य बिना किसी सरकारी अनुमति के हो रहे हैं जिससे सरकार का रोजाना के हिसाब से करोड़ों रूपये का राजस्व निगम व जीएमडीए के कर्मचारी व अधिकारी चट कर रहे हैं। पहले बात करते हैं निगम एरिया में अवैध निर्माण की कल हुए सीलिंग में पूर्व डिप्टी मेयर परमिंदर कटारिया के अशोक विहार फेज 2 के निवास के साथ लगते दोनों और बिल्डिंग निर्माण कार्य चल रहा है इन पर कार्यवाही नहीं हुई, क्या यहाँ मिलीभगत है। इसी प्रकार टेलीकॉम कंपनियों को टावर लगाने की अनुमति लेनी होती है, कल ही शीतला कॉलोनी के नागरिकों ने बताया कि टावर निर्माण करने वाली कंपनी अनुमति नहीं दिखा रही व ठेकेदार के आदमी बोल रहे है कि एमसीजी में बात करके टावर लगाया जा रहा है। नागरिकों ने सेक्टर 5 थाने में इस टावर के कार्य को रुकवाने की सूचना दी लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। सेक्टर 44 में जीएमडीए के कार्यालय के नजदीक बिना अनुमति के खुदाई का कार्य चल रहा है इन दिनों लॉकडाउन होते हुए भी सडक़ खोदकर केबल डालने का कार्य पूरे शहर में बेरोक-टोक चल रहा है और मजे की बात तो यह है कि किसी के पास भी अनुभागीय अनुमति नहीं है। सडक़ पर गड्ढा लगाकर एक टेलीकॉम कंपनी के कर्मचारी से अनुमति पत्र मांगने पर उसने उत्तर दिया कि ये रोड जीएमडीए की है और जीएमडीए के संबधित अधिकारी ने काम करने की मौखिक अनुमति दे रखी है। इसी प्रकार जीएमडीए के सेक्टर 44 स्थित कार्यालय के बिल्कुल नजदीक ही पंजाब एन्ड सिंध बैंक के सामने वाले रोड पर खुदाई करके केबल डालने वाले ठेकेदार के कर्मचारी ने बताया कि रोड़ का अधिकारी कुछ रुपए लेकर काम करने की अनुमति दे देता है, यह भी बताया कि अनुमति अप्लाई करने पर विभाग के कर्मचारी किसी कारण का बहाना बताकर फाइल रिजेक्ट कर देते हैं इसलिए सीधा रोड़ के जिम्मेदार अधिकारी से बात करके कुछ ले दे के आसानी से काम हो जाता है। मजे की बात तो यह है कि इस लॉकडाउन में भी बदस्तूर कार्य जारी है जबकि जीएमडीए विभाग के मुख्यकार्यकारी अधिकारी वी.एस. कुंडू आईएएस के पास कोविड-19 के लोकडाउन की गुरुग्राम जिले के नोडल अधिकारी की भी जिम्मेदारी है फिर भी उनके दफ्तर के आसपास हो रहे खुल्लम-खुल्ला खेल से वे अनजान हैं। इन सब बातों से लगता है कि सारे कारनामे हरियाणा की बीजेपी सरकार की सहमति से ही हो रहे हैं तभी तो गुरुग्राम में भ्रष्टाचार अपने चरम पर होते हुए भी सीएम खट्टर व निकाय मंत्री अनिल विज दोनों मौन हैं। Post navigation लाखों छात्र-छात्राओं का भविष्य दांव पर पशु मालिक अपने पशुओं को सार्वजनिक स्थानों पर खुला ना छोड़ें