अशोक कुमार कौशिक नारनौल। नांगल चैधरी के विधायक डॉक्टर अभय सिंह यादव ने आज मुख्यमंत्री को लिखे पत्र की प्रति प्रेस को जारी करते हुए बताया कि निजामपुर चैक के पास नारनौल में बन रहे रेलवे पुल की दोषपूर्ण संरचना के कारण भविष्य में एक बहुत खतरनाक दुर्घटना का स्थल बनने जा रहा है, जिसमें समय रहते सुधार करने की नितांत आवश्यकता है । डॉ यादव ने विस्तार से लिखते हुए कहा है कि इस पुल के उठान को निजामपुर चैक से पहले चैक के बिल्कुल पास समाप्त किया जा रहा है जो बहुत ही खतरनाक स्थिति पैदा करेगा । क्योंकि एक तरफ से पुल के ऊपर से गाड़ियां नीचे उतरती जाएंगी, वहीं निजामपुर चैक को क्रॉस करने वाली गाड़ियां पुल से उतरने वाली गाड़ियों के बिल्कुल सामने से गुजरेंगीं । अतः इस स्थिति में दुर्घटना की संभावनाएं बहुत तीव्र होंगी और यह जनजीवन के लिए एक खतरनाक स्थिति बन जाएगी। डॉ यादव ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता श्री रहेजा से इस विषय में तीन-चार बार बात की है परंतु वह उनकी बात से सहमत होते हुए भी इसका कोई समाधान नहीं निकाल पाए। इसी तरह से डॉक्टर यादव ने नेशनल हाईवे के अधिकारियों से भी कई बार बात की हैं परंतु वह भी जिम्मेवारी लेने के लिए तैयार नहीं हैं। वास्तविकता यह है कि पुल का निर्माण रेलवे विभाग की एजेंसी द्वारा किया जा रहा है तथा वर्तमान में इस सड़क का स्वामित्व नेशनल हाईवे के पास है। परंतु नारनौल के तीन तरफ निर्माणाधीन बाईपास के पूरा होने के पश्चात नेशनल हाईवे सड़क के इस भाग को डी-नोटिफाई कर के राज्य सरकार को वापस करने जा रही है। अतः नेशनल हाईवे भी इस वक्त इस सड़क पर खर्च करने के लिए तैयार नहीं है। राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ समस्या यह है कि इस वक्त इस सड़क का स्वामित्व नेशनल हाईवे के पास है अतः राज्य सरकार भी इस पर इस समय पैसा खर्च करने के लिए तैयार नहीं है। डॉ यादव ने मुख्यमंत्री जी को लिखा है कि उन्होंने नेशनल हाईवे के अधिकारियों से बात की है और वह इस बात के लिए तैयार हैं की यदि राज्य सरकार इस सड़क के इस भाग को पहले वापस लेने के लिए तैयार है और इस विषय में अगर राज्य सरकार नेशनल हाईवे को लिखती है तो वह इस सड़कके इस भाग को तुरंत राज्य सरकार को वापस लौटाने के लिए तैयार हैं। डॉ यादव ने इस समस्या से होने वाले संभावित खतरे की पूरी तस्वीर मुख्यमंत्री के सामने रखते हुए लिखा है कि स्थिति इस स्टेज पर पहुंच गई है कि बिना माननीय मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के इस मामले का निपटारा नहीं किया जा सकता। डा. यादव ने लिखा है कि विषय यह नहीं है कि इस पर अतिरिक्त खर्चा कौन वहन करेगा। अपितु विषय यह है कि हमारे सामने आम जन के लिए हमेशा के लिए एक खतरनाक स्थिति का जानते हुए भी निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने इस बात के लिए भी आगाह किया है किया है कि यदि इस पुल की इस दोषपूर्ण डिजाइन को तुरंत ठीक नहीं किया गया तो एक बार पुल का निर्माण पूरा होने के उपरांत फिर इसमें सुधार करना बहुत मुश्किल ही नहीं, अपितु असंभव होगा। अतः डॉ यादव ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि वे तुरंत अपने स्तर पर सभी संबंधित पक्षों की मीटिंग बुलाकर इस समस्या का हल निकालें। Post navigation मंत्री और विधायक से मिलकर ज्ञापन दिया शारारिक शिक्षकों ने नांगल दर्जे में एक युवक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई