दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण और उनके सहयोगी वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा पर विस्तार से जानकारी देते हुए बड़ा ऐलान किया गया है। सरकार ने सूक्ष्म, लघु और कुटीर उद्योगों के साथ छोटे और मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ी राहत दी हैं। इसमें निवेश और सर्विस युनिट को आपस में शामिल करते हुए इसकी सीमा को बढ़ा दिया गया है। वहीं नये ऋण, बैंक गांरटी सहित कई अन्य मामलों पर बड़ा फैसला लिया है। अपने पूरे बयान में वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण ने कहा कि अब आत्मनिर्भर भारत के लिए हम एमएसएमई के तहत 6 महत्वपूर्ण कदम उठायेंगे। इसके लिए 3 लाख करोड़ रूपये एमएसएमई के तहत जारी किये गये हैं। इससे 45 लाख एमएसएमई उद्योगों को फायदा पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि अब हम एमएसएमई की परिभाषा ही बदलने जा रहे हैं और इसमें उन व्यापरियों को भी शामिल करने जा रहे हैं जो इसका लाभ नहीं ले पाते थे। हम इसमें निवेश की सीमा को भी बदलने जा रहे हैं ताकि इसके लाभ अधिक व्यापरियों तक पहुंच पाये। उन्होंने कहा कि अब निवेश और सर्विस युनिट को आपस में मिलाया जा रहा है और इसकी सीमा भी बढ़ा दी जायेगी। अब 1 करोड़ रूपये का निवेश भी सूक्ष्म उद्योग में शामिल किया जायेगा और यदि आपकी टर्न ओवर 5 करोड़ है तब भी आप सूक्ष्म में शामिल माने जाओगे। पहले ये सीमा निवेश के लिए 25 लाख से सर्विस के लिए 10 लाख रूपये थी। वहीं लद्यु उद्योग के लिए सीमा को 10 करोड़ से बढ़ाकर 50 करोड़ रूपये कर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण ने कहा कि पहले कुटीर, सूक्ष्म और लघु उद्योग में जब विदेशों से प्रतिस्पर्धा की बात की जाती थी तो कहीं पीछे रह जाते थे लेकिन अब ये उद्योग भयमुक्त होकर अपने व्यापार को बढ़ा सकते हैं और ये आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में बड़ा कदम है। वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण ने कहा कि इसी तरह से इन उद्योगों के लिए लाॅकडाउन में जो चुनौतियां आती थी अब उन्हें ई कामर्स का लाभ देने का प्रयास किया जायेगा और उनके रूके हुए पेमेंट को 45 दिनों के भीतर लौटाने का प्रयास किया जायेगा। इसके साथ ही उन्हें इसके लिए भी प्रोत्साहित किया जायेगा कि वो प्रर्दशनी या मेलों में अपने उद्योग का प्रचार कर सके। वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण ने कहा कि इसके साथ ही ये बड़ा ऐलान किया गया कि पहले 1 लाख हजार करोड़ रूपये के पैकेज में ये सुविधा दी गयी थी कि ईपीएफ का 12 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार तीन महीनों मार्च, अप्रैल और मई तक दिया जायेगा, अब इसमें तीन महीने जून, जुलाई और अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इससे लगभग 72 लाख 22 हजार लोग लांभवित होंगे और करीब 2500 करोड़ रूपये का भार पड़ेगा।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 30 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान उन लोगों के लिए किया गया है जो नोन बैंकिंग फाइसेंसनल सर्विस के तौर पर कार्य करते हैं। इनकी गांरटी भारत सरकार लेगी और इनको लाभ देकर अर्थव्यावस्था को बढ़ावा मिलेगा।इसी तरह आंशिक तौर पर एनबीएफसी में 45 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जिसकी गांरटी भारत सरकार लेगी और 20 प्रतिशत नुकसान कि जिम्मेदारी रखेगी। इसमें सूक्ष्म, लघु और आम नागरिकों को इसका लाभ मिलने का प्रावधान रखा जायेगा। वहीं बिजली वितरण कम्पनी के नुकसान पर किसी कोई परेशानी ना हो इसके लिए 90 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। ये पैसा पावर कोपरेशन आॅफ इण्डिया के द्वारा दिया जायेगा। वहीं ठेकेदारों के लिए भी इस पैकेज में प्रावधान किया गया है। अब ठेकेदारों को 3 महीनों से 6 महीनों का अतिरिक्त समय दिया जायेगा। अब उसकी बैंक गांरटी को उस समय वापिस किया जा सकता है यदि उसने 75 फीसदी से ज्यादा कार्य पूर्ण कर लिया हो। इसके पीछे अधिक लिक्वडिटी की मंशा को ध्यान में रखा गया है। वहीं ये उन्होंने ये भी कहा कि रेगुलटरी आॅथोरिटी को ये प्रावधान करने के आदेश दिये हैं कि सभी रजिस्टेशन को 3 महीने तक आगे बढ़ा दिया जाये। उन्होंने ये भी कहा कि नाॅन सैलरीड पैंमेंट वालों के टीडीएस में 25 फीसदी की कटौती की गयी है और इसमें 50 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इसका लाभ सीधे आम जनता को पड़ेगा। अपने अंतिम बिंदू में निर्मला सीता रमण ने कहा कि रिफंड के लिए भी विशेष प्रावधान किये गये हैं। चैरिटेबल सहित कई अन्य प्रोपराइटरों के रिफंड जल्द ही वापिस कर दिये जायेंगे। वहीं अब 30 नवम्बर तक इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते हैं। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण ने कहा है कि जैसा की कल आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुना और उन्होंने देश के लिए जो रूपरेखा रखी है और प्रधानमंत्री ने इस बात का पूरा ख्याल रखा है कि इस आर्थिक पैकेज में सभी अलग-अलग सैक्टरों को समाहित किया जाये। इस वजह से ही इस पैकेज का नाम आत्मनिर्भर रखा गया है। ये पूरे भारत के लिए अलग-अलग भाषाओं आत्मनिर्भरता की बात है। उन्होंने कहा कि ये आत्मनिर्भर भारत 5 पिलर पर खड़ा होगा जो प्रधानमंत्री ने गिनाये थे। इसमें लैंड, लेबर, लिक्वडिटी और लाॅज को समाहित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे सिर्फ स्वदेशी को आगे बढ़ाना ही मकसद है। एक आत्मनिर्भर भारत अपनी शक्तियों और उपलब्धियों से ही आगे बढ़ सकता है और पूरी दुनिया की मदद करने में सक्षम हो सकता है। हमनें पहले कार्यकाल में भर लोगों की राय पर कई रिफाॅर्म किये हैं और इस आपदा में भी यहीं करने जा रहे हैं। हमनें जनधन खातों के जरिये मजदूरों और किसानों को सीधा पैसा भेजा है और ये एक रिफाॅर्म ही था। हमनें आयुष्मान भारत, पीएम बीमा फसल योजना, स्वच्छ भारत अभियान, उज्जवला योजना एक रिफाॅर्म का ही हिस्सा है। निर्मला सीता रमण ने कहा कि हमनें जीएसटी सहित कई रिफार्म किये हैं जिसका लाभ इस लाॅकडाउन में भी देश के मध्यम वर्गीय लोगों को पहुंच रहा है। अब इस आर्थिक राहत पैकेज के जरिये आत्मनिर्भर भारत का आधारभूत ढांचा तैयार होगा। वहीं केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज दुनिया के मुकाबले भारत के बहुत अच्छे कदम रहे हैं। हमने दुनिया को दवाई पहुंचाकर सराहनीय कार्य किया हैं। इस लाॅकडाउन में भी हमारी सरकार ने एक लाख 70 हजार करोड़ का पैकेज सबसे पहले दिया था और इसका लाभ करोड़ों लोगों को पहुंचा है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम इस पैकेज में 5 पिलर के आधार पर विश्व गुरू बन सकते हैं। हमनें ये जरूरत है कि हम डिमांड और सप्लाई की चैन को बढ़ाये। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी बड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। चाहे वो कच्छ को भुकम्प के बाद खड़ा करने की बात हो। हमें पीएम मोदी से ये आदेश प्राप्त हुआ है कि हम प्रत्येक दिन अलग-अलग सैक्टर पर इस पैकेज की विस्तार से जानकारी दे। वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण ने कहा कि लाॅकडाउन की घोषणा होने के कुछ घंटों के बाद ही हमनें लगभग 52 हजार करोड़ रूपये तत्काल तौर पर गरीब कल्याण पैकेज के तहत उपलब्ध कराये थे। इसके साथ ही दिव्यांग योजना, किसान फसल योजना सहित कई पैकेज को भी शामिल किया गया था। अब प्रधानमंत्री की नजर आत्मनिर्भर भारत पर है और वो देश के गरीब, देश के किसान को साथ लेकर चलना चाहते हैं। Post navigation वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु प्रतिभाशाली युवाओं को आर्मी की तरफ आकर्षित करने के लिए भारतीय सेना एक नए प्रस्ताव पर कर रही विचार.