दोनों ट्रैनों में लगभग 3000 प्रवासी श्रमिक अपने घरों को हुए रवाना।
– प्रवासी श्रमिकों ने तालियां बजाकर मुफत टिकट, भोजन, पानी आदि देने के लिए जताया राज्य सरकार का आभार।

गुरूग्राम, 13 मई। कोविड-19 वैश्विक महामारी के इस दौर में लॉकडाउन की स्थिति में राज्य सरकार के दिशा निर्देशानुसार गुरूग्राम जिला प्रशासन ने बुधवार को मध्य प्रदेश तथा बिहार के लगभग 3 हजार श्रमिकों को मुफत भोजन तथा टिकट देकर अपने घरों को रवाना किया। बुधवार को गुरूग्राम रेलवे स्टेशन से दो श्रमिक स्पेशल ट्रैन रवाना की गई जिसमें से एक ट्रैन मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ के लिए प्रातः 10ः30 बजे रवाना हुई जबकि दूसरी ट्रैन बिहार के मधुबनी के लिए दोपहर 12ः30 बजे रवाना हुई।

ट्रैन में बिठाने से पहले उन सभी श्रमिकों तथा उनके परिजनों की थर्मल स्कैनिंग करके यह सुनिश्चित किया गया कि उनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित नही है। टीकमगढ़ जाने वाले प्रवासी नागरिकों को गुरूग्राम के सैक्टर-14 स्थित राजकीय महाविद्यालय में एकत्रित किया गया था, जहां से उन्हें बुधवार प्रातः हरियाणा राज्य परिवहन की बसों में बैठाकर गुरूग्राम रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया। गुरूग्राम रेलवे स्टेशन से पहली श्रमिक स्पेशल ट्रैन टीकमगढ़ के लिए के लिए गई है जिसमें 20 बोगियांे में सवार होकर लगभग 1400 श्रमिक खुशी खुशी अपने घरों को रवाना हुए हैं। इस ट्रैन में 15 बोगियां 80-80 सीटों की थी और 5 बोगियां 40-40 सीटों वाली थी।

इसी प्रकार, गुरूग्राम रेलवे स्टेशन से दूसरी श्रमिक स्पेशल ट्रैन बिहार के मधुबनी के लिए रवाना की गई है, जिसमें लगभग 1600 श्रमिक अपने गांवों को गए हैं। इस ट्रैन में 20 बोगियां थी और प्रत्येक बोगी की क्षमता 80 सीटों की थी। मधुबनी जाने वाले जिन श्रमिकांे ने अपना रजिस्ट्रैशन करवाया था उन सभी को सैक्टर-38 स्थित ताउ देवी लाल स्टेडियम में अलसुबह एकत्रित करके उनकी थर्मल स्कैनिंग की गई। केवल उन्ही श्रमिकों को इस ट्रैन में भेजा गया है जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई नही दिए।

-हर जाने वाले को टिकट तथा भोजन दिया गया मुफत
-बच्चे अपनी पसंद की किटकैट चाॅकलेट मुफत पाकर हुए खुश
-सिविल डिफेंस तथा रैडक्रास वालंटियरों ने दिया सहयोग

दोनो ट्रैनों में श्रमिकों व उनके परिजनों को विदा करते समय हरियाणा सरकार की ओर से प्रत्येक व्यक्ति को पैक्ड भोजन के साथ पानी की बोतल तथा टिकट निःशुल्क दी गई। यही नहीं, श्रमिकों के साथ उनके बच्चों की जरूरतों का भी ध्यान रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा बिस्किट तथा नमकीन के विशेष रूप से तैयार करवाए गए पैकेट बच्चों और उनके अभिभावकों को दिए गए। इतना ही नहीं, बच्चों और बड़ों में किटकैट की चाॅकलेट भी वितरित कर उन्हें दोबारा हरियाणा तथा गुरूग्राम आने का न्यौता दिया गया।

हरियाणा सरकार तथा गुरूग्राम जिला प्रशासन की इस मेहमान नवाजी से अपने घरों को जाने के लिए तत्पर श्रमिक व उनके परिवारों का भावुक होना लाजमी था। मुफत टिकट देने से लेकर भोजन, बिस्किट-नमकीन, पानी की बोतल तथा चाॅकलेट आदि के वितरण में सिविल डिफेंस वालंटियरों तथा जिला रैडक्रास सोसायटी के वालंटियरों ने सराहनीय भूमिका निभाई। ट्रेन जब तक प्लेटफाॅर्म नंबर-1 से रवाना नही हुई तब तक ये वालंटियर घूम घूमकर प्रत्येक बाॅगी की खिड़की पर जाकर हर जाने वाले व्यक्ति से पूछ रहे थे कि भोजन मिला की नहीं। इस दौरान जिसे नही मिला उसे भोजन के पैकेट वहीं थमा दिया गया। बच्चों को लुभाने वाली किटकैट चाॅकलेट भी हर डब्बे अथवा बाॅगी में मुफत बांटी गई। इतना ही नही, रेलवे स्टेशन पर तैनात केन्द्रीय गृह मंत्रालय के कर्मियों तथा रेलवे पुलिस फोर्स के जवानों को भी इन वालंटियरों ने पानी तथा चाॅकलेट मुफत में देकर उनका दिल जीत लिया।

दोनो ट्रेन जब अपने गण्तव्य के लिए रवाना हुई तो अंदर बैठे श्रमिकों व उनके परिजनों ने तालियां बजाकर तथा हाथ हिलाकर उन्हें सकुशल घर पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार का आभार जताया। प्लेटफार्म पर खड़े केन्द्रीय गृह मंत्रालय, रेलवे पुलिस , हरियाणा पुलिस तथा प्रशासन के अन्य अधिकारियो नेे भी तालियां बजाकर तथा हाथ हिलाकर सभी श्रमिकों को विदाई दी।

श्रमिकों ने अपने घर जाने की ललक के साथ पुनः लौटने का दिया भरोसा।
-मुफत यात्रा तथा भोजन की सुविधा के लिए हरियाणा का जताया आभार।

मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ को जाने वाली ट्रेन में सवार झांसी के रहने वाले रामबिहारी (आयु लगभग 40 वर्ष) से जब बात की गई तो उसने बताया कि वह गुरूग्राम में मजदूरी करता था तथा डूंडाहेड़ा में अपने परिवार के साथ रहता था। उसने कहा कि लाॅकडाउन में काम धंधा ठप्प होने की वजह से उसने अपने घर जाने का मन बनाया लेकिन उसे गुरूग्राम की बहुत याद आएगी और जैसे ही हालात ठीक होंगे वह और उसका परिवार पुनः यहां लौटकर आएगा। इसी प्रकार के विचार व्यक्त करते हुए छतरपुर निवासी नरेन्द्र राजपूत(21 वर्ष) से बात करने पर उसने बताया कि वह गांव खांडसा में दुकान में काम करता था और लाॅकडाउन खत्म होने के बाद वापिस यहीं पर आएगा।

उसने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा उन सबको मुफत यात्रा का जो तोहफा दिया गया है, उसके लिए वे सरकार के धन्यवादी हैं जिसने मुसीबत में उनका साथ दिया। उसी डब्बे में साथ बैठे दमो हाटा के रहने वाले विजय(24 साल) ने बताया कि वह गुरूग्राम में सैक्टर-52 वजीराबाद में एक जिम में पिछले तीन वर्षों से काम कर रहा है, अब जिम बंद होने की वजह से अपने घर जा रहा है लेकिन जैसे ही सब ठीक होगा वह दोबारा यहां आएगा। टीकमगढ़ निवासी नंदू केवट(40 वर्ष) भी अपनी पत्नी के साथ गांव जा रहे थे। उसने कहा कि वह यहां दो वर्षों से मजदूरी करके जीवनयापन कर रहा था और जब तक बंद है गांव में अपने बच्चों को देख आएंगे। जब खुल जाएगा और काम चलेगा तब वापस आ जाएंगे।

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