भारत सारथी/ऋषिप्रकाश कौशिक
गुरुग्राम। आज अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस है और निगम की ओर से विज्ञप्ति आई कि राव इंद्रजीत सिंह ने कहा है कि मेयर जाकर नर्सों का सम्मान करे और मेयर ने जाकर नर्सों का सम्मान किया। इसी प्रकार चंद दिनों पूर्व ऐसी विज्ञप्ति आई थी कि आरती राव ने आग्रह किया कि हजार आदमियों को खाने के पैसे मेयर बांटें, वह भी ऐसे ही विज्ञप्ति आई थी कि मेयर ने बंाटने आरंभ कर दिए हैं। प्रश्न यह है कि गुरुग्राम साइबर सिटी की पहचान रखता है।

हरियाणा का सबसे समृद्ध निगम गुरुग्राम का है और ऐसे में इन छोटी-छोटी बातों के लिए भी केंद्रीय मंत्री को मेयर को आगाह करना पड़े तो कुछ अजीब सा लगता है। उससे अधिक अजीब यह लगता है कि सलाह कभी भी कोई भी दे सकता है, लेनी भी चाहिए और राव साहब जैसे क्षेत्र के जानकार और अनुभवी वरिष्ठ मंत्री की सलाह मिलना अपने आपमें बहुत सौभाग्य की बात है परंतु उसे सार्वजनिक करना क्या संदेश देना चाहते हैं, यह समझ से बाहर है।

गुरुग्राम निगम सदा ही अपनीकार्यशैली के लिए चर्चा रहता है और यह तो शास्वत नियम है कि जहां पैसा बहुतयायत हो, वहां भ्रष्टाचार के आरोप लगते ही लगते हैं और ऐसे ही गुरुग्राम निगम भी इससे अछूता नहीं है। बार-बार हर विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगते ही रहते हैं और क्या कहें खुद पार्षदों में भी आज ढ़ाई साल से अधिक समय होने पर भी यह विवाद चल ही रहा है कि फाइनेंस कमेटी का गठन क्यों नहीं हो पा रहा है?

गुरुग्राम में भूमि की कीमत आसमान छूती रही है और पिछले समय में यहां बिना नक्शे के फ्लैट बनाकर बेचने का कारोबार भी खूब फला-फूला है और अवैध कॉलोनियों की चर्चा तो खुद राव साहब भी सुनते ही रहते होंगे। तो ये फ्लैट निगम की जमीन पर बन जाते हैं और मेयर की ओर से उस पर कोई सवाल भी नहीं उठते और पूछो तो मासूमियत से जवाब मिलता है कि हमें तो पता नहीं कि कैसे बन रहा है, हमें कोई बताता नहीं।

राव साहब गुरुग्राम की जनता की ओर से मैं आपसे कहना चाहूंगा कि मेयर साहिबा को यह भी बताएं कि जब उनकी अध्यक्षता में सभी की बैठक होती है तो उनका यह अधिकार, फैसला आप करें जरूर है कि निगम में जो हो रहा है उसकी जानकारी उन्हें हो और कोई गलत काम यदि हो रहा है तो वह उसे रोकें लेकिन ऐसा आपने भी कभी देखा नहीं होगा। और भी अनेक मुद्दे हैं, जो जनता आपसे कहना चाहती है लेकिन मैं इतना ही बहुत समझुंगा क्योंकि आपके लिए जितना मैंने कह दिया, वह भी आवश्यकता से अधिक है। आपके बारे में तो कहा जा सकता है कि आप उडती चिडिय़ा के पर गिन लेते हो। अत: कुछ गुरुग्राम की जनता की ओर भी इस समय ध्यान दें।

अब मैं और क्या कहूं। सीसीए स्कूल की पार्किंग ग्रीन बैल्ट में बनी हुई है और मैं स्वयं मेयर को, मेयर के पति अशोक आजाद को, निगमायुक्त को विधानसभा चुनाव से पूर्व ही बता रहा हूं लेकिन उसकी ओर इनका ध्यान नहीं जाता। अब इस प्रकार की बातों से सच्चाई क्या, मजबूरी क्या है यह तो मेयर जानें या निगम अधिकारी जानें लेकिन जनता में तो संदेश यही जाएगा न कि इसमें या तो कहीं भ्रष्टाचार है। अर्थात स्कूल से पैसे आते हैं और या फिर स्कूल मालिक को किसी बड़े मंत्री का आशीर्वाद प्राप्त है और गुरुग्राम की परिस्थितियों को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि यहां आशीर्वाद अगर किसी का हो सकता है तो वह खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल का ही हो सकता है।

प्रश्न यह है कि वह मुख्य सडक़ है। वहां से उस क्षेत्र का पार्षद भी रोज ही निकलता होगा, इसी प्रकार क्षेत्र का जेई, एसडीओ आदि सभी आते=जाते होंगे, जब इसकी जानकारी मेयर और निगमायुक्त को हो तो उसके बाद क्या रह गया। ये सभी मिलकर भी इसे क्यों नहीं हटा पा रहे, यह एक यक्ष प्रश्न है।

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