किसानों की फूल गोभी, चप्पल टींडा की फसल बर्बाद. पंजीकरण भी नहीं घाटे की भरपाई भी कराई जा सके फतह सिंह उजालापटौदी। कोरोना वायरस की वजह से चल रहे लॉकडाउन में घरों में रुककर जहां लोग इस भयानक संक्रमण से बचने की मशक्कम में लगे हुए हैं। वहीं दिल्ली व अन्य मंडियों में सब्जियां नहीं जाने के कारण किसानों की फूल गोभी, चप्पल टींडा की फसल बर्बाद हो रही हैं। किसान मजबूरी में खेत में खराब हो रही फसलें मवेशियों को खिलाने और फसल उखाड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं। फर्रुखनगर निवासी किसान कपिल सैनी, राजबीर, सुभाष, नरेश सैनी, अशोक सैनी, मान सिंह सैनी, नफे सिंह आदि बताया कि फर्रुखनगर व आस पास के दर्जनों किसानों ने अपनी अपनी एक से डेढ एकड़ भूमि पर गोभी की फसल लगाई थी। सब्जी लगाए हुए किसानों को करीब 2 माह का समय बीत गया है। उन्होंने बताया कि फसल लगाने से पहले जुताई और बोवनी में करीब 20 हजार रुपए खर्च हुए हैं। गोभी की सब्जी की फसल तैयार हुई तो कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन लग गया। जिसके कारण वह अपनी गोभी, चप्पल टींडा की पैदावार को दिल्ली, झज्जर आदि मंडियों में नहीं ले जाये पाये। एक तो कोरोना के चलते मौत का भय औँर उपर से फसल खराब होने का डर उन्हें सता रहा है। अकेले फरुखनगर में इतनी गोभी की खपत नहीं है। मंडी में 3 से 5 रुपए किलों के भाव ही मिल रहे है। जिसके चलते गोबी भी फसल उगाने में आई लागत तो दूर मजदूरों की दिहाडी भी पूरी नहीं होती है। मंदी की मार और मार्किट में खपत नहीं होने से अब गोभी की फसल खराब होना शुरू हो गई है। सभी किसानों ने भावाअंतर योजना का पंजीकरण भी नहीं करवा रखा है जिससे घाटे की भरपाई सरकार द्वारा की जा सके। Post navigation जारी है प्रवासी मजदूरों के लौटने का सिलसिला कोरोना पर भी व्यापार?