बिना अनुमति चल रहे स्कूलों से बच्चों की सुरक्षा को खतरा
गुरुग्राम, 30 मार्च 2025। गुरुग्राम के समाजसेवी इंजीनियर गुरिंदरजीत सिंह ने जिले में बढ़ते गैरमान्यता प्राप्त स्कूलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे इन स्कूलों पर अब ताला लगने का समय आ चुका है। गुरुग्राम जैसे विकसित जिले में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अधिकांश स्कूल सुरक्षा मापदंडों पर खरे नहीं उतरते, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
शिक्षा का व्यवसाय बना रहे अवैध स्कूल:
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि शिक्षा को कारोबार बनाने वाले इन स्कूलों पर शिक्षा विभाग को जल्द सख्ती दिखानी चाहिए। स्कूल संचालक एक रजिस्टर्ड स्कूल के नाम पर कई ब्रांच खोल रहे हैं। कई स्कूल सिर्फ प्राइमरी या मिडिल स्कूल की मान्यता प्राप्त होते हैं, लेकिन बड़ी कक्षाओं की पढ़ाई भी करवा रहे हैं। परीक्षाओं के लिए अन्य स्कूलों का सहारा लिया जाता है। कई स्कूल CBSE पैटर्न की पढ़ाई का दावा करते हैं, लेकिन वे किसी बोर्ड से एफिलिएटेड नहीं होते। ऐसे में ये स्कूल न सिर्फ अभिभावकों को बल्कि सरकार को भी ठग रहे हैं।
बच्चों की सुरक्षा की अनदेखी:
गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि कई स्कूल मुख्य सड़कों पर स्थित हैं, जहां भारी ट्रैफिक रहता है। लेकिन न तो स्कूल के बाहर स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं और न ही सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। बच्चों के स्कूल में आने-जाने के दौरान दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूलों को सड़क पर स्पीड ब्रेकर और सुरक्षा कर्मी रखने चाहिए ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
बिना अनुमति और फायर एनओसी वाले स्कूल:
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि कई स्कूल बिना एनओसी और फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के ही चल रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से ऐसे स्कूलों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। ऐसे स्कूलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर, उन्हें बंद करने के आदेश दिए जाने चाहिए।
अभिभावकों के लिए चेतावनी:
गुरिंदरजीत सिंह ने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों के दाखिले से पहले स्कूल के सभी दस्तावेजों की जांच अच्छे से करें। अगर किसी स्कूल पर संदेह हो, तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों से संपर्क करें। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में कई अभिभावक गली-मोहल्लों में खुले अवैध स्कूलों में बच्चों का दाखिला करवा देते हैं। ऐसे स्कूल न केवल बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि मोटी फीस वसूल कर अभिभावकों का आर्थिक शोषण भी कर रहे हैं।
क्या शिक्षा विभाग की नींद टूटेगी?
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से ही ये गैरमान्यता प्राप्त स्कूल धड़ल्ले से चल रहे हैं। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा था कि भारत को विश्व गुरु बनाने का सबसे बड़ा सूत्र शिक्षक के हाथ में है। लेकिन सवाल यह है कि गैर मान्यता प्राप्त स्कूल आखिर किस तरह आदर्श नागरिक बना पाएंगे, जब वे खुद ही कानून का पालन नहीं करते?
शासन-प्रशासन की चुप्पी पर सवाल:
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि जिले में कई स्कूल बिना U-DISE कोड के चल रहे हैं। कॉलोनियों में अवैध प्राथमिक विद्यालय तेजी से बढ़ रहे हैं। नए सत्र 2025-26 के दाखिले भी शुरू हो गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर अभिभावकों ने बच्चों का दाखिला इन स्कूलों में करवा दिया है, तो उनका भविष्य क्या होगा?
सरकारी स्कूलों की कमी क्यों?
उन्होंने पूछा कि बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए नए सरकारी स्कूलों का निर्माण क्यों नहीं हो रहा है? सरकार को चाहिए कि इन गैरमान्यता प्राप्त स्कूलों पर सख्ती से कार्रवाई करे और नए सरकारी स्कूल खोले ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित शिक्षा मिल सके।
निष्कर्ष:
गुरिंदरजीत सिंह का कहना है कि अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग और प्रशासन कब जागता है और इन अवैध स्कूलों पर कार्रवाई करता है। क्या प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा गैरमान्यता प्राप्त स्कूलों पर सख्ती बरतेंगे या फिर सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा? अब वक्त आ गया है कि शिक्षा को कारोबार बनाने वालों पर शिकंजा कसा जाए और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित किया जाए।