हरियाणा सरकार भी स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता को कर रही है गुमराह
चंडीगढ़, 30 मार्च। अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सरकारें योजनाओं के नाम पर जनता को लगातार गुमराह करती आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया था, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद और करनाल को भी शामिल किया गया था। इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने हाल ही में सात और शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की थी। लेकिन, सांसद द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री तोखन साहू ने संसद में स्पष्ट कर दिया कि यह योजना 4 मार्च 2025 तक ही थी।
मिशन के नाम पर पानी में बहाया पैसा:
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 48,000 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि देश के चुने गए 100 शहर आज भी स्मार्ट सिटी नहीं बन पाए। सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए लेकिन नतीजा शून्य रहा।
शहरी विकास के नाम पर भ्रम:
सैलजा ने बताया कि यूपीए सरकार के दौरान शहरी विकास के लिए ‘जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन’ शुरू किया गया था। लेकिन मोदी सरकार ने उसका नाम बदलकर ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ कर दिया। मकसद था शहरों को आधुनिक बुनियादी सुविधाओं और स्मार्ट समाधानों से लैस करना, जिससे नागरिकों का जीवन स्तर सुधर सके। लेकिन नतीजतन, जनता को गुमराह करने के अलावा कुछ नहीं हुआ।
केंद्र सरकार से तीखे सवाल:
सांसद कुमारी सैलजा ने संसद में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय से पूछा:
- स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत और अब तक शामिल किए गए शहरों की संख्या क्या है?
- हरियाणा में स्वीकृत, जारी और उपयोग की गई धनराशि का ब्यौरा क्या है?
- क्या हरियाणा के अन्य शहरों को इस मिशन में शामिल करने की योजना है?
केंद्र सरकार का जवाब:
मंत्रालय में राज्य मंत्री तोखन साहू ने जवाब देते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन (एससीएम) 25 जून 2015 को लॉन्च किया गया था। केंद्र ने 100 शहरों के लिए 48,000 करोड़ रुपये का परिव्यय रखा था। हरियाणा से फरीदाबाद और करनाल नामक दो शहरों को 980 करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय सहायता मिली, जिसमें से 844 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है।
हरियाणा सरकार की गुमराह करने की रणनीति:
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने हिसार, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, पानीपत, रोहतक और सोनीपत को भी स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया था। लेकिन केंद्र सरकार ने योजना ही बंद कर दी। इससे साफ जाहिर है कि सरकार ने जनता को स्मार्ट सिटी के नाम पर धोखा दिया।
केंद्र से मांगा श्वेत पत्र:
कुमारी सैलजा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि स्मार्ट सिटी मिशन पर एक श्वेत पत्र जारी किया जाए, ताकि जनता को यह पता चल सके कि इस योजना के नाम पर किस तरह का खेल खेला गया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने इस योजना पर खर्च किए गए पैसे की कोई समीक्षा नहीं की, जिससे साफ है कि सरकार ने जनता के पैसे को पानी में बहा दिया।
जनता के साथ धोखा:
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम जनता के साथ विश्वासघात है। स्मार्ट सिटी मिशन के नाम पर सिर्फ वादों का ढोल पीटा गया, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जनता को इन फर्जी योजनाओं के बारे में जागरूक होना चाहिए और सरकार से जवाब मांगना चाहिए।