खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन वितरण में हो रहा है भेदभाव

रेवाड़ी, 30 मार्च 2025। स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बीपीएल परिवारों को खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिलने वाले राशन में जानवरों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार कांग्रेस यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए खाद्य सुरक्षा कानून का दुरुपयोग कर रही है।
विद्रोही ने बताया कि जब मार्च माह में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, तब भी हरियाणा में बीपीएल और एएवाई कार्डधारकों को 60 प्रतिशत से अधिक राशन के रूप में बाजरा दिया जा रहा है। यहां तक कि अप्रैल माह में भी स्थिति जस की तस रहेगी, जिसमें गरीबों को 60 प्रतिशत बाजरा और केवल 40 प्रतिशत गेंहू मिलेगा।
गरीबों के साथ अमानवीय व्यवहार:
वेदप्रकाश विद्रोही ने सवाल उठाया कि क्या भाजपा सरकार गरीबों को जानवर समझती है? अगर खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन देना सरकार का संवैधानिक दायित्व है, तो क्या गरीबों को उनकी जरूरत के अनुसार गेंहू और चावल नहीं मिलना चाहिए? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस योजना का उपयोग वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रही है।
रेवाड़ी जिले में राशन वितरण की स्थिति:
विद्रोही ने बताया कि उनके स्वयं के जिले रेवाड़ी सहित पूरे हरियाणा में गरीबों और एएवाई राशन कार्डधारकों को अक्टूबर से मार्च तक लगातार 60 प्रतिशत बाजरा ही मिला है। अप्रैल माह में भी यही स्थिति बनी रहेगी।
उन्होंने जानकारी दी कि रेवाड़ी जिले के 1,71,717 बीपीएल और एएवाई राशन कार्डधारकों के लिए अप्रैल माह में 14,87,972 किलोग्राम बाजरा और 12,67,137 किलोग्राम गेंहू का आवंटन किया गया है। यानी राशन का 60 प्रतिशत हिस्सा बाजरा ही रहेगा। विद्रोही ने कहा कि अप्रैल माह में रेवाड़ी का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है, ऐसे में बाजरा इंसानों के लिए उपयुक्त नहीं है।
प्रधानमंत्री से अपील:
वेदप्रकाश विद्रोही ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 को वोट बैंक का हथियार बनाने के बजाय उस भावना का पालन करें, जिसके तहत कांग्रेस यूपीए सरकार ने गरीबों को भरपेट भोजन देने की मंशा से यह कानून बनाया था।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि गरीबों को जानवर समझकर बाजरा न बांटे, बल्कि इंसान मानकर गेंहू और चावल वितरित करे, ताकि वे अपना पेट भर सकें। विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार को गरीबों की मूलभूत जरूरतों का सम्मान करना चाहिए और राशन वितरण में न्यायपूर्ण और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।