महाधरने में गूंजे पत्रकारों के हक की आवाज़: श्रमजीवी पत्रकार संघ हरियाणा की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. इन्दु बंसल ने संभाली कमान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा गया 10 सूत्री मांग पत्र

27 मार्च 2025, नई दिल्ली – पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ (BSPS) के आह्वान पर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक दिवसीय महाधरने का आयोजन किया गया। इस मौके पर बीएसपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि सत्ता में आने से पहले पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का जो वादा किया गया था, उसे जल्द पूरा किया जाए।
इस धरने में श्रमजीवी पत्रकार संघ हरियाणा की प्रदेश अध्यक्ष व बीएसपीएस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. इन्दु बंसल ने सरकार के खिलाफ पुरजोर आवाज़ उठाई और 10 सूत्रीय मांगों के जरिए सरकार का ध्यान पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की ओर खींचा।

पत्रकारों के हित में रखी गई प्रमुख मांगें:
- पत्रकार सुरक्षा कानून को जल्द से जल्द लागू किया जाए।
- पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की जाए।
- रेलवे कंसेशन सेवाएं पुनः बहाल की जाएं।
- अधिस्वीकृत पत्रकारों को टोल शुल्क से मुक्त किया जाए।
- देशभर में समान रूप से पत्रकार आवास योजना लागू की जाए।
- पत्रकार हत्या के मामलों की फास्ट ट्रैक जांच सुनिश्चित की जाए और इन मामलों के लिए विशेष अदालतें बनाई जाएं।
- पत्रकारों पर दर्ज झूठे मामलों की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष समिति गठित की जाए।
- यूट्यूबर्स और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए अलग नीति बनाई जाए।
- मध्यम और छोटे अखबारों को जीएसटी से छूट दी जाए।
- डीएवीपी और आईपीआरडी में पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधित्व को अनिवार्य किया जाए।
महाधरने में जुटे देशभर के पत्रकार

इस विशाल प्रदर्शन में देशभर के वरिष्ठ पत्रकारों और बीएसपीएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। बीएसपीएस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. इन्दु बंसल के साथ मंच पर मौजूद थे:
- राष्ट्रीय महासचिव: शाहनवाज हसन (झारखंड)
- उपाध्यक्ष: राघवेंद्र मिश्रा (आंध्र प्रदेश)
- संगठन सचिव: गिरधर शर्मा (उत्तराखंड)
- राष्ट्रीय सचिव: डॉ. नवीन आनंद जोशी (मध्य प्रदेश), चंदन मिश्रा (झारखंड)
- राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष: श्रीमती एस.एस. नसरीन (पश्चिम बंगाल)
- तमिलनाडु इकाई से: पी. रविंद्र चंद्रन
- मध्य प्रदेश इकाई: अध्यक्ष डॉ. अरुण सक्सेना, महासचिव महेंद्र शर्मा
- छत्तीसगढ़ इकाई: अध्यक्ष गंगेश द्विवेदी
- उत्तर प्रदेश इकाई: शिबू निगम, मुन्ना त्रिपाठी, जयद वाजपेई
- पश्चिम बंगाल इकाई: अध्यक्ष शैलेश्वर पांडा, बानी व्रत करार, सुभाशीष पाल, मनोज शाह
- राजस्थान इकाई: राजेंद्र शर्मा, आर.के. जोशी
- बिहार इकाई: संजीव जायसवाल, नंदन झा
- झारखंड इकाई: राजीव मिश्रा, जावेद इस्लाम, अरविंद ठाकुर, जगदीश सलूजा
- कानपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष: सरस बाजपेई

इनके अलावा विभिन्न राज्यों के हजारों पत्रकारों ने इस धरने में भाग लिया और इसे सफल बनाया।
प्रधानमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन
डॉ. इन्दु बंसल ने बताया कि इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें पत्रकारों की सुरक्षा, अधिकार और उनके विकास से जुड़े मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की गई।
राजनीतिक दलों और संगठनों का समर्थन
इस महाधरने को विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों का भी समर्थन मिला। धरने में शामिल प्रमुख नेता:
- एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव: संजय प्रजापति
- बसपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष: कविता वर्मा
- भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि: राजेश अग्रवाल
- भाजपा सांसद: मनीष जायसवाल
- कांग्रेस सांसद: सुखदेव भगत
- टीएमसी सांसद: अरूप चक्रवर्ती
- नेशनल कॉन्फ्रेंस (कश्मीर) के सांसद: आगा सैयद रूहल्ला मेहंदी
- लोक समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि
- निर्दलीय सांसद: पप्पू यादव

महाधरना: पत्रकारों की एकता का प्रतीक
डॉ. इन्दु बंसल ने कहा कि यह महाधरना पत्रकारों की एकता और उनके अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने और अन्य मांगों पर त्वरित कार्रवाई करने की अपील की।
निष्कर्ष
इस ऐतिहासिक महाधरने ने स्पष्ट संदेश दिया कि पत्रकारों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। अब यह देखना होगा कि सरकार इन 10 सूत्रीय मांगों पर क्या कदम उठाती है। अगर पत्रकार सुरक्षित होंगे, तो लोकतंत्र मजबूत होगा!