स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

चंडीगढ़,गुरुग्राम, रेवाड़ी, 22 मार्च 2025। स्वयंसेवी संस्था ‘ग्रामीण भारत’ के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा में भाजपा-संघ नेताओं के संरक्षण में पत्थर, बजरी, रेत का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। वहीं, दूसरी ओर प्रदेश के खनन मंत्री लगातार यह दावा कर रहे हैं कि हरियाणा में कहीं भी अवैध खनन नहीं हो रहा।
विद्रोही ने कहा कि सरकार की पोल स्वयं विधानसभा बजट सत्र 2025 में खुल गई, जब एक सवाल के जवाब में सरकार ने स्वीकार किया कि 28 अगस्त 2019 से 30 नवंबर 2024 तक प्रदेशभर में 10,676 अवैध खनन के मामले दर्ज हुए, 13,118 वाहन जब्त किए गए और 34.74 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया।
भाजपा सरकार के झूठे दावे बेनकाब
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में हरियाणा में प्रतिदिन औसतन पांच अवैध खनन के मामले दर्ज किए गए और सात वाहन जब्त किए गए। विद्रोही ने सवाल किया कि जब सरकार स्वयं विधानसभा में अवैध खनन को स्वीकार रही है, तो फिर खनन मंत्री सार्वजनिक रूप से इससे इनकार क्यों कर रहे हैं?
खनन माफिया को भाजपा-संघ नेताओं का संरक्षण?
विद्रोही ने आरोप लगाया कि भाजपा-संघ नेताओं के संरक्षण में खनन माफिया प्रदेश के वनों, पहाड़ों और पर्यावरण को नष्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नूंह (मेवात) में राजस्थान सीमा से सटे दो गांवों में पूरे पहाड़ को अवैध खनन कर सफाचट कर दिया गया, जिससे 2,200 करोड़ रुपये की लूट हुई।
उन्होंने दावा किया कि जिन अधिकारियों ने इस अवैध खनन को रोकने का प्रयास किया, उनका रातोंरात तबादला कर दिया गया।
यमुना नदी का रुख बदलने का खतरा
विद्रोही ने चेतावनी दी कि अवैध खनन के चलते यमुना नदी का प्रवाह प्रभावित हो रहा है, जिससे पर्यावरणीय संकट गहरा सकता है। उन्होंने कहा कि नूंह, नारनौल और यमुना नदी क्षेत्र में खुलेआम अवैध खनन हो रहा है और सरकार सबकुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठी है।
भ्रष्टाचार का अड्डा बना अवैध खनन
विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर अवैध खनन से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने मांग की कि अवैध खनन के खिलाफ उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।